सूदखोरों के जाल में फंसा हर शख्स कंगाल, महिलाएं भी इस गोरखधंधे में
सूद का काम करने वाले सभी लोग फर्श से अर्श तक पहुंच चुके हैं, जबकि इसके चंगुल में फंसा कंगाल हो चुका है।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : सूद का काम करने वाले सभी लोग फर्श से अर्श तक पहुंच चुके हैं, जबकि इनसे रकम लेने वाला हमेशा कंगाल ही हुआ। एक जगह का पैसा चुकाने के लिए दूसरी जगह से रकम उठाते ही आदमी इनके जाल में फंस जाता है। उसके बाद इस ब्याज के भंवर से निकलना मुश्किल है।
दमुवाढूंगा निवासी महेश भी इन्हीं सूदखोरों के चंगुल में फंसकर जान गंवा बैठा। उसके घर पहुंचकर हर शख्स की जुबां पर सूदखोरों का ही जिक्र था। कुमाऊं कॉलोनी के लोगों ने बताया कि मृतक महेश का डीजे व लाइट का काम सही चलता था। लेकिन काफी समय से वह सूदखोरी के चक्कर में फंसा हुआ था। कुछ साल पहले उसने घर के आगे की कुछ जमीन भी बेची थी। दमुवाढूंगा इलाके में कुछ महिलाएं भी इस गोरखधंधे में उतर चुकी हैं, जो खासकर पैसों के चक्कर में परेशान लोगों को झांसे में लेकर पैसा देती हैं। मोटी रकम लगाने वालों से चार प्रतिशत में पैसा उठाकर आगे दस प्रतिशत में लगाया जाता है। चार बेटी व एक बेटा महेश की मौत के बाद से परिजन सदमे में हैं। वह घर का इकलौता कमाऊ सदस्य था। उसकी चार बेटियां पिंकी (21), पूजा (18), खुशी (15) व काजल (12) हैं, जबकि बेटा सम्राट (तीन) सबसे छोटा है। पत्नी नीतू आंगनबाड़ी कार्यकत्री है। तीन नंबर लगाए सर्विलांस पर पुलिस मामले में मृतक के तीन नबंर को सर्विलांस पर लगाकर कॉल डिटेल खंगाल रही है। एक नंबर मृतक की बेटी द्वारा दिया गया है। बनभूलपुरा में सूदखोर की हुई थी हत्या कुछ साल पहले बनभूलपुरा इलाके में सूदखोर के उत्पीड़न से परेशान होकर दो युवकों ने उसकी हत्या कर दी थी। वहीं छह माह पूर्व रुद्रपुर के एक कारोबारी ने आजिज आकर सुसाइड की कोशिश की थी।

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