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    नए क्षेत्रों में टैक्स को लेकर अंधेरे में नगर निगम, ऐसे में कैसे होंगे विकास कार्य

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Tue, 12 Feb 2019 01:32 AM (IST)

    नगर निगम के नवनिर्मित बोर्ड का गठन हुए दो माह से अधिक समय बीत गया है। बोर्ड की दो बैठकें हो चुकी हैं, मगर विकास के नाम पर अभी तक एक भी ईंट नहीं लगी।

    नए क्षेत्रों में टैक्स को लेकर अंधेरे में नगर निगम, ऐसे में कैसे होंगे विकास कार्य

    गणेश पांडे, हल्द्वानी। नगर निगम के नवनिर्मित बोर्ड का गठन हुए दो माह से अधिक समय बीत गया है। बोर्ड की दो बैठकें हो चुकी हैं, मगर विकास के नाम पर अभी तक एक भी ईंट नहीं लगी। शहर का हिस्सा बन चुके 36 गांवों के लोगों को नगरीय सुविधाओं का इंतजार है। नए क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट लगाने, सफाई शुरू कराने को लेकर पहली बैठक में प्रस्ताव रखा गया, लेकिन अभी तक प्रगति शून्य है। इस सबके पीछे बजट की कमी मुख्य वजह है। बजट शासन से मिलना है, लेकिन निगम ने खुद की आय बढ़ाने की दिशा में भी कदम नहीं बढ़ाया। निगम में शामिल नए क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले व्यावसायिक प्रतिष्ठान, भवन आदि से टैक्स लेने पर निगम की सालाना एक से डेढ़ करोड़ की आमदनी हो सकती है, लेकिन निगम ने इसका असेसमेंट तक नहीं किया। दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों की ओर से चुनाव में किए वादे (नए क्षेत्रों से 10 साल तक टैक्स नहीं लिया जाएगा) के कारण निगम ने टैक्स असेसमेंट की जरूरत तक महसूस नहीं की, मगर टैक्स लिया जाएगा या नहीं, इसको लेकर शासन की ओर से अभी तक कोई आदेश नहीं आया है। इससे गफलत की स्थिति बनी हुई है।

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    इस तरह हो सकती है डेढ़ करोड़ की आय

    बैंक्वेट हॉल           40-45 लाख

    होटल, रेस्टोरेंट       12-15 लाख

    मॉल, जिम             55-60 लाख

    हॉस्पिटल, क्लीनिक    8-10 लाख

    मेडिकल स्टोर         5-8 लाख

    अन्य प्रतिष्ठान         20-25 लाख

    (नोट : आकलन अनुमानित और निगम में वर्तमान में निर्धारित स्व कर प्रणाली की दरों की गणना के औसत पर आधारित।)

    बाहरी क्षेत्र में बसता है नया शहर : शहर में ट्रैफिक की समस्या, पार्किंग का अभाव जैसे कारणों से बाहरी शहर में बैंक्वेट हॉल, निजी अस्पताल, क्लीनिक आदि तेजी से बढ़े हैं। यहां तक कि मॉल, जिम खुल गए हैं। पुराने शहर से 2.35 करोड़ टैक्स प्राप्त होता है। इसमें सवा करोड़ व्यावसायिक भवनों से आता है। इस लिहाज से नए क्षेत्र से टैक्स की अपार संभावना है।

    तीन गुना से ज्यादा हो चुका है दायरा : सीमा विस्तार से पहले निगम का क्षेत्रफल 14.15 वर्ग किमी था, 36 गांव शामिल होने के बाद तीन गुना बढ़कर 42.58 वर्ग किमी हो गया है। इस लिहाज से बड़ी आबादी निगम का हिस्सा बन चुकी है।

    36 गांवों में 22 सरकारी भवन चिह्नित : निगम में शामिल 36 गांवों में 22 सरकारी भवन हैं। इसमें आंगनबाड़ी केंद्र, धर्मशाला, पंचायत घर, जन मिलन केंद्र शामिल हैं। ब्लॉक ने इनकी सूची निगम को सौंप दी है। निगम जल्द इन्हें अपने अधिकार क्षेत्र में लेगा। राजस्व, जिला पंचायत से निगम को रिपोर्ट मिलनी बाकी है। नगर आयुक्त सीएस मर्तोलिया ने बताया कि निगम में शामिल नए क्षेत्रों से टैक्स लेने न लेने को लेकर शासन से निर्देश मिलने का इंतजार है। शासन के निर्देश के बाद ही आगे की कार्यवाही होगी।

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