Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Earbuds का लगातार यूज करते हैं तो पढ़ें ये खबर, कहीं जिंदगी भर पछताना न पड़े

    Updated: Sun, 17 Aug 2025 08:17 PM (IST)

    हेलो डाक्टर कार्यक्रम में ईएनटी सर्जन डा. कविता लोहनी ने इयरबड्स के लगातार इस्तेमाल से होने वाले नुकसानों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इयरबड्स से निकलने वाली तेज आवाज कानों की सुनने की क्षमता को कम कर सकती है और स्थायी रूप से श्रवण शक्ति को भी खत्म कर सकती है। उन्होंने इयरबड्स का कम इस्तेमाल करने को कहा।

    Hero Image
    इयरबड्स के लगातार प्रयोग से कम हो सकती है सुनने की क्षमता। प्रतीकात्‍मक

    जासं, हल्द्वानी। मोबाइल फोन या टैबलेट से इयरबड्स को कनेक्ट करके मधुर संगीत और फिल्मों का अनुभव कुछ अलग ही होता है। आवाज की बेहतर गुणवत्ता और किसी भी तरह के हस्तक्षेप से मुक्त होने की वजह से यह लोगों की पसंद बन चुका है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आधुनिक तकनीकी से जुड़ते हुए प्रत्येक आयु वर्ग का व्यक्ति इसका जमकर उपयोग कर रहा है। मार्निंग वाक से लेकर रात को सोने तक लोग इसका काफी प्रयोग कर रहे हैं। कई लोग तो ऐसे भी है जो रात को कान में इयरबड्स लगाकर ही सो जाते हैं और उसमें संगीत बजता रहता है। ऐसी आदत कानों के लिए खतरनाक है और इयरबड्स के लगातार इस्तेमाल से सुनने की क्षमता कम हो सकती है।

    श्रवण शक्ति स्थाई रूप से खत्म भी हो सकती है। साथ ही इसका प्रभाव समझने की क्षमता पर भी पड़ सकता है। सोबन सिंह जीना बेस चिकित्सालय की ईएनटी सर्जन डा. कविता लोहनी ने रविवार को दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी।

    उन्होंने बताया कि इयरबड्स से निकलने वाली आवाज काफी तेज होती है। जो कान की आंतरिक संरचना में बने पाथवे को प्रभावित करती है। इससे कान के हेयर सेल्स और नशों पर प्रभाव पड़ता है। ऐसे में लोगों को इयरबड्स के प्रयोग से बचने या बेहद जरूरी होने पर सीमित समय के लिए इस्तेमाल करने की सलाह दी है।

    हल्द्वानी में एक बच्चे की चली गई सुनने की शक्ति डा. लोहनी ने बताया कि कुछ समय पहले हल्द्वानी क्षेत्र का ही एक मामला अस्पताल में आया था। जिसमें बच्चा रातभर कान में इयरबड्स लगाकर सो गया और उसमें संगीत बजता रहा।

    सुबह जब बच्चा उठा तो उसे कुछ सुनाई नहीं दिया। उसके अभिभावक अस्पताल लेकर आए। जांच करने पर पता चला की कान खराब हो चुका है। अभी तक उसकी श्रवण शक्ति नहीं लौटी है। डा. लोहनी ने बताया काफी ऐसे केस आ रहे हैं जिसमें बच्चों और युवाओं की सुनने की शक्ति कम हो गई है।

    कान बजने की समस्या, फंगस भी हो सकता है

    डा. लोहनी ने बताया कि इयरबड्स का अधिक प्रयोग करने से टिनिटस की समस्या हो सकती है। इसमें एकांत में होने पर भी कान में कुछ आवाजें सुनाई देने का भ्रम होता है। साथ ही कान में हवा नहीं जा पाती ऐसे में फंगस भी हो सकता है। जिससे खुजली की समस्या हो सकती है।

    इन बातों का दें ध्यान

    • दूसरों के इयरबड्स को कतई अपने कान पर न लगाएं
    • खासकर सोने से पहले इयरबड्स का उपयोग करने से बचें
    • बेहद जरूरी होने पर ही उपयोग करें, लेकिन आवाज कम रहे
    • अभिभावक बच्चों को इयरबड्स का प्रयोग करने से रोकें
    • वाहन चलाते और पैदल चलते समय तो उपयोग कतई न करें
    • मोबाइल फोन को भी कान से थोड़ा दूरी पर लगाएं

    कान को माचिस की तिली व इयरबड्स से न करें साफ

    कान खुजली लगने और पस निकलने पर लोग माचिस की तीली या रुई युक्त इयरबड्स से साफ करने लगते हैं। डा. लोहनी ने ऐसा करने से बचने की सलाह दी है। इससे कान को नुकसान हो सकता है।

    प्रश्न व उत्तर : प्रश्न : कान बहता है और सुनाई भी कम देता है, इसकी वजह क्या होगी? - गिरीश जोशी, लालकुआं

    उत्तर : बगैर जांच किए कुछ कहना उचित नहीं है, लेकिन ऐसी स्थिति पर्दा फटे होने पर होती है। कान में पानी जाने न दें और एक बार डाक्टर को दिखाएं।

    प्रश्न : मुझे कुछ समय से सुनने में दिक्कत हो रही है, क्या कारण हो सकता है? - तारा सिंह, द्वाराहाट

    उत्तर : सुनाई कम देने की वजह कान की नशों में कमजोरी हो सकती है। इसके लिए आडियोमेट्री जांच कराई जाती है। एक बार जांच अवश्य कराएं।

    प्रश्न : गला बैठ जाता है और बोलने में समस्या होती है, क्या कारण हो सकता है? - नारायण सिंह, बाजपुर

    उत्तर : तेज आवाज में बोलने से बचें और ठंडी चीजों के सेवन से बचाव करें। साथ ही भाप भी लें और नियमित दवाओं का सेवन करें।

    प्रश्न : कान में खुजली होने और पस बहने की समस्या का करण क्या हो सकता है? - मनोज कुमार, पिथौरागढ़

    उत्तर : काम में खुजली की समस्या अधिक समय से बनी हुई है तो डाक्टर से संपर्क करें। पानी न जानें दें और माचिस की तीली से सफाई न करें।