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    coronavirus : विशेषज्ञों ने कहा, कोयले से कोरोना का इलाज अंधविश्वास, ऐसे लोगों पर हो कार्रवाई

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Mon, 30 Mar 2020 01:43 PM (IST)

    सोशल मीडिया में कुछ लोगों ने मिट्टी के अंदर से कोयला निकलने और उसका टीका लगाने से कोरोना से बचने के पोस्ट और वीडियो शेयर किए हैं। जो तेजी से वायरल हो ...और पढ़ें

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    coronavirus : विशेषज्ञों ने कहा, कोयले से कोरोना का इलाज अंधविश्वास, ऐसे लोगों पर हो कार्रवाई

    हल्द्वानी, जेएनएन : वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस के खतरे के बीच अंधविश्वास भी पांव पसार रहा है। सोशल मीडिया में कुछ लोगों ने मिट्टी के अंदर से कोयला निकलने और उसका टीका लगाने से कोरोना से बचने के पोस्ट और वीडियो शेयर किए हैं। जो तेजी से वायरल हो रहे हैं। प्रसारित किया जा रहा है कि पांच साल की बच्ची के शरीर मे हाट काली मैया ने अवतरित होकर कोरोना से बचाव के लिए घर के बाई तरफ खुदाई करने की बात कही।ज्योतिषियों, पुजारियों और विशेषज्ञों ने इसे अंधविश्वास बताते हुए सिरे से खारिज किया है। इसके साथ ही ऐसी भ्रामक खबरें फैलाने वालों पर कार्रवाई करने की बात कही।

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    भ्रमाक खबरों से बचे सावधानी बरतें

    डॉ. नवीन चंद्र जोशी, प्राचार्य श्री महादेव गिरी संस्कृत महाविद्यालय हल्द्वानी ने कहा कि जमीन के नीचे से निकले कोयले से कोरोना का उपचार होने की बात अवैज्ञानिक होने के साथ शास्त्रों के लिहाज से भी अपुष्ट है। ज्योतिष और शास्त्र इसका खंडन करते हैं। लोग शारीरिक डिस्टेंस का पूरी तरह पालन करें और अंधविश्वास में न आएं। हरगोविंद रावल, पुजारी हाट कालिका मंदिर गंगोलीहाट ऐसी भ्रामक खबरों पर न दें ध्‍यान, पांच साल की बच्ची के शरीर में देवी के अवतरित होने और उसके आशीर्वाद से जमीन के अंदर से निकले कोयले से कोरोना का उपचार होने की बात पूरी तरह भ्रामक है। ऐसी पोस्ट पर बिल्कुल ध्यान न दें।

    डब्‍ल्‍यूएचओ नहीं ढूंढ सका है अभी उपचार

    डॉ. मनोज कांडपाल, वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी हल्द्वानी ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन अभी तक कोरोना का कोई उपचार नहीं ढूंढ पाया है। कोयले से कोरोना के उपचार की बात पूरी तरीके से भ्रामक है। लोग शारीरिक डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन करते हुए अपने घरों में ही रहें। वहीं भू वैाानिक रवि नेगी ने कहा कि हल्द्वानी और भाबर में कोयला होने की कोई गुंजाइश नहीं है। जमीन में दबी वस्तुओं के अवशेष कई बार हमें काले पत्थर के रूप में प्राप्त होते हैं। यह कोई चमत्कारिक घटना नहीं है। ऐसी में अफवाहों से दूर रहना चाहिए।

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