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    Haldwani Violence: हल्द्वानी के बवाल में छह की मौत, उपद्रवियों को गोली मारने के आदेश; बाजार-स्कूल बंद

    Updated: Fri, 09 Feb 2024 08:03 AM (IST)

    तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए डीएम वंदना ने रात में ही कर्फ्यू लगाते हुए उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश भी दे दिए हैं। रात में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। चार कंपनी पीएसी समेत जिले भर के थाने व चौकियों का स्टाफ बनभूलपुरा पहुंच गया। उपद्रवी चिन्हित किए जा रहे हैं। शुक्रवार को बाजार सभी स्कूलों को बंद रखने के भी निर्देश जारी किए हैं।

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    Haldwani Violence: हल्द्वानी के बवाल में छह की मौत, उपद्रवियों को गोली मारने के आदेश।

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। उत्तराखंड के हल्द्वानी के चर्चित बनभूलपुरा में सरकारी भूमि पर बने अवैध मदरसा व नमाज स्थल को ध्वस्त करने गई पुलिस, प्रशासन व नगर निगम की टीम पर समुदाय व‍िशेष के लोगों ने पथराव कर दिया। इस दौरान उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाने में आग लगा दी। वहां खड़े पुलिस व मीडियाकर्मियों के दर्जनों वाहन पेट्रोल बम से जला डाले। पुलिसकर्मियों ने किसी तरह थाने से भागकर जान बचाई।

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    बवाल में छह लोगों की मौत

    बवाल में देर रात दो बजे तक छह लोगों की मौत हो चुकी है। महिला एसडीएम व एसपी समेत करीब 250 से अधिक लोग पथराव में चोटिल लोग अस्पतालों में उपचार करा रहे हैं।

    उपद्रव‍ियों को देखते ही गोली मारने के आदेश

    तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए डीएम वंदना ने रात में ही कर्फ्यू लगाते हुए उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश भी दे दिए हैं। रात में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। चार कंपनी पीएसी समेत जिले भर के थाने व चौकियों का स्टाफ बनभूलपुरा पहुंच गया। उपद्रवी चिन्हित किए जा रहे हैं। वहीं, शुक्रवार को बाजार एवं सभी स्कूलों को बंद रखने के भी निर्देश जारी किए हैं।

    बनभूलपुरा में अतिक्रमण तोड़ने पहुंची थी टीम

    बता दें कि बनभूलपुरा वही इलाका है जहां पिछले साल रेलवे की भूमि पर बसी 50 हजार की आबादी वाली बस्ती को खाली कराने का हाई कोर्ट ने आदेश दिया था। पुलिस-प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के लिए पूरी तैयारी भी कर ली थी। इसी बीच मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया और वर्तमान में विचाराधीन है।

    मुस्लिम बहुल क्षेत्र में बनभूलपुरा के मलिक का बगीचा में पिछले दिनों नगर निगम और प्रशासन की टीम अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए पहुंची थी। इस दौरान यहां अवैध मदरसा और नमाज स्थल भी मिला। गुरुवार दोपहर सवा चार बजे करीब पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की टीम बुलडोजर लेकर अतिक्रमण तोड़ने पहुंची थी।

    प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के अलावा पुलिस व निगम कर्मचारी मिलाकर करीब 700 लोगों की फोर्स थी, लेकिन जैसे ही बुलडोजर और टीम आगे बढ़े। चारों तरफ से पथराव शुरू हो गया। देखते ही देखते करीब 10 हजार से अधिक मुस्लिम समुदाय के लोगों की भीड़ जुट गई।

    सड़क से लेकर घरों की छतों से पत्थर बरसने लगे। एसडीएम कालाढूंगी रेखा कोहली, एसपी हरबंस सिंह, एसओ प्रमोद पाठक समेत पुलिस, निगमकर्मी संग पत्रकारों को पत्थर लगे। छह बजे तक बवाल पूरे क्षेत्र में फैल चुका था। भारी संख्या में उपद्रवी बनभूलपुरा थाने पहुंच गए। जहां उन्होंने थाने के बाहर खड़े पुलिस व मीडियाकर्मियों के एक दर्जन से अधिक वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा अलग-अलग इलाकों में 50 से अधिक वाहन जलाए गए हैं। इसमें पीएसी व पुलिस की दो बस, सड़कों पर खड़े चौपहिया व दोपहिया वाहन शामिल हैं। दर्जनों वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया है।

    बनभूलपुरा मामले में हाई कोर्ट का राहत देने से इनकार

    हाई कोर्ट ने हल्द्वानी में बनभूलपुरा क्षेत्र के मलिक का बगीचा व अच्छन खान के बगीचे में अतिक्रमण ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। अवकाशकालीन न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता साफिया मलिक व अन्य को किसी तरह की राहत नहीं देते हुए अगली सुनवाई की तिथि 14 फरवरी नियत कर दी है।

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    यह मामला इतना संवेदनशील था कि सरकार की ओर से महाधिवक्ता व अन्य सरकारी अधिवक्ता पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि यह भूमि बिना कमिश्नर की अनुमति के कई बार हस्तांतरित की गई है, जबकि यासीन मलिक को यह भूमि कृषि उपयोग के लिए दी गई थी। शर्त थी कि इसमें बिल्डिंग नहीं बनाई जाएगी। यह भूमि ट्रांसफर नहीं हो सकती, लेकिन फिर भी बिक्री कर दी गई, जो नियम विरुद्ध है।

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    याचिकाकर्ता का कहना था कि उनके पास 1937 की लीज है, जो मलिक परिवार से मिली है। सरकार इसमें कब्जा नहीं ले सकती। नगर निगम की ओर से जारी नोटिस में मदरसे को अवैध बताते हुए ध्वस्त करने को कहा गया है।