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    Haldwani Riot: हाई कोर्ट से बनभूलपुरा दंगा के मुख्य आरोपित को झटका, नहीं मिली जमानत

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 12:18 PM (IST)

    नैनीताल उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी बनभूलपुरा कांड के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक समेत कई की जमानत याचिका खारिज कर दी, जबकि वसीम नामक एक आरोपी को जमानत दी गई। वसीम पर भीड़ को उकसाने का आरोप है, लेकिन प्राथमिकी में उसका नाम नहीं था। मलिक पर सरकारी जमीन हड़पने और दंगा भड़काने के आरोप हैं, जिसके चलते सरकार ने उसकी जमानत का विरोध किया। अदालत ने अगली सुनवाई 5 मई को तय की है।

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    एक आरोपित वसीम की जमानत मंजूर. Concept Photo

    जासं, नैनीताल। हाई कोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा कांड साजिशकर्ता व मुख्य आरोपित अब्दुल मलिक , अब्दुल मोईद सहित 19 आरोपितों की जमानत याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने मुख्य आरोपितों को किसी तरह की राहत नहीं दी जबकि एक आरोपित की जमानत मंजूर कर ली।बुधवार को वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई के बाद आरोपित वसीम की जमानत मंजूर कर दी है।

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    इस दौरान बचाव पक्ष की ओर से बताया गया कि आरोपित वसीम पर भीड़ उकसाने व आगजनी का आरोप लगाया गया जबकि वसीम का नाम न तो प्राथमिकी में है, ना वह घटना में शामिल रहा। संदेह के आधार पर बिना वजह गिरफ्तार किया गया। खंडपीठ ने मुख्य आरोपितों को कोई राहत नहीं देते हुए अगली सुनवाई को पांच मई की तिथि नियत की है। मुख्य आरोपित मलिक को राजकीय भूमि को खुर्द बुर्द करने के मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है जबकि दंगा फैलाने के मामले में उनकी व 20 अन्य आरोपितों की अभी तक जमानत नही हुई।

    मलिक सहित अन्य पर बनभूलपुरा दंगे के समय चार मुकदमे दर्ज हुए थे। जिसमें से एक मामला ये भी था कि मलिक ने कूटरचित ,झूठे शपथपत्र के आधार पर राजकीय भूमि को हड़पने का कार्य किया। नजूल भूमि पर कब्जा करके प्लॉटिंग, अवैध निर्माण करके उसे बेचा गया। राज्य सरकार की तरफ से उनकी जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा कि बनभूलपुरा कांड की शुरुआत यही से हुई थी।

    जब प्रशासन इस अवैध अतिक्रमण को हटाने गया तो उनके ऊपर पथराव-आगजनी की गई। जिसने दंगा का रूप ले लिया। इसी दंगे में सरकारी, पुलिस व अन्य लोग घायल हो गए। पांच लोगों की जान गई। दंगे से संबंधित मामलों की जमानत नहीं हुई है। आरोपितों का कहना है कि उनको झूठा फंसाया गया है। प्राथमिकी में उनका नाम नही है। पुलिस ने जबरन इस मामले में फंसाया है। दंगे के आरोपितों को पहले ही जमानत मिल चुकी है।