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    आपदा में फसल हुई बेकार तो अब मिलेगा अधिक मुआवजा, केंद्र सरकार ने नियमों में किया बदलाव; होगा इतना लाभ

    देश के किसानों को आए दिन खेती-किसानी में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्हें कभी बारिश की मार तो कभी सूखे की स्थिति से निपटना पड़ता है। इसको देखते हुए आपदा में होने वाले नुकसान से किसानों को उबारने के लिए केंद्र सरकार ने मुआवजा राशि के नियमों में बदलाव किया है। मुआवजा राशि बढ़ाने का आदेश सरकार ने दस अक्टूबर 2022 में किए थे।

    By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Fri, 21 Jul 2023 12:03 PM (IST)
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    मुआवजा राशि बढ़ाने का आदेश सरकार ने दस अक्टूबर 2022 में किए थे।

    विनय कुमार शर्मा, हल्द्वानी : देश के किसानों को आए दिन खेती-किसानी में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्हें कभी बारिश की मार तो कभी सूखे की स्थिति से निपटना पड़ता है। ऐसी स्थिति में किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाता है।

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    आपदा में होने वाले नुकसान से किसानों को उबारने के लिए केंद्र सरकार ने मुआवजा राशि के नियमों में बदलाव किया है। सरकार ने असिंचित क्षेत्र में मुआवजा राशि 6800 से बढ़ाकर 8500 प्रति हेक्टेयर और सिंचित क्षेत्र में मुआवजा राशि 13500 से बढ़ाकर 17000 प्रति हेक्टेयर कर दिया है।

    सरकार ने इन नियमों में किया बदलाव

    • दो हेक्टेयर से कम भूमि वाले छोटे व सीमांत किसानों के लिए :
    • भूमि व अन्य नुकसान के लिए-
    • कृषि भूमि से गाद, मलबा हटाने के लिए 18000 रुपये प्रति हेक्टेयर। न्यूनतम राशि प्रति किसान 2200 रुपये। पूर्व में यह 12200 प्रति हेक्टेयर थी।
    • भूस्खलन, हिमस्खलन, नदियों के मार्ग बदलने से हुई भू भाग की हानि पर 47000 प्रति हेक्टेयर व न्यूनतम 5000 रुपये। पूर्व में यह 37500 प्रति हेक्टेयर थी।
    • 33 प्रतिशत या उससे अधिक फसल के नुकसान पर :
    • कृषि, बागवानी व वार्षिक बागवानी फसलों के लिए-
    • असिंचिंत क्षेत्र में 8500 प्रति हेक्टेयर व न्यूनतम एक हजार। पूर्व में 6800 प्रति हेक्टेयर।
    • सिंचित क्षेत्र में 17000 प्रति हेक्टेयर व न्यूनतम 2000 रुपये। पूर्व में 13500 प्रति हेक्टेयर व न्यूनतम एक हजार रुपये।
    • बारहमासी फसलों में 22500 रुपये प्रति हेक्टेयर व न्यूनतम 2500 रुपये, पूर्व में यह 18000 प्रति हेक्टेयर व न्यूनतम 2000 रुपये थी।
    • रेशमकीट पालन व उत्पादन में नुकसान पर मुआवजा राशि 4000 से बढ़ाकर 6000 प्रति हेक्टेयर ऐरी, मलबरी, टसर के लिए व 6000 से बढ़ाकर 7500 रुपये प्रति हेक्टेयर मूगा के लिए की गई है।
    • दो हेक्टेयर या उससे अधिक भूमि के लिए असिंचित क्षेत्र में 6800 से बढ़ाकर 8500 रुपये प्रति हेक्टेयर, सिंचित क्षेत्र में 13500 रुपये बढ़ाकर 17000 रुपये प्रति हेक्टेयर तथा बारहमासी फसलों के लिए 18000 रुपये से बढ़ाकर 22500 रुपये प्रति हेक्टेयर कर दी गई है।

    अक्टूबर 2022 में सरकार ने किए थे आदेश

    आपदा में प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि बढ़ाने का आदेश सरकार ने दस अक्टूबर 2022 में किए थे। संयुक्त कृषि निदेशक ने बताया कि इसे रबी की फसल में लागू कर दिया गया था, लेकिन क्षेत्र में आपदा से किसान प्रभावित नहीं हुए, जिस कारण इसकी जानकारी किसानों को नहीं मिल पाई। खरीफ की फसल में किसानों की भूमि व फसल आपदा में प्रभावित हो रही है। इस कारण बढ़ी मुआवजा राशि के तहत ही प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।

    किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से आपदा में किसानों को नुकसान से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने मुआवजा राशि के नियमों में बदलाव किया है। बदले नियम के तहत ही किसानों को मुआवजा राशि बांटी जाएगी।

    - पीके सिंह, संयुक्त कृषि निदेशक, हल्द्वानी