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    स्कंद पुराण व मानस खंड में है ॐ पर्वत का उल्लेख, आदि कैलास यात्रा में होंगे दर्शन

    By Prashant MishraEdited By:
    Updated: Sat, 09 Apr 2022 11:06 AM (IST)

    Adi Kailash Trek धार्मिक मान्यता है कि आदि कैलाश भगवान शिव का निवास रहा है। पास ही स्थित पार्वती सरोवर में माता पार्वती का स्नान स्थल था। आदि कैलास यात्रा में उत्तराखंड के कई पवित्र स्थलों के दर्शन होंगे। यात्रा दो जून से शुरू हो रही है।

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    यात्रा के लिए पहला दल दो जून को नैनीताल के काठगोदाम से रवाना होगा।

    जागरण संवाददाता, नैनीताल : Adi Kailas Yatra: उत्तराखंड में कैलास मानसरोवर यात्रा की तरह ही आदि कैलास की भी यात्रा प्रसिद्ध है। कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए चीन सीमा में प्रवेश करना होता है। वह अपेक्षाकृत महंगी भी है। पर आदि कैलास यात्रा उत्तराखंड के अंदर ही होती है।

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    स्कंद पुराण के मानस खंड में आदि कैलास एवं ॐ पर्वत की यात्रा को कैलाश मानसरोवर यात्रा जितनी ही प्रमुखता दी गई है। गौरतलब है कि आठ दिवसीय यात्रा के लिए पहला दल दो जून को नैनीताल के काठगोदाम से रवाना होगा। 

    सीमांत पिथौरागढ़ जिले में भारत तिब्बत सीमा के पास स्थित आदि कैलाश, कैलास पर्वत की छवि है। मान्यता है कि आदि कैलाश भोले बाबा का निवास रहा है। पास ही स्थित पार्वती सरोवर में माता पार्वती का स्नान स्थल हुआ करता था। साक्षात शिव का प्रतीक ॐ अपने मस्तक पर सुशोभित किया हुए। 

    लगती है तीन देशों की सीमा

    ॐ पर्वत कुल तीन देशों की सीमाओं से लगा हुआ है। इस स्थान के धार्मिक एवं पौराणिक महत्व का वर्णन महाभारत, रामायण एवं वृहत पुराण जैसे ग्रंथों में मिलता है। आदि कैलास एवं ॐ पर्वत यात्रा सिर्फ़ दो स्थानों की यात्रा नहीं है बल्कि अपने आप में अनेक धार्मिक तीर्थों को समेटे हैं। 

    इन महत्वपूर्ण पड़ावों से गुजरेगी यात्रा

    काठगोदाम से काठगोदाम तक आठ दिनों में होने वाली यह यात्रा भीमताल, नीम करोली बाबा के आश्रम कैंची धाम, चितई गोलू मंदिर, पौराणिक से मंदिरों का समूह जागेश्वर धाम, पार्वती मुकुट, ब्रह्मा पर्वत, शेषनाग पर्वत, शिव मंदिर, पार्वती सरोवर, गौरीकुंड, पाताल भुवनेश्वर, महाभारत काल के बहुत से स्थानों जैसे पांडव किला, कुंती पर्वत, पांडव पर्वत एवं वेदव्यास गुफा से होकर गुजरती है।

    आदि कैलास यात्रा का कार्यक्रम

    कुमाऊं मंडल विकास निगम ने आदि कैलास यात्रा कार्यक्रम जारी कर दिया है। साहसिक पर्यटन प्रभारी गिरधर सिंह मनराल ने बताया कि आठ दिवसीय यात्रा के लिए पहला दल दो जून को काठगोदाम से रवाना होगा। 

    काठगोदाम से होगी शुरुआत

    यात्रा का एक दल हर चौथे दिन दल काठगोदाम से रवाना होंगे। दल में न्यूनतम 15 से अधिकतम 50 तीर्थयात्री होंगे। अंतिम दल 28 अक्टूबर को काठगोदाम से रवाना होगा। 

    आएगा इतना खर्चा 

    प्रति यात्री करीब 50 से 55 हजार खर्च आएगा। पहले दिन दल को काठगोदाम से पिथौरागढ़ तक 210 किमी, दूसरे दिन पिथौरागढ़ से धारचूला 93 किमी, तीसरे दिन धारचूला से मालपा, बूंदी, गरबयांग तक 71 किमी,  चौथे दिन गुंजी से आदि कैलास वाया नाभीढांग, कुटी, जोलीकांग, आदि कैलास व पार्वती सरोवर दर्शन के उपरांत वापस गुंजी 68 किमी तक सफर होगा।