पंत विवि की हरित क्रांति से जुड़े दस्तावेज इलिनॉयस विवि अमेरिका में हैं सुरक्षित, बनेंगे विवि के म्यूजियम का हिस्सा
गोविंद बल्लभ पंत कृषि एंव प्रद्योगिकी विवि की स्थापना से जुड़े दस्तावेज अमेरिका के इलिनॉयस विवि में सुरक्षित हैं। विवि ने तब की तस्वीरों को किसी तरह से वहां से संपर्क कर मंगा लिया है जल्द ही दस्तावेजों को भी मंगाया जाएगा।

रुद्रपुर, अरविंद कुमार सिंह : गोविंद बल्लभ पंत कृषि एंव प्रद्योगिकी विवि की स्थापना से जुड़ीं तस्वीरें भले ही विवि के पास नहीं रहीं, मगर अमेरिका के इलिनॉयस विवि शिकागो ने इसे संजो कर रखा है, जो करीब 62 साल से सुरक्षित है। यही नहीं, स्थापना से जुड़े दस्तावेज भी रखे गए हैं। इन स्मृतियों से विवि के शिक्षक व विद्यार्थी रूबरू हो सकें, इसके लिए राष्ट्रीय कृषि शिक्षा उच्चतर परियोजना भवन में स्थापित म्यूजियम में सुरक्षित इलिनॉयस से मंगा कर रख दिया गया है। यह सब कुछ संभव हुआ कृषि महाविद्यालय के डीन के प्रयास से हुआ है।
देश को खाद्यान्न संकट से उबारने के लिए पंतनगर में विवि की स्थापना की कवायद पांचवें दशक में शुरू हुई। वर्ष, 1960 में पन्त विवि की स्थापना हुई और इसी धरती से हरित क्रांति हुई और देश खाद्यान्न में आत्मनिर्भर हो गया। इलिनॉयस विवि के वैज्ञानिकों की टीम पन्त विवि को स्थापित करने आई थी और करीब 12 साल यहां रुकी रही। उस टीम में विज्ञानी राबर्ट वेब भी थे। स्थापना से जुड़ी तस्वीरें विवि के पास नहीं थी। जिससे विवि के शिक्षक, विद्यार्थी या विवि में भ्रमण करने वाले उन स्मृतियों के जरिये हरित क्रांति का इतिहास जान सके।
विवि के कृषि महाविद्यालय के डीन डॉक्टर शिवेंद्र कुमार कश्यप ने इलिनॉयस विवि के प्रोफेसर एलेक्स विंटर नेल्सन से संपर्क किया तो विंटर ने अपने विवि के उन वैज्ञानिकों से संपर्क करने का प्रयास किया, जो पन्त विवि की स्थापना में आए थे। इलिनॉयस विवि के पूर्व कुलपति रॉबर्ट ईस्टर ने भी सहयोग किया था। उन्होंने ग्रोवर वेब से संपर्क कराया। बचपन में ग्रोवर अपने माता पिता के साथ पन्त विवि की स्थापना के समय यहां आए थे और यहां पर रुके भी थे।
विवि की स्थापना, शिलापट्, शिक्षकों, विद्यार्थियों के कार्यक्रम, सेमिनार, हॉस्टल, यहां के जनजीवन आदि से जुड़ी तस्वीरों को खींचा था और इन्हें सुरक्षित रखा था। सभी तस्वीरें रंगीन हैं। जिन्हें डॉक्टर ने स्थापना से जुड़ी स्मृतियों को मंगाकर विवि के म्यूजियम भवन में सुरक्षित रख दिया है। हैरानी है कि विवि ने इन स्मृतियों को संजो कर नहीं रख सका न ही प्रयास किया गया। देश में पुरानी स्मृतियों को संभाल कर रखने की परंपरा बहुत कम है। पंत विवि की जुड़ी स्मृतियां खुद विवि में नहीं है। यदि तस्वीरें रही भी होंगी तो उन्हें संभाल कर नहीं रखा गया होगा।
हाना ने तैयार किया था विवि का ब्लू प्रिंट
खाद्यान्न संकट से उबारने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने पांचवें दशक में पन्त विवि की स्थापना की कवायद शुरू हुई। इसके लिए इलिनॉयस विवि ने सहयोग किया। इसी क्रम में इलिनॉयस विवि ने डीन एचडब्ल्यू हाना को वर्ष, 1965 में पंतनगर भेजा। हाना ने तत्कालीन प्रधानमंत्री व तराई स्टेट फार्म के महाप्रबंधक मेजर एचएस संधू से मिले। हाना ने काफी मेहनत के बाद विवि का ब्लू प्रिंट लिखा कि विवि की संरचना, कहाँ पर फैकल्टी, शोध वर्क आदि।
तीन हजार पन्नों में सुरक्षित है दस्तावेज
पंत विवि की स्थापना से जुड़े करीब तीन हजार पृष्ठ के दस्तावेज इलिनायस विवि के आरकाइज सेक्शन में सुरक्षित रख गए हैं। इन दस्तावेजों में विवि की स्थापना, एडवाइजरी कमेटी, बोर्ड बैठक, तकनीकी, शोध, व्याख्यान आदि का जिक्र है। पंत विवि इन दस्तावेजों को लाने में जुट गया है। जिन्हें नाहेप भवन में बने म्यूजियम में सुरक्षित रखा जाएगा।
विवि की स्थापना के बारे में मिलेगी जानकारी
ग्रोवर वेब ने बताया कि उनके पिता विज्ञानी राबर्ट वेब का भी पंत विवि की स्थापना में योगदान रहा। इसलिए उन सभी स्मृतियों को सुरक्षित रखा है। बताया कि एचडब्लयू हाना ने भी विवि की स्थापना से जुड़ी तस्वीरों को सुरक्षित रखने को कहा था। इन तस्वीरों को पंत विवि अपने म्यूजियम में रखता है तो मुझे भी गर्व होगा। खुशी इस बात है कि कम से कम विवि ने इन तस्वीरों काे संभाल कर रखने जा रहा है। लोग पंत विवि में इन स्मृतियों को देखेंगे समझेंगे तो लोगों की विवि की शुरुआती के बारे में जानकारी होगी।
विवि के म्यूजियम में सुरक्षित रखा दस्तावेज
डीन डा. शिवेंद्र कुमार कश्यप ने बताया कि पंत विवि की स्थापना की स्मृतियों की खोजबीन में लगा कि इसे म्यूजियम में रखा जाए। काफी प्रयास के बाद इलिनायस विवि अमेरिका एलेक्स विंटर नेल्सन से संपर्क किया तो उन्होंने स्मृतियों को एकत्र में काफी सहयोग किया। नेल्सन ने ही ग्रेावर वेब से संपर्क कराया था। विवि की स्थापना से जुड़ीं तस्वीरों को ग्रोवर से मंगाकर विवि के म्यूजियम में सुरक्षित रख दिया गया है। स्थापना से जुड़े दस्तावेजों को लाने की प्रक्रिया चल रही है। स्मृतियों से शिक्षक, विद्यार्थी व अन्य लोग रुबरु हो सकेंगे।
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