हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी ऊधमसिंह नगर जिला जेल बनाने में शासन दिखा रहा दिलचस्पी
हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद ऊधम सिंह नगर में जिला जेल बनाने को लेकर शासन की सुस्ती दूर नहीं हुई है। प्रस्ताव शासन को भेजने के कई महीने बाद भी इसे स्वीकृति नहीं मिली है।
हल्द्वानी, जेएनएन : हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद ऊधम सिंह नगर में जिला जेल बनाने को लेकर शासन की सुस्ती दूर नहीं हुई है। कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग का प्रस्ताव शासन को भेजने के कई महीने बाद भी इसे स्वीकृति नहीं मिली है। ये हाल तब है जब हाईकोर्ट पिछले साल अगस्त में आदेश जारी कर दो साल के भीतर जिला जेल का निर्माण पूरा कराने के लिए कह चुका है। इस वजह से हल्द्वानी उप कारागार में मजबूरन क्षमता से तीन गुना से अधिक कैदी रखने पड़ रहे हैं। 350 क्षमता वाली जेल में 1200 से अधिक कैदियों को रखना जेल प्रशासन की मजबूरी बनी हुई है।
ऊधम सिंह नगर जिले के कैदियों को भी हल्द्वानी स्थित उपकारागार में ही रखा जाता है। यहां कैदियों का दबाव देखते हुए कई बार ऊधमसिंह नगर के लिए अलग जिला जेल बनाने की मांग उठी। वर्ष 2014 में एक जज के दौरे के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया। इसके बाद किच्छा स्थित पराग फार्म में जमीन चयनित की गई। जेल प्रशासन के 40 एकड़ मांग की जगह मात्र 10 एकड़ जमीन देने पर मामला अटक गया। जेल प्रशासन ने इतनी कम जमीन पर जिला जेल बनाने पर हाथ खड़े कर दिए। वहीं वर्ष 2017 में हाईकोर्ट की सख्ती के बाद प्रशासन से लेकर सरकार हरकत में आई।
202 करोड़ की डीपीआर भेजी थी सिंचाई विभाग ने
वर्ष 2017 के अंतिम महीनों में तत्कालीन प्रमुख सचिव उमाकांत पंवार व आइजी जेल डॉ. पीवीके प्रसाद ने उपकारागार का दौरा कर प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। वहीं ऊधमसिंह नगर जिला प्रशासन ने भी शेष 30 एकड़ जमीन जेल महकमे को हस्तांतरित कर दी। अगस्त 2018 को हाईकोर्ट ने शासन को दो साल के भीतर जेल बनाने के आदेश दिए। इसके बाद शासन ने सिंचाई विभाग को कार्यदायी संस्था नियुक्त कर प्रस्ताव भेजने को कहा। सिंचाई विभाग ने इस साल शुरुआत में 202 करोड़ रुपये की डीपीआर बनाकर शासन को भेजी, मगर यह फाइल अब तक शासन की अलमारियों में धूल फांक रही है।
स्वीकृति व धनराशि मिलते ही शुरू कराया जाएगा निर्माण
मनोज आर्य, वरिष्ठ जेल अधीक्षक, उपकारागार हल्द्वानी ने बताया कि ऊधमसिंंह नगर जिले की जिला जेल निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग ने साल की शुरुआत में 202 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा है। शासन से प्रस्ताव को स्वीकृति व धनराशि मिलते ही जिला जेल का निर्माण शुरू कराया जाएगा।
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