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    उत्‍तराखंड के छह आइटीआइ में शुरू होंगे Drone Repairing Course, पढ़ें कितनी होगी अवधि और कहां मिलेगा एडमिशन?

    By Himanshu JoshiEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Sat, 03 Dec 2022 12:05 PM (IST)

    Drone Repairing Course ड्रोन के बढ़ते चलन के कारण इनके संचालन से लेकर रिपेयर और मेंटनेंस तक में स्किल्ड लोगों की मांग बढ़ रही है। इसे देखते हुए अब प्रदेश के छह औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) में ड्रोन रिपेयर एंड मेंटेनेंस कोर्स शुरू होंगे।

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    Drone Repairing Course : ड्रोन रिपेयर एंड मेंटेनेंस कोर्स शुरू होंगे।

    हिमांशु जोशी, हल्द्वानी : Drone Repairing Course : प्रदेश के छह औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) में ड्रोन रिपेयर एंड मेंटेनेंस कोर्स शुरू होंगे। इसके तहत प्रशिक्षुओं को ड्रोन के संचालन की बारीक जानकारी के साथ हर पार्ट का मरम्मत करना सिखाया जाएगा।

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    ड्रोन के बढ़ते चलन के कारण इनके संचालन से लेकर रिपेयर और मेंटनेंस तक में स्किल्ड लोगों की मांग बढ़ रही है, जिसे देखते हुए तकनीकी शिक्षा विभाग ने ड्रोन टेक्नीशियन तैयार करने की कवायद शुरू कर दी है। इससे युवा कोर्स पूरा करने के बाद अपना कारोबार खोल सकेंगे और ड्रोन संचालकों को यहीं पर सभी सुविधाएं मिल जाएंगी।

    अधिकारियों के मुताबिक, इसी सत्र से इस शार्ट टर्म कोर्स (सर्टिफिकेट कोर्स) शुरू किया जाएगा। इसकी अवधि 250 घंटे रहेगी, जिसे दो माह से लेकर छह माह तक की अवधि में पूरा करना होगा। पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है। जल्द सीटों का निर्धारण कर आईटीआई संस्थान में पढ़ रहे विद्यार्थियों को इसमें प्रवेश दिया जाएगा।

    यहां शुरू होंगे कोर्स

    • आइटीआइ हल्द्वानी नैनीताल
    • आइटीआइ अल्मोड़ा
    • आइटीआइ चंबा टिहरी गढ़वाल
    • आइटीआइ बड़कोट उत्तरकाशी
    • महिला आइटीआइ देहरादून
    • इटीआइ हरिद्वार

    बढ़ता चलन बनी जरूरत

    ड्रोन का चलन शादी समारोह में काफी बढ़ गया है। प्रशासन निरीक्षण में और पुलिस विभाग यातायात नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ चालान की कार्रवाई के लिए इसका इस्तेमाल कर रही है। कृषि क्षेत्र में भी इसे उपयोग में लाया जा रहा है। इस कोर्स को करने के बाद युवाओं को एयर फोर्स में भी नौकरी के अवसर मिल रहे हैं।

    यह भी पढ़ें : New Service in Dehradun: ड्रोन से होगी दवा की डिलीवरी, ब्लड सैंपल भी होंगे एकत्र, TATA 1MG ने शुरू की सर्विस

    युवाओं को वर्तमान जरूरतों के हिसाब से रोजगार मुहैया कराने को लेकर जल्द छह आइटीआइ में ड्रोन रिपेयर एंड मेंटेनेंस शार्ट टर्म कोर्स शुरू किया जाएगा। प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) की ओर से कोर्स को मंजूरी मिलने के बाद इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की प्रक्रिया चल रही है।

    - आरएस मर्तोलिया, उपनिदेशक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान उत्तराखंड

    नैनो साइंस पेटेंट के विकसित चार पेटेंट पर हस्ताक्षर

    कुमाऊं विश्वविद्यालय व नेशनल रिसर्च डेवलपमेंट भारत सरकार, नई दिल्ली के बीच पेटेंट संबंधित विषयों पर बैठक हुई, जिसमें एनआइडीसी के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर कमोडोर अमित रस्तोगी ने पेटेंट संबंधी कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

    शुक्रवार को विवि प्रशासनिक भवन में कुलपति प्रो एनके जोशी के साथ बैठक में एनआरडीसी की ओर से भरोसा दिया गया कि विश्वविद्यालय के आने वाले वर्षों में पेटेंट फाइलिंग, मोनेटाइजेशन, पेटेंट ग्रांटिंग तथा उस पेटेंट के व्यावसायीकरण में जो भी आवश्यकता होगी, उसमें पूरा सहयोग किया जाएगा।

    इस दौरान नैनो साइंस एवं नैनो टेक्नोलॉजी सेंटर की ओर से विकसित चार पेटेंट के लाइसेंस पर हस्ताक्षर किए गए। यह चार पेटेंट फूड वेस्ट से ग्राफीन एग्रीकल्चर बेस्ट से ग्राफिन एवं कांक्रीट मिक्सर से संबंधित थे। इस लाइसेंस प्रक्रिया में कुलसचिव दिनेश चंद्र , निदेशक शोध प्रो ललित तिवारी , प्रो नंद गोपाल साहू तथा एनआरडीसी के तरफ से अमित रस्तोगी तथा डा. आशीष श्रीवास्तव ने भी हस्ताक्षर किए।

    इस दौरान कुलपति प्रो.जोशी ने नैनो साइंस सेंटर के कार्यों की सराहना की करते हुए विश्वविद्यालय का गौरव बताया। नैनो साइंस सेंटर की ओर से दो नए पेटेंट को एनआरडीसी के माध्यम से पेटेंट कराने हेतु सौंपे गए। इस अवसर पर डीन साइंस प्रो एबी मेलकानी, नैनो साइंस सेंटर के प्रभारी प्रो. नंद गोपाल साहू, डा. महेश आर्य व एनआरडीसी से डा. आशीष श्रीवास्तव, डा. अश्विनी, शोधार्थी सुनील डाली, मयंक पाठक, भास्कर बोहरा, दीपक देव व विक्रम कार्की मौजूद रहे ।