नैनीताल हाई कोर्ट का फैसला, सरकारी नौकरी में अब पूर्व सैनिकाें को कई बार मिलेगा आरक्षण का लाभ
नैनीताल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के उस शासनादेश को रद्द कर दिया है जिसमें पूर्व सैनिकों को सरकारी नौकरी में केवल एक बार आरक्षण का लाभ देने की बात कही गई थी। कोर्ट के इस फैसले से अब राज्य के पूर्व सैनिकों को सरकारी सेवाओं में कई बार आरक्षण का लाभ मिल सकेगा जिससे उन्हें नौकरी पाने में आसानी होगी।

जागरण संवाददाता, नैनीताल। हाई कोर्ट ने राज्य में पूर्व सैनिकों को सरकारी सेवाओं में नियुक्ति में केवल एक बार ही पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण का लाभ लेने से संबंधित शासनादेश को रद कर दिया है।
कोर्ट के इस निर्णय से राज्य के बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों के राज्य की विभिन्न सरकारी सेवाओं में आवेदन के बाद आरक्षण लाभ मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
दरअसल राज्य सरकार की ओर से 22 मई 2020 को एक शासनादेश जारी किया गया था। जिसमें कहा गया था कि पूर्व सैनिकों को राज्य की सरकारी सेवा में आरक्षण का लाभ केवल एक ही बार मिलेगा। राज्य में पूर्व सैनिकों को सरकारी सेवाओं में पांच प्रतिशत आरक्षण देय है।
सरकार के इस शासनादेश को रामनगर के शिक्षक दिनेश कांडपाल ने याचिका दायर कर चुनौती दी। मंगलवार को वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ में याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विकास बहुगुणा ने तर्क दिया कि पूर्व सैनिकों, दिव्यांग व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रितों को आरक्षण देने से संबंधित अधिनियम में एक बार ही आरक्षण का लाभ मिलने का कोई उल्लेख नहीं है।
ऐसे में सरकार का शासनादेश नियम विरुद्ध और निरस्त होने योग्य हैं। यह भी कहा कि उत्तराखंड में बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक राजकीय सेवाओं के लिए आवेदन करते हैं। यह शासनादेश राज्य में लागू एक्ट के प्रविधानों के विपरीत है। खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद राज्य सरकार के शासनादेश को रद कर दिया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।