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    Haldwani: गौलापार में नया बाईपास शुरूआती बारिश में आधा फीट धंसा, एनएचएआइ का काम सवालों के घेरे में

    Updated: Wed, 03 Jul 2024 02:32 PM (IST)

    Gaulapar New Bypass Sank गौलापार में नवाड़खेड़ा गांव से काठगोदाम जाने के लिए एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने नया बाइपास बनाया था। ये बाईपास मानसून की शुरूआती बरसात ही नहीं झेल सका। गौलापार में बना यह बाईपास रामपर टू काठगोदाम हाईवे चौड़ीकरण प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है। यहां करीब आधा फीट तक सड़क धंस चुकी है। एक जगह पर डामर का जोड़ पूरी तरह टूट चुका है।

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    Gaulapar New Bypass Sank:गौलापार में नवाड़ खेड़ा से काठगोदाम के लिए बनाई गई बाईपास रोड धंस गई। जागरण

    जासं, हल्द्वानी। Gaulapar New Bypass Sank: गौलापार में नवाड़खेड़ा गांव से काठगोदाम जाने के लिए एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने नया बाइपास बनाया था। इस साल की शुरूआत में यहां काम पूरा हुआ था लेकिन ये बाईपास मानसून की शुरूआती बरसात ही नहीं झेल सका। यहां करीब आधा फीट तक सड़क धंस चुकी है। एक जगह पर डामर का जोड़ पूरी तरह टूट चुका है।

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    ऐसे में ठेकेदार के माध्यम से करवाया गया एनएचएआइ का यह काम सवालों के घेरे में है। गौलापार में बना यह बाईपास रामपर टू काठगोदाम हाईवे चौड़ीकरण प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है। अक्टूबर 2017 में यह प्रोजेक्ट शुरू हुआ था। रामपुर से रुद्रपुर तक तक तो काम समय से पूरा हो गया लेकिन उत्तराखंड की सीमा में आने के बाद रफ्तार धीमी हो गई।

    पहले ये काम सद्भाव कंपनी को मिला था लेकिन लगातार देरी की वजह से समय अवधि बढ़ती चली गई। लालकुआं से तीनपानी पहुंचने के बाद बाईपास होते हुए काठगोदाम तक सड़क चौड़ीकरण का काम भी इसी प्रोजेक्ट में शामिल है। इंटरनेशनल स्टेडियम के बाद नवाड़खेड़ा गांव से एक पुराना रास्ता गौलापार और चोरगलिया की ओर जाता है। यहां से करीब एक किमी लंबा नया बाईपास बनाया गया है।

    पांच-छह माह पूर्व ही यह काम पूरा हुआ है। इस बाईपास के बनने से काठगोदाम की ओर जाने वाले लोगों को खेड़ा चौराहा जाने की जरूरत नहीं है। मगर मानसून की शुरूआत में ही यह बाईपास धंस गया है। बाइपास की शुरूआत में बड़ी पुलिया बना नहर को नीचे से गुजारा गया है। यहां आधा फीट सड़क नीचे धंसने के साथ ही डामर का तोड़ भी अलग नजर आया।

    बाल-बाल बचे पूर्व बीडीसी मेंबर

    गौलापार के खेड़ा गांव निवासी पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य अर्जुन बिष्ट ने बताया कि मंगलवार शाम वह कार से इस बाईपास से गुजर रहे थे। इसी बीच धंसी सड़क पर उन्होंने आनन-फानन में गाड़ी को दूसरी ओर मोड़ना पड़ा। गनीमत रही कि उस ओर तब कोई गाड़ी नहीं आ रही थी। अर्जुन के अनुसार जमीन अधिग्रहण के बाद यह बाईपास बना है।

    उत्तराखंड के अंदर 560 करोड़ का काम

    राज्य की सीमा पर करीब 48 किमी लंबे हाईवे का निर्माण होना था। इसके लिए 560 करोड़ का बजट रखा गया है। मगर जमीन अधिग्रहण से लेकर कंपनी के बैंक संबंधी मामलों की वजह से देरी होती गई। वहीं, मौजूदा समय में गावर नाम की कंपनी को अधूरा काम सौंपा गया है।

    सड़क धंसने का मामला संज्ञान में आया है। मौके पर अधिकारियों को भेजा जाएगा। गावर कंपनी के माध्यम से इस बाईपास को बनवाया गया है।

    - मीनू, प्रोजेक्ट मैनेजर एनएचएआइ

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