रामगंगा में बहे पर्यटक पर्यटक पिता-पुत्र का तीसरे दिन भी नहीं लगा कोई सुराग, अब पैदल चलेगा सर्च ऑरेशन
रामगंगा के तेज बहाव में बहे पर्यटक राजेश राणा व उसके आठ वर्षीय पुत्र कार्मिक का तीसरे दिन भी कोई पता नहीं लग सका। राफ्ट से 400 मीटर के दायरे में तलाशी अभियान के बाद अब नैनीताल से पहुंचे एसडीआरएफ के जवानों ने तटीय क्षेत्रों में पैदल सर्च ऑपरेशन चलाया।

मानिला (अल्मोड़ा) जागरण संवाददाता : रामगंगा नदी के तेज बहाव में बहे पर्यटक राजेश राणा व उसके आठ वर्षीय पुत्र कार्मिक का तीसरे दिन भी कोई पता नहीं लग सका। राफ्ट से 400 मीटर के दायरे में तलाशी अभियान के बाद अब नैनीताल से पहुंचे एसडीआरएफ के जवानों ने तटीय क्षेत्रों में पैदल सर्च ऑपरेशन चलाया। मगर शाम तक दोनों को नहीं खोजा जा सका। इधर मरचूला में ही अपनों के मिलने के इंतजार में बैठे स्वजनों की आंखें अब पथराने लगी हैं।
बैंक कॉलोनी पूनम विहार मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) निवासी 30 वर्षीय पर्यटक राजेश राणा पुत्र रामअवतार व उसका आठ साल का बेटा कार्मिक बीती सोमवार को दिन में साढ़े बारह बजे रामगंगा के बहाव में संतुलन बिगडऩे से बह गए थे। हादसा तब हुआ जब उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में अतिवृष्टिï से रामगंगा नदी के सहायक बरसाती गधेरे व धारों का जलप्रवाह बढ़ गया। इससे नदी का जलस्तर और वेग अचानक बढ़ गया। ऊपर से शांत मगर भीतर ही भीतर बेकाबू लहरों का मिजाज न समझ पाने के कारण पर्यटक धोखा खा गए।
दोनों की तलाश में एसडीआरएफ व स्थानीय पुलिस के जवानों ने राफ्ट से अभियान चलाने के बाद अब मंगलवार को तीसरे दिन वनघट से दुर्गादेवी गेट के अलावा रामगंगा के तटीय क्षेत्रों में मीलों दूर तक सर्च ऑपरेशन चलाया। शाम साढ़े तीन बजे तक 51 घंटे बीतने के बाद भी पर्यटक पिता पुत्र का कोई पता नहीं लगाया जा सका।
मटमैले पानी ने बढ़ाई मुश्किल
उच्च पहाड़ों में बारिश तेज होने लगी है। इससे रामगंगा का जलस्तर और बढऩे के आसार हैं। वहीं हालिया अतिवृष्टि से वनाग्नि से तबाह वनक्षेत्रों की मिट्टी बहकर नदी में गिरने से रंग मटमैला हो चुका है। ऐसे में एसडीआरएफ व पुलिस जवानों को तलाश करने में और मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं एसडीएम शिप्रा जोशी पांडेय, एसओ सल्ट धीरेंद्र पंत समेत तहसील प्रशासन की टीम भी मरचूला में ही डेरा डाले हैं।
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