पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में हड़ताल पर जनरल-ओबीसी कर्मचारी nainital news
पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में जनरल-ओबीसी कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ माेर्चा खोल दिया है। कुमाऊं में कर्मचारी आरक्षण के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए।
नैनीताल, जेएनएन : पदोन्नति में आरक्षण के विरोध में जनरल-ओबीसी कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ माेर्चा खोल दिया है। कुमाऊं के सभी जिलों में कर्मचारी आरक्षण के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। उनकी मांग है जब तक बिना आरक्षण के पदोन्नति बाहली का आदेश जारी नहीं होता है, कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। वहीं प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों से वार्ता न सफल होने पर नो वर्क नो पे का आदेश जारी किया है। दफ्तरों की व्यवस्था एससी-एसटी कर्मचारियों के भरोसे है। ऐसे में टकराव बढ़ने के आसार भी बने हुए हैं। खुफिया एजेंसियां और पुलिस-प्रशासन इस पर नजर बनाए हुए है।
कुमाऊं में नैनीताल, पिथाैरागढ़, ऊधमसिंहनगर, अल्मोड़ा, चंपावत, बागेश्वर में कर्मचरियों ने कार्यबहिष्कार कलेक्ट्रट पर प्रदर्शन किया। धरना प्रदशर्न के दौरान कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की। कहा कि प्रमोश में आरक्षण किसी सूरत में बर्दाश नहीं किया जाएगा। इसके लिए जिस स्तर पर विरोध-प्रदर्शन करना पड़ेगा किया जाएगा। कर्मचारियों में इस बात की खासी नाराजगी नजर आई कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार कर्मचारी हित में फैसला नहीं ले रही है।
नैनीताल में कर्मचारियों ने कहा कि विस सत्र भी बाधित करेंगे
नैनीताल में विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट में एकत्रित होकर धरना-प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि कर्मी विधानसभा सत्र को बाधित करने से भी पीछे नही हटेंगे। कर्मियों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद भी सरकार द्वारा पदोन्नति पर रोक लगाई गई है। जो कि कर्मचारी हितों की उपेक्षा है। धरने में जिला संयोजक मुन्वर खान, तारा सिंह बिष्ट, लक्ष्मी डंगवाल, कांता बल्लभ पाठक, धर्मेंद्र किरौला, गिरीश पांडे, गौरव पांडे, भगवत सिंह जंतवाल, पंकज तिवारी, तारा सिंह, जयकिशन कांडपाल, शेखर भट्ट, लता पाठक, रेखा पांडे, शांति जोशी, मनीषा नयाल, रेखा सुयाल, अंजलि चौधरी, गीता उप्रेती आदि मौजूद रहे।
पिथौरागढ़ में 40 विभागों के कर्मी हड़ताल पर
पिथौरागढ़ में उत्तराखंड जनरल-ओबीसी एम्प्लॉय एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष दिनेश गुरुरानी, उपाध्यक्ष प्रदीप भट्ट और जिला महामंत्री बिजेंद्र लुंठी के नेतृत्व में कर्मचरियों ने हड़ताल शुरू की है। धरने के पहले दिन विकास भवन, लोनिवि,उद्यान, पशुपालन, शिक्षा, पर्यटन, सेवा योजना, कृषि, कलक्ट्रेट, सिंचाई विभाग, राज्य कर, वन विभाग, निर्वचन, लोनिवि समेत 40 विभागों के कार्मिकों ने प्रतिभाग किया। इस मौके पर हुई सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सात फरवरी 2020 को पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय का निर्णय सामान्य और ओबीसी के पक्ष में आ गया है, उसके बाद भी राज्य सरकार पदोन्नति बहाल करने की दिशा में सकारात्मक कार्रवाई नहीं कर रही है। सभा को एमसी जोशी, उम्मेद सिंह बिष्ट, कैलाश पंत, इं प्रकाश जोशी, महादेव भट्ट, दीपक भट्ट, कल्पना जोशी, इं एलपी जोशी, आरएस खनका, अनिल चंद,ने संबोधित किया। इस मौके पर केएस अधिकारी, इं दिनेश जोशी, ललित शर्मा, केएस अधिकारी एमपीएस डोभाल, सौरभ चंद, ज्योति पांडेय, एस सी पंत, राजू धामी, दीपक पंत, राजेश खाती सुरेंद्र भाकुनी आदि मौजूद थे।
बागेश्वर और अल्मोड़ा में भी विरो-प्रदर्शन
बागेश्वर में कर्मचारियों ने विकास भवन में धरना प्रदर्शन किया। वहीं अल्मोड़ा में चौघानपाटा स्थित गांधी पार्क में उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लॉइज एसोसिएशन के बैनर तले धरना दिया गया। कर्मचारी नेताओं ने दो टूक कहा कि जब तक उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन कर राज्य सरकार शासनादेश नहीं करती, तब तक बेमियादी हड़ताल वापस नहीं ली जाएगी। वक्ताओं ने राज्य सरकार पर सामान्य वर्ग के वरिष्ठ अधिकारी कर्मचारियों के हितों से खिलवाड़ का आरोप लगाया।
रुद्रपुर में एआरटीओ के सामने दिया धरना
रुद्रपुर में सभी विभागों के कर्मचारियों ने एआरटीओ के सामने धरना दिया। इसमे संगठन के संयोजक मोहन सिंह राठौर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पालन कराया जाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।ऐसे में कुछ कर्मचारी संगठन आदेश के खिलाफ आवाज उठाकर न्याय व्यवस्था का पालन नही कर रहे।जबकि इस निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट का रुख साफ कर दिया है। ग्राम्य विकास विभाग के प्रदीप जोशी ने कहा कि पदोन्नति पर जो रोक लगाई गई है उसे तत्काल हटाया जाए। उनका कहना था कि सरकार से हम अपना हक मांग रहे कोई भीख नहीं मांग रहे। इस दौरान नारा लगाया कि हर जोर जुर्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है।
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