धूमधाम से मनाया गया कुमाऊं रेजीमेंट का स्थापना दिवस, आर्मी बैंड के साथ थिरके पूर्व सैनिक
नैनीताल रोड के शीशमहल स्थित एक बैंक्वेट हॉल में धूमधाम से मनाया गया कुमाऊं रेजीमेंट का स्थापना दिवस। वीर नारियों व आश्रितों ने लिया कार्यक्रम का आनंद।
हल्द्वानी, जेएनएन : कुमाऊंनी गीतों की धुनों और आर्मी का बैंड...। इनके साथ थिरकते कुमाऊं रेजीमेंट के रिटायर्ड अफसर, वीर नारियां व परिवार के लोग। ये नजारा था शुक्रवार को नैनीताल रोड के शीशमहल स्थित एक बैंक्वेट हॉल का। कुमाऊं रेजीमेंट की टोपी, टाई, स्कार्फ व मेडल लगाकर पहुंचे रिटायर्ड अफसरों व जवानों को देखकर ही देशभक्ति झलक रही थी। वहीं वीर नारियां अपने पति के देश के लिए किए गए सर्वोच्च बलिदान की साक्षी बनी थीं।
ये मौका कुमाऊं रेजीमेंट के कुमाऊं दिवस समारोह का था। समारोह स्थल के प्रवेश द्वार पर कुमाऊंनी परिधानों में सजी बालिकाओं ने अतिथियों का तिलक लगाकर स्वागत किया। अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत कराई। सबसे पहले रिटायर्ड कर्नल दर्शन कार्की समेत 27 अक्टूबर 2018 से अब तक रेजीमेंट के दिवंगत हुए पूर्व सैनिकों को याद कर व दो मिनट का मौन रख शोक श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद 27 शहीदों की वीरांगनाओं व आश्रितों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बुजुर्ग सूबेदार मेजर आनरेरी कैप्टन बीरेंद्र सिंह बोरा भावुक होकर बोले, ऐसे दिवसों में सब लोग आपस में मिलने के साथ कठिन परिस्थितियों में बिताए गए दिनों को याद करते हैं। जनरल इंद्रजीत सिंह बोरा ने कहा कि कुमाऊं रेजीमेंट का इतिहास गौरवशाली रहा है और इसे बरकरार रखने के लिए हमें और भी कठिन परिश्रम करना होगा। जनरल सुरेंद्र शाह (वीर चक्र विजेता) ने रेजीमेंट के हर क्षेत्र में किए गए सराहनीय कार्यों को साझा किया। संगठन के अध्यक्ष कैप्टन थान सिंह सुयाल ने समूह गान कर पहाड़ी संस्कृति व वीरता को सुनाया।
पूर्व सैनिकों ने 20 कुमाऊं के जाज बैंड के साथ जमकर लुत्फ उठाया। जनरल से सिपाही व आश्रित बैंड की धुनों में थिरके। इसके बाद पाइप बैंड की मार्शल ध्वनियों व पारंपरिक कुमाऊं चाचरी व हुड़की की ताल ने सबको नाचने पर मजबूर किया।
ये थे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि
मेजर जनरल सुरेंद्र शाह (वीर चक्र विजेता व विशिष्ठ सेना मेडल), मेजर जनरल इंद्रजीत सिंह बोरा (विशिष्ठ सेना मेडल), सूबेदार मेजर आनरेरी कैप्टन वीरेंद्र सिंह बोरा व कैप्टन लक्ष्मण सिंह डसीला।
इनको किया गया सम्मानित
जमुना देवी पत्नी शहीद सिपाही जोहार सिंह, गंगा देवी पत्नी शहीद सिपाही कृष्णा नंद, सरस्वती देवी पत्नी शहीद सिपाही धन सिंह, बची देवी पत्नी शहीद सिपाही हयात सिंह, लीला स्यात्री पत्नी शहीद हवलदार दौलत सिंह, उमा देवी पत्नी शहीद नायक मोहन सिंह, हीमा देवी पत्नी शहीद नायक खीम सिंह, पदमा देवी पत्नी शहीद सिपाही उत्तम सिंह, किरन पांडे पत्नी शहीद सिपाही नायक पीतांबर पांडे, आनंदी देवी पत्नी शहीद नायक गोपाल सिंह, जानकी देवी पत्नी शहीद नायक मोहन सिंह, पार्वती देवी पत्नी शहीद नायक राजेंद्र सिंह, चंद्र कला पत्नी शहीद नायक होशियार सिंह, रमा भंडारी पत्नी शहीद हवलदार जीवन सिंह, किरन कैड़ा पत्नी सिपाही दीपक कैड़ा आदि।
ये अफसर व सैनिक रहे मौजूद
कैप्टन आरसी भंडारी, कर्नल सीके चौधरी, कर्नल जीएस दानू, मेजर केएस महरा, कैप्टन नरेंद्र सिंह कार्की, कैप्टन एचसी पाठक, कैप्टन सीबीएस बसेड़ा, कैप्टन खुशाल सिंह रावत, कैप्टन बहादुर सिंह, कैप्टन मदन सिंह राठौर, कैप्टन कुंवर सिंह, कैप्टन भूपाल सिंह महरा, कैप्टन नारायण दत्त, कैप्टन दीवान गिरी, कैप्टन मदन मोहन भट्ट, कैप्टन कृपाल सिंह कोरंगा, सूबेदार मेजर गोविंद सिंह बरती, सूबेदार दुर्गा सिंह, नायब सूबेदार देवेंद्र दफौटी, हवलदार गोपाल सिंह, नायब पुष्कर सिंह डसीला आदि।
दीपावली के कारण कार्यक्रम टाला गया था
मेजर बीएस रौतेला, पूर्व जिला सैनिक एवं पुनर्वास कल्याण अधिकारी ने बताया कि 27 अक्टूबर 1945 को हैदराबाद रेजीमेंट का नाम बदलकर कुमाऊं रेजीमेंट रखा गया था। इस दिन को कुमाऊं दिवस के रूप में मनाया जाता है। चूंकि उक्त तिथि को दीपावली का पर्व था। इस कारण इस साल समारोह एक नवंबर को मनाया गया। इस समारोह के माध्यम से पूर्व सैनिक, वीरांगनाएं व आश्रित एक साथ जुटकर अच्छे-बुरे पलों का साझा करते हैं।