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इलाज के लिए भटकते रहे परिजन, पहले बेटी की मौत और अब बेटे की गई जान nainital news

दो दिन तक इलाज के लिए शहर के कई निजी चिकित्सालयों में भटकने के बाद ठीक से इलाज न मिलने पर बच्चे ने दम तोड़ दिया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 06 Apr 2020 10:11 AM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 10:11 AM (IST)
इलाज के लिए भटकते रहे परिजन, पहले बेटी की मौत और अब बेटे की गई जान nainital news
इलाज के लिए भटकते रहे परिजन, पहले बेटी की मौत और अब बेटे की गई जान nainital news

हल्द्वानी, जेएनएन : कोरोना की दहशत के कारण अस्पतालों में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। ऐसे में गंभीर मरीजों के सामने संकट पैदा होने लगा है। दो दिन तक इलाज के लिए शहर के कई निजी चिकित्सालयों में भटकने के बाद ठीक से इलाज न मिलने पर बच्चे ने दम तोड़ दिया। वहीं एक दिन पहले उसकी बड़ी का उपचार के दौरान एसटीएच में मौत हो गई थी। घटना के बाद से परिवार में कोहराम मच हुआ है।

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चाचा राजू पासी ने बताया कि बड़े भाई की 13 साल की बेटी निधि को एसटीएच में भर्ती किया गया था। उसकी हालत गंभीर थी और उसे आइसीयू में भर्ती करना पड़ा था। दो अप्रैल को उसका निधन हो गया। एसटीएच के बाल रोग विभागाध्यक्ष डाॅ. अजय आर्या का कहना है कि उसके टीबी थी। राजू का कहना था कि इसी दौरान बड़े भाई के छह साल के बेटे विवेक की भी तबीयत खराब हो गई। उसे पहले इलाज के लिए बेस अस्पताल ले गए। वहां से एसटीएच रेफर किया गया, लेकिन वहां भी मना कर दिया गया। मजबूर होकर पास के ही निजी अस्पताल में ले गए। एक दिन वहां भर्ती किया, लेकिन बाद में उन्होंने भी इलाज नहीं होने की बात कहते हुए बच्चे को ले जाने को कह दिया।

हमने अस्पताल से एंबुलेंस से बच्चे को घर तक पहुंचाने की बात कही, लेकिन नहीं सुनी। स्कूटी से बच्चे को घर लाए और तीन अप्रैल को उसने भी दम तोड़ दिया। राजू का यहां तक कहना है कि उसे निमोनिया हो गया था। कई जगह उसे ले गए, लेकिन सभी ने मना कर दिया। इस घटना परिवार में कोहराम मचा हुआ है। उसका कहना है कि शिकायत करें भी किससे, आखिर हम गरीब की सुनता ही कौन है।

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