आयकर रिटर्न में देनी होगी गिफ्ट की जानकारी, जानें किस उपहार में मिलती है टैक्स में छूट
त्योहारों में गिफ्ट बांटने का चलन रहता है। गिफ्ट पाने के लिए हर कोई लालायित रहता है। दिवाली भैयादूज या किसी अन्य मौके पर आपको उपहार मिला है तो उस पर इनकम टैक्स देना होगा। आयकर रिटर्न दाखिल करते समय इसकी जानकारी देनी होगी।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : त्योहारों में गिफ्ट बांटने का चलन रहता है। गिफ्ट पाने के लिए हर कोई लालायित रहता है। दिवाली, भैयादूज या किसी अन्य मौके पर आपको उपहार मिला है तो उस पर इनकम टैक्स देना होगा। आयकर रिटर्न दाखिल करते समय इसकी जानकारी देनी होगी। ऐसे नहीं करने पर आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है। सीए रोहित नौला ने बताया कि गिफ्ट को अन्य स्रोत से प्राप्त आय में दर्शाना होता है। इसे कुल आय में जोड़ा जाता है।
50 हजार से ज्यादा के गिफ्ट पर टैक्स
इनकम टैक्स नियम के अनुसार अगर व्यक्ति को 50 हजार रुपये से अधिक कीमत का गिफ्ट मिलता है तो इस पर टैक्स देना होता है। वर्ष भर में कई मौकों पर मिलने वाले गिफ्ट की कुल कीमत 50 हजार रुपये से अधिक होने पर टैक्स देना होता है। ऐसे में इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय इसका ध्यान रखना जरूरी है। जानकारी को आयकर विभाग से छुपाने की स्थिति में बाद में मुश्किल हो सकती है।
कितना देना होगा टैक्स
आयकर कानून, 1961 के सेक्शन 56(2)(&) के तहत करदाता को मिले गिफ्ट्स पर कर देनदारी बनती है। चेक या कैश में मिली 50 हजार रुपए से ज्यादा की रकम। जमीन, बिल्डिंग आदि जैसी कोई भी अचल संपत्ति, जिसकी स्टांप ड्यूटी 50 हजार रुपये से ज्यादा हो। 50 हजार रुपये से ज्यादा की ज्वेलरी, शेयर, पेंटिंग्स या अन्य महंगी चीजें। अचल संपत्ति के अलावा 50 हजार रुपये से ज्यादा की कोई भी प्रापर्टी। दूसरी ओर अगर अपने परिवार के ऐसे सदस्यों से गिफ्ट मिलता है जिनके साथ ब्लड रिलेशन है तो इस पर कोई टैक्स नहीं देना होता है। अपने परिवार के सदस्यों से कितनी भी कीमत का गिफ्ट ले सकते हैं या दे सकते हैं। यह टैक्सेबल नहीं है।
छूट के इस दायरे में आने वाले गिफ्ट
पति, पत्नी, भाई, बहन से मिला गिफ्ट टैक्स फ्री है। पति या पत्नी के भाई या बहन से मिला गिफ्ट। माता-पिता के भाई या बहन से मिला गिफ्ट। विरासत या वसीयत में मिला गिफ्ट या प्रापर्टी। पति या पत्नी के किसी निकटतम पूर्वज या वंशज से मिला गिफ्ट। हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली के मामले में किसी भी मेंबर से मिला गिफ्ट। लोकल अथारिटी जैसे पंचायत, म्यूनिसपैलिटी, म्यूनिसपल कमेटी और डिस्ट्रिक्ट बोर्ड, कैंटोनमेंट बोर्ड से मिला गिफ्ट। सेक्शन 10 (23सी) में उल्लिखित किसी फंड/फाउंडेशन/यूनिवर्सिटी या अन्य एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन, हॉस्पिटल या अन्य मेडिकल इंस्टीट्यूशन, ट्रस्ट या इंस्टीट्यूशन से मिला गिफ्ट। सेक्शन 12ए या 12एए के तहत रजिस्टर किसी चैरिटेबल या धार्मिक ट्रस्ट से मिला गिफ्ट।