हरदा ने कहा, हार स्वीकारता हूं पर हारा क्यूं, यह जानना जरूरी, संगठन के लोगों को सोचना होगा
लेकिन मुझे हार कर बहादुर बनना पड़ेगा। पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रत्याशी ने परिणाम के बाद साफ कहा कि वह हार स्वीकारते हैं पर हारे क्यूं यह जानना जरूरी है।
हल्द्वानी, जेएनएन : चुनावी मैदान में लोग जीतकर बहादुर बनते हैं। लेकिन मुझे हार कर बहादुर बनना पड़ेगा। पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रत्याशी ने परिणाम के बाद साफ कहा कि वह हार स्वीकारते हैं पर हारे क्यूं, यह जानना जरूरी है। अब संगठन के लोगों को सोचना होगा, ताकि भविष्य की रणनीति तैयार हो सके।
नैनीताल लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी ने पूर्व सीएम हरीश रावत को बड़े अंतर से हराया है। बड़े नेता होने के बावजूद मोदी लहर में हरीश टिक नहीं सके। परिणाम के बाद स्वराज आश्रम में प्रेसवार्ता करते हुए रावत ने कहा कि चुनाव में ब्लॉक स्तर से लेकर बड़े पदाधिकारियों ने पूरी मेहनत की, पर इस मेहनत को हम जीत में नहीं बदल सके। मैंने चुनाव इसलिए लड़ा, ताकि क्षेत्र का विकास करने के साथ ही संगठन को भी मजबूत कर सकूं। वहीं ईवीएम मामले में रावत ने कहा कि चुनाव प्रणाली पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं, लिहाजा आयोग को जवाब तो देना होगा। रावत के मुताबिक, भाजपा के खिलाफ डबल इनकमबेंसी को हम चुनाव में भुना नहीं सके। इसलिए आए हुए नतीजे चौंकाने के साथ चुनौती बन चुके हैं। वहीं भाजपा द्वारा बयानबाजी को लेकर रावत ने कहा कि विजेता कुछ भी कह सकता है। हार के साथ उनकी बातें भी विनम्रता के साथ स्वीकार करूंगा। इस दौरान जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल, महानगर अध्यक्ष राहुल छिमवाल, कांग्रेस नेता सुमित हृदयेश, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष हेमंत बगड़वाल आदि मौजूद रहे।
मोदी-शाह व मशीन में संबंध
हार के बावजूद हरदा ने अपने अंदाज में निशाना साधते हुए कहा कि मोदी, शाह व मशीन के बीच गहरा संबंध है। भाजपा ने जितनी सीट आने की बात कही। मशीन से उतनी ही निकली।
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