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    Nainital News : अतिक्रमण के कारण जीआइएस सर्वे से बाहर हुईं हल्द्वानी की पांच मलिन बस्तियां

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Fri, 20 May 2022 06:08 AM (IST)

    Haldwani GIS Survey मालिकाना हक देने व नियमितीकरण की मंशा से शहरी विकास निदेशालय मलिन बस्तियों का सर्वे करा रहा है। रेलवे अतिक्रमण हटाने को लेकर चल र ...और पढ़ें

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    रेलवे अतिक्रमण प्रकरण के चलते नगर निगम प्रशासन ने लिया फैसला

    गणेश पांडे, हल्द्वानी : रेलवे व वन भूमि पर अतिक्रमण के उपजे विवाद के बाद नगर निगम ने पांच मलिन बस्तियों को भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआइएस) आधारित डिजिटल मैप के दायरे से बाहर कर दिया है। निकट भविष्य में जब शहर का समग्र डाटाबेस डिजिटल रूप में सामने आएगा, उसमें पांच बस्तियों में रहने वाले पांच हजार से अधिक परिवारों का कोई ब्योरा उपलब्ध नहीं होगा।

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    मालिकाना हक देने व नियमितीकरण की मंशा से शहरी विकास निदेशालय मलिन बस्तियों का सर्वे करा रहा है। रेलवे अतिक्रमण हटाने को लेकर चल रही तैयारी के बीच रेलवे व वन भूमि पर बसी मलिन बस्तियों को नियमितीकरण के सर्वे से बाहर कर दिया गया।

    अब जीआइएस सर्वे से भी मलिन बस्तियों को बाहर कर दिया गया है। जीआइएस सर्वे के जरिये नगर निगम क्षेत्र की संपत्तियां चिह्नित की जानी हैं। सर्वे के आधार पर शहर की एक-एक संपत्ति को यूनिक नंबर देकर साफ्टवेयर पर दर्ज किया जाएगा। इससे संपत्ति कर प्रणाली पारदर्शी व अधिक कारगर होगी।

    छोड़ी गई बस्तियों में परिवार संख्या

    ढोलक गफूर बस्ती 746

    इंदिरानगर पश्चिमी ए 1850

    इंदिरानगर पश्चिमी बी 640

    इंदिरानगर पूर्वी 1364

    चिराग अली साह 642

    (नोट: आंकड़े निगम के पुराने सर्वे पर आधारित)

    सेटेलाइट इमेज से हुआ सत्यापन

    कैंट क्षेत्र की वजह से तीन किमी परिधि में ड्रोन उड़ाने की अनुमति नहीं मिली। ऐसे में कंपनी जीआइएस कंसोर्टियम ने सेटेलाइट इमेज के आधार पर सर्वे किया। सर्वे में सामने आए रिकार्ड के मुताबिक करीब 20 से 25 प्रतिशत व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से निगम को टैक्स नहीं मिल रहा। कई आवासीय परिवार कम क्षेत्र दिखाकर हाउस टैक्स दे रहे हैं।

    जानकारी देने से बच रहे नए शहरवासी

    कंपनी के परियोजना प्रभारी जय कीर्ति नेगी ने बताया कि नए वार्डों में लोग सर्वे में सहयोग नहीं कर रहे। तर्क देते हैं कि सरकार ने 10 साल तक टैक्स माफ किया है तो सर्वे क्यों? जय कीर्ति ने कर अधीक्षक को यह समस्या बताते हुए सर्वे को लेकर मुनादी कराने व निगम से सहयोग दिलाने की मांग की है। डिजिटल डाटाबेस भविष्य की योजना में मददगार साबित होगा। इसी आधार पर निगम शासन से नए वार्डों में टैक्स माफी की प्रतिपूर्ति की मांग करेगा।

    अतिक्रमण वाले इलाके को जीआइएस सर्वे से बाहर

    कर अधीक्षक नगर निगम हल्द्वानी महेश पाठक ने बताया कि रेलवे अतिक्रमण वाले इलाकों को जीआइएस सर्वे से बाहर किया गया है। नए वार्डों में मुनादी व कूड़ा वाहनों से प्रचारित कराकर जनसहयोग की अपील की जाएगी। पार्षदों का भी सहयोग लेंगे।