चार साल पहले खेत में करंट दौड़ाकर हाथी को मारा था, आरोपित का है बीजेपी कनेक्शन, अब खुला मामला
आरोपित की निशानदेही पर टीम ने खेत के एक हिस्से पर खुदान शुरू किया। करीब 15 फीट की गहराई पर हाथी की हड्डियां - अन्य अवशेष बरामद हुए। करंट लगने से चार साल पहले हाथी की मौत हुई थी।
नैनीताल, जेएनएन : शुक्रवार को हाथी दांत के साथ पकड़े गए तस्कर को साथ लेकर वन विभाग की टीम ने रामनगर के चकलुवा स्थित एक गांव में छापा मारा। जिसके बाद आरोपित की निशानदेही पर टीम ने खेत के एक हिस्से पर खुदान शुरू किया। करीब 15 फीट की गहराई पर हाथी की हड्डियां समेत अन्य अवशेष बरामद हुए। करंट लगने की वजह से चार साल पहले हाथी की मौत हुई थी। वहीं दैनिक जागरण ने शुक्रवार के अंक में करंट से मौत का अंदेशा जता दिया था। टीम अब इलाके के एक बड़े किसान की तलाश कर रही है। वह खेत मालिक भी है। एसओजी के प्रभारी व बरहैनी रेंजर रूप नारायण गौतम ने शुक्रवार को हरिपुर चकलुवा निवासी काश्तकार भजन सिंह को गिरफ्तार कर कब्जे से हाथी के दो साबुत दांत बरामद किए थे। पूछताछ के दौरान आरोपित ने चौंकाने वाला खुलासा किया था। उसने बताया कि ग्राम हरिपुर निवासी किसान अनिल कुमार वालिया पुत्र सुरेंद्र कुमार वालिया का खेत जंगल से सटा है। इस वजह से उसने किनारे पर करंट वाली फेंसिंग लगा रखी थी।
चार साल पहले इसी फेंसिंग की चपेट में आकर सात साल के हाथी की मौत हुई थी। जिसके बाद रातों-रात गड्ढा खोद मृत शरीर वहां दफना दिया गया। शनिवार सुबह दस बजे भजन को साथ लेकर एसडीओ यूसी तिवारी, एसडीओ नवीन पंत, एसओजी इंचार्ज रूप नारायण गौतम के नेतृत्व में वनकर्मियों की टीम खेत में पहुंची। जहां करीब दो घंटे तक जेसीबी से खुदाई की गई। 15 फीट खुदान करने के बाद अंदर से हाथी की रीढ़ की हड्डी, पसलियां व अन्य अवशेष मिले। इस बीच टीम ने खेत मालिक अनिल वालिया के घर पर दबिश दी तो वहां कोई नहीं मिला। वन विभाग के मुताबिक मुख्य आरोपित की तलाश में कई टीम लगी है। वहीं बरामद अवशेष को जांच के लिए वन्यजीव संस्थान देहरादून भेजने की तैयारी है। इस दौरान वन दारोगा कैलाश चंद्र तिवारी, अशोक टम्टा, गोपाल कृष्ण कपिल, दिनेश पंत आदि मौजूद रहे।
मुख्य आरोपित है भाजपा नेता का भाई
हरिपुर निवासी अनिल वालिया इलाके का बड़ा फार्मर है। चकलुवा व आसपास उसकी काफी जमीन है। वहीं उसका एक भाई भाजपा का नेता है। पूर्व में वह संगठन में पदाधिकारी भी रह चुका है।
चार साल तक महकमा अंजान
दांत बेचने को जा रहे काश्तकार भजन सिंह को पकडऩे का पूरा जाल एसओजी टीम ने बिछाया था। वहीं बड़ा सवाल यह है कि चार साले पहले हाथी के मरने के बाद उसे दफन कर दिया गया। लेकिन महकमे को खबर तक नहीं हुई। इससे उसकी कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। खेत में ंजगली-जानवरों की नो एंट्री के लिए किनारों पर करंट छोड़ा गया था।
भनक लगने पर दो साल पहले फिर खोदा गड्ढा
हाथी को दफन करने के बाद खेत मालिक अनिल ने चूना व नमक भर दिया। जिससे उसका शरीर गल गया। वहीं ग्रामीणों को भनक लगने पर वह डर गया। जिसके बाद दो साल पहले दोबारा गड्डा खोद ट्रैक्टर से अवशेष दूसरी जगह फेंके गए। लेकिन कुछ हड्डियां शनिवार को खुदाई के दौरान बरामद हो गई।
बेटे समेत बीस लोग शामिल
हाथी को दफन करने वालों में फार्मर अनिल का बेटा रजत समेत 15-20 अन्य लोग भी शामिल थे। भी शामिल था। बताया जा रहा है कि दो साल पहले हुई खुदाई में मिले कुछ अवशेष किसी को बेचे गए थे।
छह माह से दांत भजन के पास थे
वन विभाग के मुताबिक लंबे समय तक अनिल ने हाथी के दांत अपने पास रखे थे। लेकिन कोई ग्राहक नहीं मिल सका। करीब छह माह पूर्व उसने दांत भजन सिंह को सौंप दिए। दोनों में डील हुई थी कि बेचकर मिलने वाले पैसे बराबर बांटे जाएंगे।
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