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सात महायोग में मनेगा Ganga Dussehra, पानी में गंगाजल की बूंदें डालकर घर में कर सकते हैं स्नान

गंगा दशहरा पर्व एक जून को सात महायोग में मनाया जाएगा। सोमवार व हस्त नक्षत्र की मौजूदगी पापों का नाश करने वाली होगी।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 06:21 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 06:21 PM (IST)
सात महायोग में मनेगा Ganga Dussehra, पानी में गंगाजल की बूंदें डालकर घर में कर सकते हैं स्नान

हल्द्वानी, जेएनएन : गंगा दशहरा पर्व एक जून को सात महायोग में मनाया जाएगा। सोमवार व हस्त नक्षत्र की मौजूदगी पापों का नाश करने वाली होगी। गंगा दशहरा पर पवित्र नदियों में स्नान करने का महात्म्य है। श्रद्धालुओं घरों में ही मां गंगा का आह्वान कर पावन स्नान का पुण्य ले सकते हैं।

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गंगाजी का धरती पर अवतरण ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी को हुआ था। इसे गंगा दशहरा के नाम से मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व सात महायोग में मनाया जाएगा। सोमवार को दशमी तिथि दोपहर तक रहेगी। ज्योतिषी डॉ. नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि धर्मसिंधु व पौराणिक ग्रंथों की मान्यता के अनुसार गंगा अवतरण के समय ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, बुधवार, हस्त नक्षत्र, व्यातिपात योग, गर करण, आनंद योग, कन्या राशि का चंद्रमा व वृषभ राशि का सूर्य था। इन 10 महायोगों के साथ हस्त नक्षत्र व सोमवार का भी विशेष महत्व है। इस वर्ष ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, हस्त नक्षत्र, गर करण, कन्या का चंद्रमा, वृषभ राशि के सूर्य की मौजूदगी में पर्व मनाया जाएगा। 

गंगा पूजन में 10 की संख्या खास 

गंगाजी के पूजन में दस की संख्या का महत्व है। दस पूजा उपचारों में पूजन, दस ब्राह्मणों का पूजन व 10 वस्तुओं का दान करना चाहिए। गंगा स्नान में दस गोते लगाने से दस प्रकार के पापों का नाश होता है। इस दिन गंगाजी के अवतरण की कथा सुनने का भी विशेष महत्व है। 

घरों पर गंगा द्वार पत्र लगाने की परंपरा

कुमाऊं में गंगा दशहरा पर घरों में गंगा द्वार पत्र लगाकर पूजन करने की परंपरा है। द्वार पत्र पर अगस्त आदि पांच मुनियों के नामों का मंत्र लिखा होता है। डॉ. नवीन जोशी ने बताया कि ऐसा करने से घरों को किसी प्रकार का अग्नि भय नहीं रहता। ओम गंगायै नमः का जाप करते हुए गंगा जल की बूंदें डाले पानी से प्रातःकाल स्नान करें।

गंगा दशहरा महत्व

पौराणिक कथाओं में वर्णन है कि महाराजा भगीरथ के अखंड तप से प्रसन्न होकर जिस दिन मां गंगा प्रथ्वी पर अवतरित हुईं वह बहुत ही दिव्य और पवित्र दिन था। यह दिन जेष्ठ माह शुक्ल पक्ष की एकादशी था। प्रथ्वी पर मां गंगा के अवतरण दिवस को गंगा दहशरा मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान से मनुष्य को कई यज्ञ करने के बराबर पुण्य प्राप्त होते हैं। इसलिए आस्थावान मनुष्य को पवित्र मन के साथ ही गंगा स्नान करना चाहिए। इस दौरान मां गंगा और भगवान शिव का स्मरण भी बहुत से लोग करते हैं।

गंगा दशहरा पूजा विधि

मान्यताओं  अनुसार, गंगा दशहरा के दिन प्रातः गंगा स्नान करना चाहिए। संभव न हो तो पास की किसी नदी या तालाब में ही स्नान करना चाहिए। इसके बाद भगवान की पूजा करने के साथ ही गरीबों, ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा देना चाहिए। ऐसे करने से सिर्फ अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है बल्कि जीवन में शांति भी आती है। भक्तों पर मां गंगा की कृपा सदैव बनी रहती है।

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