वन विभाग का वनाग्नि पर काबू के लिए टोल फ्री नंबर जारी, पीसीसीएफ ने किया मास्टर कंट्रोल रूम का उद्घाटन
तराई पूर्वी वन प्रभाग के हीरानगर स्थित कार्यालय में मास्टर कंट्रोल रूम बनाया गया है। टोल फ्री नंबर को इसी रूम से संचालित किया जाएगा। शनिवार से कंट्रोल रूम और टोल फ्री नंबर ने काम करना शुरू कर दिया है।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : वन विभाग ने वनाग्नि व मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं की सूचना देने के लिए टोल फ्री नंबर शुरू किया है। इसके लिए तराई पूर्वी वन प्रभाग के हीरानगर स्थित कार्यालय में मास्टर कंट्रोल रूम बनाया गया है। टोल फ्री नंबर को इसी रूम से संचालित किया जाएगा। शनिवार से कंट्रोल रूम और टोल फ्री नंबर ने काम करना शुरू कर दिया है।
प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी ने मास्टर कंट्रोल रूम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति टोल फ्री नंबर 1800-180-4075 पर मानव वन्यजीव संघर्ष और वनाग्नि की सूचनाएं दे सकता है। कंट्रोल रूम से यह सूचना संबंधित वन रेंज, बीट को भेज दी जाएगी। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम आपदा प्रबंधन की तरह तुरंत कार्रवाई करेगी। घटनाओं पर कम से कम समय में प्रभावी ढंग से काम किया जाएगा। उन्होंने वन अधिकारियों को स्टेट टोल फ्री नंबर भी संचालित करने को कहा। भरतरी ने बताया कि वनाग्नि को लेकर प्रदेश सरकार संजीदा है।
पहली बार प्रशासन व पुलिस के साथ वन अधिकारियों की वनाग्नि को लेकर बैठक हुई है। पश्चिमी वन वृत्त की पांचों वन डिविजनों के वनाग्नि प्रबंधन को लेकर किए कामों की समीक्षा की जा रही है। डीएफओ संदीप कुमार ने बताया कि कंट्रोल रूम में आठ-आठ घंटे की तीन शिफ्टों में काम किया जाएगा। टोल फ्री नंबर मिलने वाली सभी सूचनाओं को रिकार्ड कर निस्तारण तक मॉनीटरिंग की जाएगी। वनाग्नि, मानव वन्यजीव संघर्ष और वन्यजीव रेस्क्यू की सूचना इंटरनेट और वायरलैस दोनों मोड पर दी जाएंगी, ताकि समय से सूचना मिले।
इस दौरान मुख्य वन संरक्षक डॉ. तेजस्विनी पाटिल, वन संरक्षक जीवन चंद्र जोशी, डीएफओ कुंदन कुमार, डॉ. अभिलाषा सिंह, हिमांशु बागरी, चंद्रशेखर जोशी, एसडीओ ध्रुव सिंह मर्तोलिया, रेंजर आरपी जोशी, अनिल जोशी, मुकुल सुनाल आदि मौजूद थे।
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