कार्बेट पार्क में रात्रि विश्राम आज से शुरू, कैंटर से पर्यटक सफारी के लिए गए ढिकाला
कार्बेट टाइगर रिजर्व में आज से रात्रि विश्राम फिर से शुरू हो गया है। पहले दिन ढिकाला जोन में पर्यटकों को कैंटर से सफारी कराई गई। मानसून के कारण यह सुविधा बंद थी। पर्यटकों ने बाघ, हाथी और हिरण जैसे वन्यजीवों को देखकर खूब आनंद लिया। वन विभाग ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।

जागरण संवाददाता, रामनगर। कार्बेट नेशनल पार्क में रात में ठहरने के लिए पर्यटकों का पांच महीने का इंतजार खत्म हो गया। शनिवार से पर्यटकों के लिए कार्बेट पार्क के सभी पर्यटन जोन में रात्रि विश्राम की सुविधा शुरू हो गई। ढिकाला में भी कैंटर सफारी की सुविधा आरंभ हो गई।
पहले दिन सुबह पर्यटकों ने कैंटर सफारी की। ढिकाला के धनगढ़ी गेट में विधायक दीवान सिंह बिष्ट व कार्बेट के उपनिदेशक राहुल मिश्रा ने फीता काटकर व हरी झंडी दिखाकर पर्यटकों के कैंटर को सफारी के लिए रवाना किया। पहले दिन सुबह की पाली में चार कैंटर से करीब 50 पर्यटक सफारी के लिए गए।
15 जून से मानसून सीजन माना जाता है। कभी भी बरसात की वजह से जंगल के नदी-नाले उफान पर आ जाते हैं। ऐसे में कच्ची सड़क व रास्ते आदि टूटने से पर्यटकों के फंसने से उनकी जान का खतरा बना रहता है।
इसे देखते हुए 15 जून से कॉर्बेट पार्क के सभी वन विश्राम गृह में नाइट स्टे व ढिकाला में कैंटर की डे सफारी भी बंद हो जाती है। शुभारंभ के मौके पर उप निदेशक ने जिप्सी व कैंटर चालकों को सफारी के नियमों का पालन करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि पर्यटक अच्छा संदेश लेकर जाए, ऐसा प्रयास करना चालक व गाइड की जिम्मेदारी है।
कार्बेट पार्क में नाइट स्टे के लिए डेढ़ माह पूर्व ही आनलाइन बुकिंग खुल गई थी। इस दौरान उपनिदेशक राहुल मिश्रा, पार्क वार्डन बिंदर पाल, ईको टूरिज्म रेंजर ललित मोहन आर्या मौजूद रहे।

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