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    जरूरतमंद बच्चों के लिए हल्द्वानी में खुलेगी मुफ्त लाइब्रेरी, साहित्य की पुस्तकें भी होंगी उपलब्ध

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Sun, 01 Aug 2021 02:29 PM (IST)

    पढ़ाई के लिए किताबों के महत्व को नकारा नहीं जा सकता है। जगरीब बच्चे पढ़ाई के लिए किताबें नहीं खरीद सकते हैं उनके लिए आनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल खरीदना तो बहुत दूर की बात है। ऐसे में बच्चों के लिए मुफ्त लाइब्रेरी खोलने की तैयारी है।

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    जरूरतमंद बच्चों के लिए हल्द्वानी में खुलेगी मुफ्त लाइब्रेरी, साहित्य की पुस्तकें भी होंगी उपलब्ध

    मनीस पांडेय, हल्द्वानी : पढ़ाई के लिए किताबों के महत्व को नकारा नहीं जा सकता है। जो गरीब बच्चे पढ़ाई के लिए किताबें नहीं खरीद सकते हैं, उनके लिए आनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल खरीदना तो बहुत दूर की बात है। यही कारण है कि गरीब बच्चों के लिए काम करने वाली उद्यांश संस्था ने वंचित तबके के बच्चों की जरूरतों के आधार पर निश्शुल्क लाइब्रेरी खोलने का फैसला किया है। जिसके लिए तैयारियां लगभग अंतिम चरण में हैं। इस लाइब्रेरी में बच्चे अपना भविष्य संवार सकेंगे।

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    पहली कक्षा से 12वीं तक के बच्चों के लिए सीबीएसई पाठ्यक्रम पर आधारित किताबें इस अनोखी लाइब्रेरी में मौजूद रहेंगी। काठगोदाम के शीशमहल में इस लाइब्रेरी को शुरू करने की योजना है। जहां बच्चे अपने कोर्स वर्क के लिए एकत्र होंगे और पढ़ाई करेंगे। उद्यांस संस्था के भूपेश बोरा ने बताया कि तय किया गया है कि पाठकों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। संस्था के विभिन्न सदस्यों के सहयोग से लाइब्रेरी का संचालन तय किया जाएगा। जिसमें स्थानीय लोगों का सहयोग भी प्राप्त किया जाना है।

    सभी के लिए खुली रहेगी लाइब्रेरी

    नगर निगम के सहयोग से खोले जा रहे पुस्तकालय में सभी आयु वर्ग के हर तरह के पाठकों को किताबें पढऩे की सुविधा रहेगी। जिसमें कोर्स वर्क के अतिरिक्त कहानी, उपन्यास आदि पर आधारित किताबें भी लाइब्रेरी में मौजूद रहेंगी। जिससे हर वर्ग अपनी पसंद की किताबें पढ़ कर लाभ प्राप्त कर सके।

    आठ हजार किताबें एकत्र

    काठगोदाम के शीशमहल में खुल रही लाइब्रेरी के करीब आठ हजार किताबें एकत्र कर ली गई हैं। जिसमें ज्यादातर किताबें लोगों ने दान की हैं। लोगों के घरों में बेकार पड़ी किताबें लाइब्रेरी के लिए दान में मिली हैं। इसके अतिरिक्त कोर्स वर्क पर आधारित किताबें खरीदने में भी लोग सहयोग कर रहे हैं। जिससे किताबों की संख्या लगातार बढ़ रही है।