गौलापार में फिर पहुंचा गुलदार, खेतों में गुलदार के पंजों के निशान मिलने से सुंदरपुर रैक्वाल गांव में दहशत
गुलदार का खौफ अभी कम नहीं हुआ है। वह लगातार क्षेत्र बदलकर आबादी में पहुंच रहा है। दो महीने तक नजर नहीं आने के बाद अब सुंदरपुर रैक्वाल गांव में गुलदार फिर से पहुंच गया। खेतों में जगह-जगह उसके पंजों के निशान मिलने से ग्रामीण भी डरे हुए हैं।
हल्द्वानी, जेएनएन: गुलदार का खौफ अभी कम नहीं हुआ है। वह लगातार क्षेत्र बदलकर आबादी में पहुंच रहा है। दो महीने तक नजर नहीं आने के बाद अब सुंदरपुर रैक्वाल गांव में गुलदार फिर से पहुंच गया। खेतों में जगह-जगह उसके पंजों के निशान मिलने से ग्रामीण भी डरे हुए हैं। उन्होंने वन विभाग की टीम से निरंतर गश्त की मांग करने के साथ गांव में पिंजरा लगाने का भी कहा। वहीं, फारेस्ट अफसरों का कहना है कि शाम को एक टीम सुंदरपुर रैक्वाल में भेजी जाएगी।
पहाड़ के साथ-साथ हल्द्वानी में भी गुलदार का आतंक मई से शुरू हो गया था। पहले रानीबाग ग्राम पंचायत में दो महिलाओं को गुलदार द्वारा निवाला बनाया गया। नरभक्षी घोषित होने के बाद इस गुलदार को शिकारी की गोली भी लगी लेकिन वह जंगल को भाग निकला। उसके बाद इस क्षेत्र में दोबारा नहीं दिखा। इससे पहले देवलचौड़ स्थित पालम सिटी व केशवकुंज विहार में डेढ़ माह तक गुलदार लगातार नजर आया। अक्टूबर की शुरूआत में फतेहपुर क्षेत्र में गुलदार की आतंक बढ़ गया। यहां उसने आठ लोगों पर हमला भी किया। गनीमत रही कि किसी की जान नहीं गई। हालांकि, एक किशोरी के गंभीर घायल होने पर उसे एम्स ऋषिकेश रेफर करना पड़ा था। वहीं, पिछले दो माह से गौलापार में गुलदार नहीं दिख रहा था। कुछ हिस्सों में हाथियों का आतंक था। मगर अब सुंदरपुर रैक्वाल ग्राम पंचायत में फिर से गुलदार पहुंच गया। स्थानीय काश्तकर नीर रैक्वाल ने बताया कि पूरे गांव में दहशत का माहौल बन चुका है। लोग घरों से निकलने में संकोच कर रहे हैं।