नैनीताल में पूर्व कुलपति हुईं डिजिटल अरेस्ट की शिकार, जालसाजों ने RBI अधिकारी बन 1.47 करोड़ ठगे
नैनीताल में एक पूर्व कुलपति साइबर ठगी का शिकार हो गईं। ठगों ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर उनसे 1.47 करोड़ रुपये ठग लिए। महिला को आरबीआई अधिकारी बनकर फोन किया गया और हवाला के पैसे आने की बात कही गई। गिरफ्तारी के डर से महिला ने पैसे ट्रांसफर कर दिए। बैंक कर्मियों को शक होने पर ठगी का खुलासा हुआ। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। शहर के मल्लीताल निवासी बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने 1.47 करोड़ की रकम ठग ली। साइबर ठगों ने दस दिनों में एक कमरे में ऐसा सेटअप तैयार किया कि महिला जीवनभर की पूंजी गंवा बैठी।
बुजुर्ग होने के कारण बैंक कर्मियों को घर बुलाकर उसने अपने तीन खातों से ठगों के पांच खातों में यह रकम डलवाई। एक बैंक कर्मी को शक होने व महिला के रिश्तेदारों को बताने के बाद महिला को ठगी का एहसास हुआ।
महिला पूर्व में रुहेलखंड विश्वविद्यालय में कुलपति रह चुकी है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। साइबर ठगों की ओर से उड़ाई गई नैनीताल में यह सर्वाधिक रकम है।
पुलिस जानकारी के मुताबिक मल्लीताल निवासी प्रो. बीना साह पूर्व में रुहेलखंड विश्वविद्यालय में कुलपति रह चुकी है। डा. साह यहां मल्लीताल गार्डन हाउस क्षेत्र में अकेले रहती है। बीते 14 अगस्त को महिला को एक अज्ञात नंबर से फोन आया।
फोन करने वाले ने खुद को आरबीआई का बड़ा अधिकारी बताकर महिला के बैंक खाते में हवाला का गैरकानूनी रुप से सात से आठ करोड़ रुपये आने की बात कही। इस बीच उसने महाराष्ट्र पुलिस अधिकारी को वीडियोकॉल पर लेते हुए महिला को डिजिटल अरेस्ट किये जाने की जानकारी दी।
यह सुन महिला के होश उड़ गए। बैंक अधिकारी ने महिला को उसके खातों की रिफाइनरी करने की बात कही। साथ ही बताया कि उसे सारी रकम दिये जा रहे बैंक खातों में डालनी होगी। जांच में यदि हवाला से रकम आने की शिकायत की पुष्टि नहीं हुई तो जांच के बाद उसे वापस कर दी जाएगी।
जब तक जांच नहीं होती उसे डिजिटल अरेस्ट ही रखा जाएगा। ठगों ने यह बात किसी भी व्यक्ति व क्षेत्रीय पुलिस को भी बताने से मना कर दिया। गिरफ्तारी के डर से महिला अपने खातों से दिये गए खातों रकम का हस्तांतरण करती रही।
1.47 करोड़ की रकम गवाने के बाद भी जब मांग होती रही व हस्तांतरण कर रहे बैंक कर्मियों को शक हुआ तो उन्होंने महिला के रिश्तेदारों को यह बात बताई। रिश्तेदारों में भी एक पूर्व बैंक कर्मी ने बैंक स्तर से ऐसी किसी जांच का प्रविधान नहीं होने की बात बताई तो
महिला को ठगी का एहसास हुआ। रिश्तेदारों के साथ तत्काल महिला शिकायत लेकर कोतवाली पहुंची। कोतवाली के एसआई दीपक कार्की ने बताया कि मामले की शिकायत 1930 पर कर बैंक खाते होल्ड करवा दिये गए है।
एक करोड़ से अधिक का मामला होने के कारण महिला को साइबर थाना भेजा गया है। मामले में साइबर थाना इंचार्ज कोतवाल अरुण कुमार ने बताया कि महिला की शिकायत पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है।
बैंक कर्मियों को घर बुलाकर खातों में डलवाई रकम
73 वर्षीय महिला नैनीताल में अकेले ही रहती है। घर पर अकेली महिला को डिजिटल अरेस्ट साइबर अपराधियों ने बड़ी ठगी को अंजाम दे दिया। दस दिन पूर्व फोन पर डिजिटल अरेस्ट होने के बाद महिला रकम डालने के लिए बैंक नहीं गई।
बुजुर्ग होने के कारण उसने संबंधित बैंक के कर्मियों को घर पर ही बुलाया। बैंक कर्मियों ने इतनी अधिक रकम मुंबई के खाते में डालने पर शक जाहिर किया तो महिला ने घर खरीदने के लिए रकम भेजने की जानकारी दी। जिसके बाद कर्मियों ने भी अधिक कुछ नहीं पूछा। दस दिनों में अपने तीन खातों से महिला ठगों के पांच खातों में घर बुलाये कर्मियों से रकम डलवाती रही।
शहर में वर्षा होने का बहाना बनाकर बचाए 20 लाख
महिला के शिकायत लेकर कोतवाली व फिर साइबर थाना पहुंचने तक ठग रकम की मांग पर अड़े रहे। सोमवार को भी महिला से ठगों द्वारा 20 लाख रुपये की मांग की गई थी। ठगी का अहसास होने व रिश्तेदारों के बताने के बाद उसने शहर में वर्षा होने के कारण बैंक नहीं जाने का बहाना बनाया। पुलिस के मुताबिक देर शाम तक महिला को ठग फोन कर रकम की मांग कर रहे थे।
शिक्षित लोग भी बन रहे शिकार
यह पहला मामला नहीं कि साइबर ठगों के चुंगल में फंसकर लोगों ने अपनी जीवनभर की पूंजी गवाई हो। इससे पूर्व भी कुविवि के एक प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर 45 लाख से अधिक की ठगी की गई थी।
हालांकि साइबर पुलिस ठगे गए 12 लाख रुपये वापस करने में कामयाब हुई थी। मगर लगातार बढ़ रही घटनाओं व पुलिस के जागरुकता अभियानों के बाद भी लोग साइबर ठगों का शिकार हो रहे है।
साइबर थाना प्रभारी कोतवाल अरुण कुमार ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट समेत अन्य बड़े साइबर अपराधों को देश से बाहर रहकर अंजाम दिया जा रहा है। जिसमें ठग भारत का ही फोन नंबर व बैंक खातों का इस्तेमाल करते है। जागरुक रहना ही बचाव का एकमात्र उपाय है।
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