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हेलंग गांव में वन भूमि पर मलबा डालने के विरोध में महिलाओं से ज्यादती, रिटायर्ड जज से जांच कराने की मांग

THDC dump debris on forest land near helang village उत्तराखंड के चमोली के हेलंग में महिलाओं के साथ केंद्रीय सुरक्षा बलों व पुलिसकर्मियों द्वारा अभद्रता मामले में यूकेडी विधि प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डीके जोशी ने फैक्ट फाइडिंग रिपोर्ट जारी की है।

By Skand ShuklaEdited By: Sun, 11 Sep 2022 10:47 AM (IST)
हेलंग गांव में वन भूमि पर मलबा डालने के विरोध में महिलाओं से ज्यादती, रिटायर्ड जज से जांच कराने की मांग
चमोली जिले के हेलंग गांव में महिलाओं से अभद्रता मामले में फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट जारी

जागरण संवाददाता, नैनीताल : THDC dump debris on forest land near helang village : उत्तराखंड के चमोली के हेलंग (Helang village Chamoli) में महिलाओं के साथ केंद्रीय सुरक्षा बलों व पुलिसकर्मियों द्वारा अभद्रता मामले में यूकेडी विधि प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डीके जोशी ने फैक्ट फाइडिंग रिपोर्ट जारी की है। जिसमें मामले की जांच रिटायर न्यायाधीश की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति कमेटी बनाकर कराने की मांग की गई है।

डीके जोशी और रमेश पाण्डे कृषक ने तैयार की रिपोर्ट

फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में दोषी मिलने वाले अधिकारियों पर अनुशासनात्मक व दंडात्मक कार्रवाई कर सेवा से बर्खास्त करने, पीड़ित महिलाओं व बच्चों को सरकार व टीएचडीसी से मुआवजा देने, हेलंग की वन पंचायत भूमि से मलबा हटाने की सिफारिश की है। फैक्ट फाइडिंग टीम रिपोर्ट को अधिवक्ता डीके जोशी और बागेश्वर के रमेश पाण्डे कृषक ने मिलकर तैयार की है।

15 जुलाई को वायरल हुआ था हेलंग गांव का वीडियो

शनिवार को डीके जोशी ने रिपोर्ट जारी कर बताया कि 15 जुलाई को हेलंग गांव, जोशीमठ तहसील जिला चमोली की ग्रामीण महिलाओं के साथ तहसील प्रशासन व पुलिस के बीच विवाद का एक वीडियो वायरल हुआ था। जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आये है।

वन भूमि पर टीएचडीसी डाल रहा मलबा

रिपोर्ट के अनुसार हेलंग में खसरा नंबर 445, जो कि वन पंचायत की भूमि है, पर विभिन्न प्रजाति के पेड़ और घास हैं। उस पर मलबा डाला जा रहा है। इस संदर्भ में 23 मई को महाप्रबंधक (परियोजना) टीएचडीसी ने एसडीएम को संबोधित पत्र में टनल से निकाले जा रहे मलबे को खसरा नंबर 445 पर डालकर ग्रामीणों के लिए खेल मैदान बनाए जाने की बात लिखी थी। ग्रामीणों ने इसे साजिश बताते हुए आपत्ति दर्ज कराई।

डीएम से मिलकर ग्रामीणों ने जताया था विरोध

20 जून को ही मंदोदरी देवी, गोदावरी देवी लीला देवी, ज्योति तथा रीना चमोली के डीएम को घास और पेड़ वाले मैदान पर मलबा डालने की अनुमति न देने का आग्रह किया। वहीं 15 जुलाई की सुबह से पुलिस संरक्षण में टीएचडीसी कंपनी ने टनल का मलबा घास के मैदान में डालने की पूरी तैयारी की। जिसके विरोध में ग्रामीण महिलाएं मैदान में आ गईं।

विरोध करने पर घंटों पुलिस प्रशासन ने गाड़ी में बैठाया

मैदान में मलबा डालने का विरोध करने पर मंदोदरी देवी, गोदावरी देवी, लीला देवी, संगीता देवी से औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों ने उनसे घास छीनने का प्रयास करने के साथ ही जोर जबरदस्ती भी की। महिलाओं का विरोध बढ़ा तो एसडीएम व तहसीलदार घटनास्थल पर बुलाए गए। जब महिलाएं डंपिंग के विरोध मे अड़ी रहीं तो सुबह घास लेने के लिए निकली महिलाओं को गैर कानूनी तरीके से पुलिस की गाड़ी के अंदर बैठा लिया और भूखे प्यासे घंटों कैद रखा।

चालान जमा करने के बाद ही महिलाओं को छोड़ा

फैक्ट फाइंडिंग टीम के सदस्य डीके जोशी ने बताया कि लीला देवी से बातचीत में यह बात सामने आई कि कैद महिलाओं को अभिरक्षा से छुड़ाने के लिए उनके स्वजन आशीष को जोशीमठ पुलिस थाना बुलाया गया। उन्हें भी छह घंटे तक इंतजार कराया गया।

बाद में उत्तराखंड पुलिस एक्ट 2007 के अंतर्गत डंपिंग का विरोध कर रही महिलाओं को धारा 81(1) (क) में लिखित अपराधों का दोषी मानते हुए 250 रुपये चालान जमा करवाए। अपराध का समन किये जाने संबंधित चालान की पर्ची आशीष को थमा दी गई। उसके बाद ही कैद निरुद्ध किये गये महिलाओं व डेढ़ साल की बच्ची सभी को छोड़ा गया।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का किया उल्लंघन

सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार बनाम पाकुर जागरण मंच के मामले में 2011 में पारित निर्देशों के उल्लंघन में टीएचडीसी इंडिया कंपनी को हेलंग गांव की वन पंचायत की जमीन को टनल का मलबा जमा करने की अनुमति दी गई।

सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुपालन में राज्य सरकार ने 27 जनवरी 2014 में शासनादेश जारी किया था, जिसमें समस्त जिलाधिकारी गौचर पनघट आदि ग्रामीण उपयोग की भूमि को किसी अन्य प्रयोग हेतु न आवंटित न की जाय, इस जीओ का भी घोर उल्लंघन भी जिला प्रशासन ने किया है।