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    Haldwani: 25 हजार वाहनों में लगेगा GPS, अन्यथा नहीं मिलेगा फिटनेस या अन्य प्रमाण पत्र, निगरानी सिस्टम भी बनेगा

    By govind singhEdited By: Rajesh Verma
    Updated: Sat, 24 Sep 2022 10:11 AM (IST)

    haldwani news एआरटीओ प्रशासन विमल पांडे ने बताया कि हल्द्वानी आरटीओ दफ्तर में करीब 25 हजार माल वाहन पंजीकृत है। इन सभी में जीपीएस लगवाने की प्रक्रिया ...और पढ़ें

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    haldwani news : आरटीओ दफ्तर में पंजीकृत 25 हजार मालवाहक वाहनों में जीपीएस लगाने को लेकर तैयारी हो गई है।

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Haldwani News : हल्द्वानी आरटीओ दफ्तर में पंजीकृत 25 हजार मालवाहक वाहनों में जीपीएस लगाने को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। इससे पूर्व सवारी वाहनों पर यह नियम लागू था। लेकिन अब ट्रक, डंपर के अलावा सामान ढोने वाले सभी वाहनों को इसके दायरे में कर दिया गया है। फिटनेस या वाहन संबंधी अन्य काम कराने के लिए दफ्तर पहुंच रहे वाहनस्वामियों को स्पष्ट कह दिया गया है कि गाड़ी में जीपीएस लगाकर आएं, उसके बाद ही प्रमाणपत्र दिया जाएगा।

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    सचिव परिवहन ने जारी किया है आदेश

    सवारी वाहनों में जीपीएस लगाने का नियम पहले से लागू था। इन गाड़ियों में जीपीएस के अलावा कई तरह के पैनिक बटन भी लगे थे ताकि इमरजेंसी की स्थिति में यात्री इनका इस्तेमाल कर मदद हासिल कर सके। वहीं, 16 सितंबर को सचिव परिवहन ने आदेश जारी कर कहा था कि अब सभी माल वाहनों में जीपीएस अनिवार्य होगा। मामले को लेकर एआरटीओ प्रशासन विमल पांडे ने बताया कि हल्द्वानी आरटीओ दफ्तर में करीब 25 हजार माल वाहन पंजीकृत है। इन सभी में जीपीएस लगवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। शासन से अधिकृत कंपनियों के माध्यम से यह सिस्टम लग रहा है। जीपीएस लगने पर वाहन की पल-पल की लोकेशन का रिकार्ड रहेगा। जल्द हल्द्वानी में भी एक निगरानी सिस्टम बनने जा रहा है।

    लोकल नंबर न होने पर जीपीएस लगने में दिक्कत

    उत्तराखंड में संचालित बाहरी नंबर की गाड़ियों में जीपीएस शो नहीं कर रहा। वाहनस्वामियों की तरफ से स्थानीय आरटीओ आफिस के जरिये रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं बदलने के कारण यह दिक्कत आ रही है। विभाग का कहना है कि यूके नंबर की नंबर प्लेट होने पर ही जीपीएस शो कर रहा है। मगर बड़ी संख्या में ऐसे वाहन है जिनमें अब भी हरियाणा, दिल्ली आदि से रजिस्ट्रेशन की नंबर प्लेट लगी है। ऐसे में इन कमर्शियल वाहनों के मालिकों को जल्द स्थानीय नंबर प्लेट लेनी होगी। उसके बाद ही जीपीएस फिट हो पाएगा। एआरटीओ प्रशासन विमल पांडे ने बताया कि बस समेत अन्य कई वाहन इस श्रेणी में आ रहे हैं। बाहरी राज्य की नंबर प्लेट होने की वजह से जीपीएस निगरानी सिस्टम से कनेक्ट नहीं हो पा रही।