दीपावली महापर्व पर दिखा कोसी घाटी के किसानों को हुए नुकसान का असर
दीपावली के महापर्व पर कोसी घाटी के किसानों को हुए नुकसान का असर दिखा। भारी बारिश और बाढ़ के कारण फसलें बर्बाद हो गईं, जिससे किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है ताकि वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकें। इस वर्ष किसानों की दीपावली की खुशियाँ प्रभावित हुई हैं।

दीपावली महापर्व पर भी खैरना बाजार क्षेत्र में छाई रही सुनसानी। जागरण
संवाद सूत्र, गरमपानी (नैनीताल)। कोसी घाटी के किसानों को खेतीबाड़ी में हुए नुकसान का असर दीपावली महापर्व पर साफ दिखा। तमाम गांवों के मध्य में स्थित गरमपानी खैरना बाजार क्षेत्र उम्मीद से बेहद कम खरीददार पहुंचे। बाजार में बेहद कम चहल पहल होने से कारोबारी मायूस हो गए। बिक्री को लाया गया सामान भी अधिकांश दुकानों में जस का तस रहा।
व्यापारियों ने भी स्वीकार किया की कारोबार में मंदी छाई रही। मंगलवार को कोसी घाटी में दीपावली पर्व मनाया गया। बाजार के व्यापारी बेहतर बिक्री की उम्मीद लगाए हल्द्वानी, रुद्रपुर, काशीपुर आदि क्षेत्रों से सामान खरीदकर लाए। दुकानों को विशेष तौर पर सजाया भी गया पर बेहतर बिक्री की उम्मीद धरी की धरी रह गई। गांवों से खरीददारों के ना पहुंचने से दुकानदारों के मायूसी हाथ लगी।
कारोबार की मंदी के पीछे किसानों को खेतीबाड़ी में हुए नुकसान का बड़ा कारण माना गया। बीते दिनों हुई बारिश ने खेतों में धान, मंडवा समेत अन्य उपज चौपट कर दी यहां तक की गहत, मास, भट्ट आदि दालों को भी चौपट कर दिया। उपज को बाजार में बेचकर किसान खरीददारी में जुटते थे पर उपज के बर्बाद हो जाने से किसान खरीददारी भी नहीं कर सके।
सुबह से ही बाजार में उम्मीद से बेहद कम खरीददारों के पहुंचने व्यापारी निराश दिखे। व्यापारी कुंदन सिंह, मनोज नैनवाल, कैलाश नैनवाल, देवेश कांडपाल, संजय सिंह आदि के अनुसार कोसी की बाजार किसानों पर ही निर्भर है। बेहतर पैदावार होने पर बाजार में रौनक रहती है। इस वर्ष फसलों को नुकसान होने है कारोबार भी चौपट हो गया।
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