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    'खजाने' से भरे चार क्षुद्र ग्रह, विज्ञानियों की टिकी नजर; धरती से टकराए तो मिट सकती हैं लाखों जिंदगियां

    क्षुद्रग्रह धरती से टकराकर खतरा उत्पन्न कर सकते हैं लेकिन जीवन के रहस्य और धातुएं भी दे सकते हैं। अमेरिकन और यूरोपियन स्पेस एजेंसियां चार क्षुद्र ग्रहों पर नजर रख रही हैं। इनमें एपोफिस और 2024 वाईआर-4 शामिल हैं जिनके टकराने की आशंका पर अध्ययन जारी है। नासा ने डिडिमोस और डिमार्फीस के साथ डार्ट मिशन किया। क्षुद्रग्रहों में सोना और प्लेटिनम जैसी धातुएं छिपी हैं।

    By Jagran News Edited By: Nirmala Bohra Updated: Thu, 03 Jul 2025 02:03 PM (IST)
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    नासा की ओर से जारी क्षुद्र ग्रह का धरती से टकराने का काल्पनिक चित्र। सौजन्य इंटरनेट

    रमेश चंद्रा, जागरण नैनीताल। क्षुद्र ग्रह (स्टेरायड) धरती से टकरा जाएं तो ये बड़ा खतरा उत्पन्न कर सकते हैं। साथ ही जीवन की उत्पत्ति के रहस्य उजागर करने के अलावा बेशकीमती धातु भी प्रदान कर सकते हैं।

    इन्हीं संभावनाओं को लेकर अमेरिकन व यूरोपियन स्पेस एजेंसी समेत दुनिया भर के विज्ञानियों की नजर सौर मंडल के चार क्षुद्र ग्रहों पर है। धरती व चंद्रमा से टकराने की आशंका को लेकर विज्ञानी इन पर निगाह रखे हुए हैं।

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    आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) नैनीताल के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा. शशिभूषण पांडेय के अनुसार पृथ्वी के चारों और क्षुद्र ग्रहों का बड़ा संसार है। ये आए दिन पृथ्वी के करीब से गुजरते रहते हैं। इनमें से दो क्षुद्रग्रह ऐपोफिश व 2024 वाईआर-4 है।

    2004 में खोजा गया था एपोफिस

    एपोफिस तीन फुटबाल मैदानों के बराबर यानी करीब 400 मीटर का है। यह पृथ्वी से टकरा गया तो धरती के बड़े भूभाग के साथ लाखों जिंदगियां मिटा सकता है। मिस्र की पौराणिक कथाओं में एपोफिस अराजकता और विनाश का देवता माना जाता है। इसी आधार पर विज्ञानियों ने इसका नाम एपोफिस दिया है। इसे वर्ष 2004 में खोजा गया था। तब से ही इस पर नजर रखी जा रही है।

    पूर्व में हुई गणना के अनुसार इसके 13 अप्रैल 2029 को टकराने की संभावना जताई जा रही थी। बाद में नासा की नई गणना के अनुसार इसके कम से कम अगले 100 वर्षों तक टकराने की कोई आशंका नहीं है। रोचक यह है कि पृथ्वी के नजदीक पहुंचने पर इसे कोरी आंखों से देखा जा सकेगा।

    डा. पांडेय के अनुसार दूसरा क्षुद्रग्रह 2024 वाईआर-4 है। इसके पृथ्वी से टकराने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा रहा है। इसका आकार लगभग 53 से 67 मीटर के बीच है।

    इसकी खोज वर्ष 2024 में हुई थी। हालिया गणना में इसके वर्ष 2032 में पृथ्वी से टकराने की मामूली आशंका जताई गई थी। लेकिन नासा ने इस आशंका को खारिज कर दिया है, लेकिन इसके चंद्रमा से टकराने की आशंका बनी हुई है। इनके अलावा डिडिमोस और डिमार्फीस है। ये पृथ्वी से बहुत दूर एक-दूसरे के करीब हैं।

    वर्ष 2022 में नासा ने डबल एस्टेरायड रिडायरेक्शन टेस्ट (डार्ट) मिशन के तहत एक प्रोब यान डिमार्फोस से टकराया था। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य यह जांचना था कि भविष्य में यदि किसी क्षुद्रग्रह पृथ्वी से टकराने की आशंका होती है, तो उसे कैसे दूर किया जा सकता है। इस सफल मिशन को पृथ्वी से एक करोड़ किमी की दूरी पर आजमाया गया था।

    सोना व प्लेटिनम जैसी बहुमूल्य धातु

    डा. शशिभूषण पांडेय के अनुसार क्षुद्रग्रहों पर बहुमूल्य धातुओं का खजाना छिपा हुआ है। जिन्हें धरती पर लाए जाने के लिए अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी ईसा समेत समेत कई अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां प्रयासरत हैं। क्षुद्रग्रह अनेक धातुओं से बने होते हैं। जिस कारण इनमें विभिन्न प्रकार के धातु प्लेटिनम, पैलेडियम और रोडियम आदि के अलावा सोना भी हो सकता है।