ठगों का कारनामा: बैंक खाता किया साफ और लिया लोन, एफडी व आरडी तोड़कर हुए रफूचक्कर
हल्द्वानी में होमगार्ड के खाते से साइबर ठगों ने आठ लाख रुपये निकाल लिए। एटीएम कार्ड काम न करने पर बैंक ने नया कार्ड दिया, तब धोखाधड़ी का पता चला। खाते से लोन लिया गया, पैसे ट्रांसफर किए गए और एफडी-आरडी तोड़ी गई। न्यायालय के आदेश पर पुलिस अब प्राथमिकी दर्ज करेगी, क्योंकि पहले शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई थी।

इंटरनेट बैंकिंग से ठग ने एफडी व आरडी के रुपये भी निकाल लिए। प्रतीकात्मक
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। हल्द्वानी कोतवाली में तैनात होमगार्ड के खाते से साइबर ठग ने आठ लाख रुपये निकाल लिए। इसकी भनक होमगार्ड को तब लगी, जब वह एटीएम से रुपये निकालने गए। लेकिन उनका एटीएम कार्ड नहीं चला। जब वह इसकी शिकायत लेकर दोबारा बैंक गए तो बैंक कर्मी ने उन्हें नया एटीएम कार्ड थमा दिया। इसके बाद उन्हें पता चला की खाते से 245181 रुपये का लोन लिया गया है। फिर 490000 रुपये दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दिए गए। इसके बाद बैंक की एफडी व आरडी तोड़कर 311000 रुपये भी निकाल लिए गए।
होमगार्ड सुरेंद्र सिंह ने न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हल्द्वानी को दिए प्रार्थना पत्र में कहा कि उनका खाता दुर्गा सिटी सेंटर स्थित एचडीएफसी बैंक में है। 16 अक्टूबर को वह एटीएम से रुपए निकालने पहुंचे, लेकिन रुपए नहीं निकले। इस पर वह बैंक पहुंचे और बैंक कर्मी ने उन्हें नया एटीएम कार्ड दिया। बैंक खाता चेक करने पर पता चला कि अलग-अलग तरीके से 801110 रुपये निकल चुके हैं। सुरेंद्र का कहना है कि बैंक वालों ने उसे बताया कि यह पूरा फ्राड इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से हुआ है।
जबकि हैरानी की बात यह है कि इंटरनेट बैंकिंग शुरू करने के लिए सुरेंद्र ने कभी बैंक में आवेदन नहीं किया। पूरे मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मीनाक्षी शर्मा ने कोतवाली पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का साथ ही जांच के आदेश दिए हैं। कोतवाल अमर चंद्र शर्मा का कहना है कि न्यायालय का आदेश मिलते ही वह प्राथमिकी दर्ज करने के साथ जांच करेंगे।
अपने ही लोग टहलाते रहे नहीं हुई होमगार्ड की सुनवाई
सुरेंद्र का कहना है कि जब उसे ठगी का पता चला तो उसने सबसे पहले बैंक प्रबंधक से शिकायत की। जपकि 16 अक्टूबर को ही हल्द्वानी कोतवाली में तहरीर दी। अगले दिन एसएसपी से भी शिकायत की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद उसने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। इसके बावजूद सुरेंद्र की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। आखिरकार सुरेंद्र को न्यायालय की शरण में जाना पड़ा। जिसके बाद न्यायालय ने प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

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