Nainital Weather Update : मुनस्यारी और धापा में फटा बादल, मुनस्यारी से चीन सीमा तक का क्षेत्र अलग-थलग पड़ा
पहाड़ के जिलों के लिए बारिश बड़ी मुसीबत सबित हो रही है। पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी क्षेत्र में शनिवार की रात आसमान का कहर बरपा है। 125 एमएम बारिश हुई।
जेएनएन, पिथौरागढ़/ मुनस्यारी/ धारचूला : चीन सीमा से लगी सीमांत की धारचूला और मुनस्यारी तहसीलों में आफत की बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। चीन सीमा को जोडऩे वाले सभी मार्ग बंद हो चुके हैं। चीन सीमा से लगी तीन उच्च हिमालयी घाटियों का तहसील मुख्यालय सहित शेष जगत से सम्पर्क भंग है।
तहसील बंगापानी के छोरीबगड़ स्थित तहसील मुख्यालय में पांच मकान बह चुके हैं एक मकान नदी किनारे लटका है। जानवर भी बह गए हैं। गोरी नदी का जलस्तर चेतावनी लेबल को पार कर चुकी है। मदकोट में मंदाकिनी विकराल रू प ले चुकी है। मुनस्यारी के शीर्ष में दस हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित कुमाऊं मंडल विकास निगम का पर्यटक आवास गृह की दीवारों में दरारें पड़ चुकी हैं। यहां से पानी का एक बड़ा स्रोत फूटा है। पर्यटक आवास गृह में कार्य करने वाले कर्मियों ने डर के मारे रात गुफा में व्यतीत की । सुरक्षित माने जाने वाले इस स्थान पर हो रहे भूस्खलन से खतरा बना हुआ है।
धापा गांव में बादल भारी बारिश से गांव में ही नाले बहने लगे। इस दौरान एक पांच साल का बच्चा मां से हाथ छूट जाने के कारण घर में घुसे नाले में बह गया। गनीमत रही कि नाले में सड़क से होते हुए एक खेत में बने छोटे गड्ढे में गिर जाने वह सुरक्षित रहा। पूरे गांव में हाहाकार मच गया। मूसलाधार बारिश के बीच ग्रामीण अपने को बचाने के साथ ही बच्चे की भी तलाश करते रहे। बच्चा खेत में सुरक्षित मिला। बच्चे की तलाश में मां की हालत खराब हो गई। दोनों को मुनस्यारी अस्पताल भेजा गया।
मुनस्यारी में खलिया की तरफ से आने वाला पानी उपजिलाधिकारी न्यायालय और कार्यालय में बहने लगा । पूरा गेट तोड़ कर कार्यालय में तबाही मचा दी । एसडीएम और तहसीलदार के वाहन भी इस नाले में फंस गए। नगर की कई दुकानों और मकानों में पानी और मलबा घुसा नगर में खलबली मच गई । जौलजीबी -मुनस्यारी मार्ग में मदकोट से मुनस्यारी के बीच बीआरओ संचालित मार्ग में चिरकुटिया नाले में बनी आरसीसी का बड़ा मोटर पुल बह गया और कई मीटर सड़क बह गई। बीते सुरिंग गाड़ में नवनिर्मित पुल बह गया । चीन को जोडऩे वाले सारी पैदल पुलिया और पुल बह चुके हैं। मल्ला जोहार के 13 गांवों सहित उच्च मध्य हिमालय के एक दर्जन गांव अलग-थलग पड़ चुके हैं। तहसील बंगापानी मेंं बीते दिनों बादल फटने से तहसील कार्यालय के निकट खतरे में आ चुके छह मकानोंं पांच मकान गोरी नदी में समा चुके हैं। एक मकान हवा में गोरी नदी किनारे लटका है। छह अन्य मकान भी खतरे में आ चुके हैं। सैकड़ों नाली भूमि मय खेती के बह चुकी है।
उधर धारचूला तहसील में टनकपुर -तवाघाट मार्ग दोबॉट, चेतलकोट में बंद है। तवाघाट से आगे लिपूलेख , दारमा और नारायण आश्रम मार्ग बंद हो चुके हैं। नारायण आश्रम मार्ग में हिमखोला का मोटर पुल बह चुका है। हिमखोला नदी में ही दो पैदल पुल बह गए हैं। वहीं सिमखोला बुंगबुंग में नान गाड़ और ठुल गाड़ फिर से विकराल हो चुकी हैं। दो पुल बह चुके हैं। गांव अलग-थलग पड़े हैं। जिलाधिकारी डा. वीके जोगदंडे मुनस्यारी को रवाना हो चुके हैं और अपर जिलाधिकारी आरडी पालीवाल धारचूला को रवाना हो चुके हैं।
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