Move to Jagran APP

बीमारी से तंग होकर हाथी ने खाना छोड़ा, भटकते-भटकते टांडा जंगल में हो गई मौत

बीमारी की वजह से बेहद कमजोर हो चुके हाथी की जंगल में भटकते-भटकते मौत हो गई। सूचना पर डीएफओ समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 12:49 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 12:49 PM (IST)
बीमारी से तंग होकर हाथी ने खाना छोड़ा, भटकते-भटकते टांडा जंगल में हो गई मौत
बीमारी से तंग होकर हाथी ने खाना छोड़ा, भटकते-भटकते टांडा जंगल में हो गई मौत

हल्द्वानी (जेएनएन) : बीमारी की वजह से बेहद कमजोर हो चुके हाथी की जंगल में भटकते-भटकते मौत हो गई। सूचना पर डीएफओ समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। बाद में पोस्टर्माटम करा शव जंगल में दफना दिया गया। सैंपल आइवीआरआइ भेजे गए है। रिपोर्ट आने के बाद मौत की सही वजह पता चलेगी।

loksabha election banner

हल्द्वानी रेंज के जंगलों में इन दिनों पौधरोपण का काम चल रहा है। बुधवार दोपहर वनकर्मी और मजदूर निकल रहे थे। इस बीच प्लॉट नंबर तीन टांडा पूर्वी बीट में एक नर हाथी का शव मिलने पर कर्मियों ने अधिकारी को सूचना दी। जिसके बाद डीएफओ कल्याणी नेगी, एसडीओ नवीन पंत व रेंजर सावित्री गिरी मौके पर पहुंचे। तीन डॉक्टरों के पैनल ने शव का पोस्टमार्टम किया।

पशु चिकित्सकों की माने तो हाथी का पेट दोनों तरफ से अंदर घुसा हुआ था। उसकी हालत बेहद कमजोर थी। पोस्टमार्टम करते समय देखा गया कि हाथी की आंतें पूरी तरह सूख चुकी थी। शव देख अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले कई दिनों से हाथी ने खाना नहीं खाया होगा। आसपास हरियाली होने के बावजूद भोजन न करना बीमारी का लक्षण है। चिकित्सकों के अनुसार उसे डिहाइड्ऱेशन की समस्या थी। हालांकि रिपोर्ट के बाद ही असल वजह सामने आएगी। हाथी की उम्र करीब 25-30 साल होगी।

  • एक साल में हाथी मौत के मामले

  • दो सितंबर को छकाता रेंत में हाथी के बच्चे की मौत
  • दो सितंबर को हल्द्वानी रेंज में मादा हाथी की मौत
  • दिसंबर 2017 में टांडा रेंज में ट्रेन की चपेट में आकर दो हाथी की मौत
  • दो जनवरी को कार्बेट से सटे कालागढ़ में टस्कर की जान गई
  • 11 मार्च को दवाई फार्म पंतनगर के पास ट्रैक पर हाथी ने जान गंवाई
  • मई में पंतनगर के पास तालाब किनारे हाइटेंशन तार की चपेट में आकर हाथी की मौत

अप्रैल में प्यास से गई थी हथिनी की जान

इससे पूर्व 24 अप्रैल को टांडा जंगल के प्लॉट नंबर 83 ए में 40 वर्षीय हथिनी का शव मिला था। उसकी मौत प्यास की वजह से हुई थी। जंगल में भटकते हुए उसने दम तोड़ा था।

पीएम के बाद की गई सैंपलिंग

एसडीओ नवीन पंत ने बताया कि हाथी की सूचना पर पीएम कराने के बाद सैंपलिंग की गई है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ होगी। शारीरिक तौर पर वह कमजोर था।

यह भी पढ़ें : उत्‍तराखंड की यह तितली होगी भारत की सबसे बड़ी तितली, ट्रौइडेस मिनौस का रिकॉर्ड टूटा

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड में पहली बार दिखी बंगाल स्विफ्ट प्रजाति की तितली, जानिए इसके बारे में


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.