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    नैनीताल में मल्टीस्टोरी पार्किंग को वन विभाग ने दी हरी झंडी

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Sat, 23 Feb 2019 07:04 PM (IST)

    पार्किंग के लिए चयनित वन भूमि के हस्तांतरण का मसला राज्य के नोडल अधिकारी से पास होने के बाद अब केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के पास पहुंच गया है।

    नैनीताल में मल्टीस्टोरी पार्किंग को वन विभाग ने दी हरी झंडी

    नैनीताल, जेएनएन : पर्यटन सीजन में पार्किंग की समस्या के समाधान के लिए जिला प्रशासन व एडीबी पर्यटन के प्रयासों से नारायण नगर में प्रस्तावित मल्टीस्टोरी पार्किंग की फाइल फिर से दौडऩे लगी है। पार्किंग के लिए चयनित वन भूमि के हस्तांतरण का मसला राज्य के नोडल अधिकारी से पास होने के बाद अब केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के पास पहुंच गया है। वहां से जल्द क्लीयरेंस मिलने की उम्मीद है। अक्टूबर 2017 में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नैनीताल में मल्टीस्टोरी पार्किंग की घोषणा की थी। इसके बाद एडीबी पर्यटन ने पार्किंग के लिए 50 करोड़ देने का प्रस्ताव तैयार किया। शहर से नौ किमी दूर नारायण नगर में भूमि चयनित हुई, मगर फरवरी 2018 में वन भूमि का पेंच फंस गया, जिसके बाद मामला लटक गया। बाद में मुख्यमंत्री के समक्ष विधायक संजीव आर्य ने वन विभाग के नोडल अफसर मनोज चंद्रन की ओर से बेवजह आपत्ति लगाने का मामला उठाया तो शासन ने इसे गंभीरता से लिया। इसके चंद माह बाद मोनिष मलिक नोडल अफसर बनाए गए। उन्होंने अब आपत्तियों के निस्तारण के बाद वन भूमि हस्तांतरण के प्रस्ताव को सैद्धांतिक सहमति देते हुए इसे भारत सरकार के पास भेज दिया।

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    1100 वाहनों की होगी क्षमता

    नारायण नगर में प्रस्तावित मल्टीस्टोरी पार्किंग की क्षमता 1100 वाहनों की है। इसे छह या सात मंजिल का बनाया जाएगा। सिटी बस व स्थानीय टैक्सियों के लिए भी स्थान उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें दुकानें व शौचालय भी होंगे। पार्किंग के लिए डेढ़ हेक्टेयर जमीन चयनित है। अधिकांश हिस्सा समतल है। एडीबी सूत्रों के अनुसार मैदान में ही करीब पांच सौ वाहन पार्क करने की क्षमता है। यदि जमीन कच्ची भी निकलेगी तो एडीबी के पास पार्किंग की मंजिल कम करने का विकल्प भी है।

    जल्द होगा जियो टेक्निकल सर्वे

    डीएम वीके सुमन का कहना है कि पार्किंग मामले में प्राथमिकता से औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है। भूमि के जियो टेक्निकल सर्वे के लिए आइआइटी रुड़की को पत्र भेजा गया है। संस्थान से संपर्क भी किया जा रहा है। जल्द जमीन का जियो टेक्निकल सर्वे होगा। इसके अलावा पर्यटन सीजन में बल्दियाखान बाइपास को पार्किंग स्पॉट के रूप में प्रयोग किया जा रहा है।

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