ganesh chaturthi 2022: भजन-कीर्तन के बीच बागनाथ मंदिर और बिलौनासेरा में विराजे गणपति
ganesh chaturthi 2022 गणेश चतुर्थी के अवसर पर गणपति की मूर्तियां पंडारों और घरों में स्थापित की जा रही हैं। बागनाथ मंदिर परिसर और बिलौनासेरा में भजन-कीर्तन वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गणेश महोत्सव शुरू हो गया है। बागनाथ मंदिर पर नगर पालिकाध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने महोत्सव का शुभारंभ किया।

जागरण टीम, बागेश्वर : ganesh chaturthi 2022 : बागनाथ मंदिर परिसर और बिलौनासेरा में भजन-कीर्तन, वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गणेश महोत्सव शुरू हो गया है। बागनाथ मंदिर पर नगर पालिकाध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने महोत्सव का शुभारंभ किया। उधर, गरुड़ में मंगलमूर्ति समिति ने गणेश स्तुति के साथ महोत्व का शुभारंभ किया।
बागनाथ मंदिर पर आयोजित गणेश महोत्सव का शुभारंभ करते हुए पालिकाध्यक्ष खेतवाल ने सभी को महोत्सव की शुभकामना देते हुए आयोजन की सराहना की। कहा कि दस वर्ष से यह सफल आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान महंत शंकर गिरी महाराज, अमित रस्तोगी, सुनील रस्तोगी, सुधीर, अर्जुन, प्रशांत, विनोद वर्मा, सुनील आदि मौजूद थे। पंडित गणेश जोशी ने मंत्रोचारण के साथ गणेश भगवान की स्थापना की।

बिलौनासेरा में निकली कलश यात्रा
बिलौनासेरा में गणेश महोत्सव के दौरान महिलाओं ने भव्य कलश यात्रा निकाली। पंडित भुवन कांडपाल ने गणेश की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की। स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए। इस दौरान अध्यक्ष ललित सिंह नेगी, लक्ष्मण सिंह घनौला, सुंदर लाल, भूपेंद्र घनौला, गोलू सुयाल, तेज सिंह, चंदन सिंह, गोपाल सिंह बोरा, राधेश्याम तिवारी, भीम सिंह, हरीश सुयाल, सेवानिवृत्त वीडियो गोपाल सिंह गढ़िया, रणजीत सिंह बोरा, भुवन कांडपाल, गोविंद ऐठानी आदि मौजूद थे।
गणेश भगवान की पूजा-अर्चना
गरुड़ में मंगल मूर्ति संगठन ने गणेश भगवान की मूर्ति स्थापित की। महिलाओं ने भव्य कलश यात्रा निकाली। इस दौरान शिव सिंह बिष्ट, ललित फस्वार्ण, दयाल गिरी गोस्वामी, घनश्याम जोशी, कैलाश जोशी, दयाल गिरी गोस्वामी, विकास पवार, अनिल मेहरा, अन्नी जोशी, हिमांशु तिवारी, रवि पांडे, संजय जोशी, महेश नेगी, प्रकाश जोशी, सरिता पंत, किरन जोशी, अनीता जोशी आदि मौजूद थे।
इस बार गणेश चतुर्थी पर खास संयोग
भगवान गणेश को रिद्धि-सिद्धि और सुखों का प्रदाता माना जाता है। इनकी पूजा से जीवन में चल रही संकटों का नाश होता है और मनचाहे वरदान की प्राप्ति होती है। इसलिए हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो इस बार गणेश चतुर्थी पर 300 साल बाद अद्भुत संयाेग बन रहा है।
जानिए क्या है वह खास संयोग
ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि गणेश चतुर्थी पर इस साल वो सभी योग बन रहे हैं जो गणपति के जन्म के समय बने थे। शास्त्रों के अनुसार, देवी पार्वती ने मिट्टी के गणेश बनाकर उसमें प्राण डाले थे। माता पार्वती ने यह करिश्मा दिन बुधवार, चतुर्थी तिथि और चित्रा नक्षत्र में किया था। संयोगवश इस साल भी ये योग बन रहे हैं, जिसकी वजह से गणेश महोत्सव खास हो गया है।

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