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    24 जून को होने जा रही है अद्भुत खगोलीय घटना, नग्न आंखों से पांच ग्रहों को देख सकेंगे एक साथ

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Mon, 20 Jun 2022 09:33 AM (IST)

    बुध शुक्र मंगल गुरु व शनि करीब करीब एक सीध में नजर आएंगे जो क्षितिज से करीब 75 डिग्री के एंगल में थोड़ा झुकाव के साथ दिलकश नजारे के साथ पेश आयेंगे। इस घटना को 23 से 25 के देखा जा सकेगा 24 जून को वह सबसे नजदीक होंगे।

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    इस दुर्लभ खगोलीय घटना में पांच ग्रहों को नग्न आंखों से एक सीध में देखा जा सकेगा।

    रमेश चंद्रा, नैनीताल: धरती के उस पार सौरमंडल के ग्रहों का अपना अद्भुत संसार है। इनकी निराली सुंदरता को एक साथ निहार पाने का अवसर दशकों बाद ही मिल पाता है, जो इस बार 24 जून को आ रहा है। इस दुर्लभ खगोलीय घटना में पांच ग्रहों को नग्न आंखों से एक सीध में देखा जा सकेगा।

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    आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा शशिभूषण पाण्डेय के अनुसार बुध, शुक्र, मंगल, गुरु व शनि करीब करीब एक सीध में नजर आएंगे, जो क्षितिज से करीब 75 डिग्री के एंगल में थोड़ा झुकाव के साथ दिलकश नजारे के साथ पेश आयेंगे।

    इसमें क्षितिज से कुछ ही ऊपर पूर्व दिशा में बुध ग्रह को देख सकेंगे। सूर्य से दूरी अधिक होने के कारण बुध को नग्न आंखों से देख पाना आसान होगा। इसके ऊपर की तरफ शुक्र, उसके बाद मंगल , फिर बृहस्पति यानी गुरु के अंत में शनि ग्रह नजर आयेगा। इस बीच शुक्र व मंगल के बीच चंद्रमा भी विराजमान होगा।

    इतने ग्रहों का समायोजन इस खगोलीय घटना को दुर्लभ बनाता है। इस घटना को 23 से 25 के देखा जा सकेगा, 24 जून को वह सबसे नजदीक होंगे। इस खगोलीय घटना को सूर्योदय से 45 मिनट पहले देखा जा सकेगा। इसके बाद इनका आपस में बिखरना शुरू हो जाएगा। सभी ग्रह इंसेट

    अगली बार 2040 में होगी यह खगोलीय घटना

    पांच ग्रहों का संयोजन दुर्लभ खगोलीय खगोलीय घटना है। अगली बार यह संयोग 2040 में बनेगा। आभासीय दूरी के लिहाज से सभी ग्रह एक दूसरे के करीब नजदीक होंगे, जबकि वास्तविकता में इन सबके बीच आपसी दूरी करोड़ों किमी की होगी। बहरहाल आकाशीय सुंदरता के लिहाज से यह खगोलीय घटना अविस्मरणीय हो जाती है।

    पोजिशन के हिसाब से ही होंगे मौजूद सौरमंडल

    भारतीय तारा भौतिकी विज्ञान (आईआईए) बेंगलुरु के सेनि वरिष्ठ विज्ञानी प्रो आरसी कपूर के अनुसार इस खगोलीय घटना में खास बात यह है कि इन पांचों ग्रहों की पोजिशन वैसी ही है, जैसे कि सूरज से इनकी स्थिति है। सूरज के सबसे करीब बुध, फिर शुक्र, उसके बाद मंगल, फिर गुरु और उसके बाद शनि ग्रह आता है।