फाइबर और प्राेटीन से भरपूर हैं गडेरी व पिनालू, मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद
गडेरी व पिनालू को भारत के अलग-अलग हिस्से में अलग-अलग नाम से जाना जाता है। कुछ लोग इसके पत्तों की पकौड़ी बनाकर खाना पसंद करते हैं। इसे व्रत में फलाहार के रूप में भी खाई जाता है। गडेरी जाड़ों में खाई जाने वाले लोकप्रिय सब्जी है।
बागेश्वर, जेएनएन: पहाड़ की गडेरी व पिनालू को भारत के अलग-अलग हिस्से में अलग-अलग नाम से जाना जाता है। इसे अरबी भी कहा जाता है। कुछ लोग इसके पत्तों की पकौड़ी बनाकर खाना पसंद करते हैं तो कुछ इसकी सब्जी, कई जगहों पर तो इसे व्रत में फलाहार के रूप में भी खाई जाता है। गडेरी जाड़ों में खाई जाने वाले लोकप्रिय सब्जी है। जिसके फायदे भी चौकाने वाले हैं। ये फाइबर, प्रोटीन, पोटैशियम, विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम और आयरन से भरपूर होती है. इसके अलावा इसमें भरपूर मात्रा में एंटी-आक्सीडेंट भी पाए जाते हैं।
जाड़ों में खूब पंसद किया जाता है पिनालू
जिले में गडेरी का उत्पादन करीब 100 हेक्टेयर भूमि में होता है। धान मड़ाई के बाद और गेहूं की बुवाई से पहले गडेरी को खोदा जाता है। गडेरी को अधिक पानी की जरूरत नहीं होती है। असिंचित भूमि की गडेरी स्वादिष्ट और पकने में आसान होती है। जबकि सिंचित भूमि की गडेरी को पकाने में दिक्कत रहती है। गडेरी की सब्जी पहाड़ में जाड़ों भर खाई जाती है। गहत की दाल में भी गडेरी डाली जाती है। गडेरी के सब्जी में भांग के दानों के बीज को पीस कर और छान कर डाला जाता है। जिससे सब्जी की तासीर गरम हो जाती है। वर्तमान में गडेरी किसानों ने खोद दी है। इसके साथ ही पिनालू भी बाजार में पहुंच गया है। गडेरी वर्तमान में 30 रुपये से 50 रुपये प्रतिकिलो बिक रही है जबकि पिनालू 20 से 30 रुपये प्रतिकिलो है। लेटी के किसान धन सिंह डयारकोटी ने कहा कि जंगली सूअर और सेही गडेरी को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा रही है। जिसके कारण गडेरी की फसल भी धीरे-धीरे सिमटने लगी है।
गडेरी में विद्यमान हैं औषधीय गुण
जीव विज्ञान के प्रवक्ता राजीव निगम ने बताया कि गडेरी औषधीय गुणों से भरपूर है। ब्लड प्रेशर और दिल से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं। गडेरी में सोडियम की अचछी मात्रा पाई जाती है। यह तनाव को भी दूर कर सकता है। कैंसर कोशिकाओं को विकसित होने से रोकती है। मधुमेह के रोगियों के लिए लाभदायक है। इंसुलिन और ग्लूकोज की मात्रा का संतुलन बना रहता है। पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है। अरबी भूख को नियंत्रित करने का काम करती है। साथ ही इसमें मौजूद फाइबर्स मेटाबालिज्म को सक्रिय बनाते हैं जिससे वजन नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। पाचन क्रिया को बेहतर रखने के लिए भी यह लाभदायक है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।