Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आपातकाल में दो और कोविड में 3 साल तक नहीं बनी छात्रों की सरकार, गौरवशाली रहा है कुमाऊं विवि छात्रसंघ का इतिहास

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 10:00 AM (IST)

    नैनीताल के डीएसबी कॉलेज छात्रसंघ का गौरवशाली इतिहास रहा है। आपातकाल में दो साल और कोविड काल में तीन साल तक चुनाव नहीं हुए। कुमाऊं विवि छात्रसंघ के कई अध्यक्ष राजनीति में ऊंचे पदों पर पहुंचे। लिंगदोह कमेटी के बाद छात्र राजनीति की चमक कुछ कम हुई है। डीएसबी छात्रसंघ का पहला चुनाव 1971 में हुआ था। कोविड काल में भी छात्रसंघ चुनाव नहीं हो सके थे।

    Hero Image
    आपातकाल में दो साल, कोविड में तीन साल तक नहीं बनी छात्रों की सरकार। जागरण

    किशोर जोशी, नैनीताल । कुमाऊं विवि के प्रतिष्ठित डीएसबी कालेज छात्रसंघ का गौरवशाली अतीत रहा है। पिछले साल अधूरे कोर्स और सेमेस्टर परीक्षाओं की वजह से छात्रसंघ चुनाव नहीं हो सके थे जबकि उससे पहले आपातकाल के दौर में दो साल तक छात्रसंघ चुनाव भी प्रतिबंधित कर दिए गए तो तीन साल तक कोविड काल में भी चुनाव नहीं हो सके।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कुमाऊं विवि छात्रसंघ चुनाव के इतिहास में दो बार अध्यक्ष बनने वाले डा. महेंद्र पाल दो बार सांसद बनने वाले इकलौते छात्रनेता रहे हैं। इसके अलावा विवि के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे डा. नारायण सिंह जंतवाल नैनीताल व मोहन बिष्ट लालकुआं के विधायक जबकि हरीश बिष्ट भीमताल, प्रकाश बोरा, शेर सिंह नौलिया ब्लाक प्रमुख ओखलकांडा, रामनगर के भगीरथ लाल चौधरी, सचिन नेगी नैनीताल के पालिका अध्यक्ष बने, जबकि लिंगदोह कमेटी की सिफारिश लागू होने के बाद छात्रनेताओं की सियासी चमक फीकी पड़ गई।

    राज्य गठन से पहले तक कुमाऊं विवि के डीएसबी परिसर छात्रसंघ अध्यक्ष की सरकारी, सामाजिक स्तर पर खूब धाक रही है, जिसके चर्चे आज भी होते हैं। दो-दो बार हारने के बाद जीतने वाले छात्र नेता अपनी जिम्मेदारी व कर्तव्यों के प्रति परिपक्व हो जाते रहे। डीएसबी छात्रसंघ का पहला चुनाव 1971 में हुआ था, तब महेंद्र पाल अध्यक्ष, हरीश खाती उपाध्यक्ष, कुंदन लोधियाल सचिव, गंगा सिंह बिष्ट उपसचिव बने थे। उसके बाद किशन पांडे, जीवन सिंह नेगी, महेंद्र सिंह पाल फिर से अध्यक्ष बने। 1975 व 1976-77 में भी चुनाव नहीं हुए।

    कौन-कौन बना अध्यक्ष?

    इसके बाद 1977-78 में रामनगर के पूर्व पालिकाध्यक्ष भगीरथ लाल चौधरी, ओखलकांडा के शेर सिंह नौलिया व प्रकाश बोरा, रामनगर के अजय अरोड़ा, नैनीताल के डा. एनएस जंतवाल, नैनीताल के भूपाल सिंह भाकुनी, कुलदीप बिष्ट, प्रकाश पांडे, हरीश बिष्ट, गंगा सिंह अधिकारी, डा सुरेश डालाकोटी, मोहन गिरि गोस्वामी, राजेंद्र खनवाल, अनिल कपूर डब्बू, पुश्किन फत्याल, गिरिजा पाठक, हरदयाल सिंह जलाल, दिनेश मेहता, अभय बिष्ट, गणेश उपाध्याय, संजय बिष्ट, मोहन बिष्ट, लवेंद्र चिलवाल, अभिषेक कनवाल, अभय बिष्ट, अनुपम कबड़वाल, दीपक रुवाली, अरविंद पडियार, नरेंद्र सिंह बिष्ट, हिमांशु पांडे, सचिन नेगी, नितिन कार्की, सुंदर सिंह मेहरा, शिवम राठौर, सौरभ रावत, सुरेंद्र सिंह बिष्ट, मयंक बिष्ट, दिग्विजय बिष्ट, पंकज भट्ट, दिग्विजय मेहरा, अभिषेक मेहरा, महेश सिंह मेहर, विशाल वर्मा, शिवम बिष्ट आदि छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। कोविड काल में भी छात्रसंघ चुनाव नहीं हो सके थे। शिवम बिष्ट इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बीडीसी सदस्य निर्वाचित हुए हैं।