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    राम गंगा नदी पर पुलों की मांग को लेकर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महामंत्री जगत सिंह खाती सपरिवार धरने पर बैठे

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Sun, 06 Jun 2021 05:42 PM (IST)

    पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से गंगोलीहाट और बेरीनाग की दूरी कम करने के लिए दो सड़कें तैयार हैंं लेकिन बीच में बहने वाली राम मंगा नदी पर स्वीकृत दो मोटर पुलों का मामला अधर में लटका है। सड़कें बनने बाद भी पुलों के बिना दूरी कम करने का सपना अधूरा है।

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    रामगंगा नदी पर पुलों की मांग को लेकर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महामंत्री जगत सिंह खाती सपरिवार धरने पर बैठे

    पिथौरागढ़, जागरण संवाददाता : पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से गंगोलीहाट और बेरीनाग की दूरी कम करने के लिए दो सड़कें तैयार हैंं, लेकिन बीच में बहने वाली राम मंगा नदी पर स्वीकृत दो मोटर पुलों का मामला अधर में लटका है। सड़कें बनने बाद भी पुलों के बिना दूरी कम करने का सपना अधूरा है। दोनों स्थानों पर पुुल निर्माण के लिए कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महामंत्री जगत सिंह खाती ने अपने आवास पर सपरिवार धरना दिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा।

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    जिला मुख्यालय से गंगोलीहाट और बेरीनाग की दूरी कम करने के लिए एक सड़क पिथौरागढ़ से आंवला घाट तक, दूसरी, रसियापाटा से चंडिका घाट तक तैयार हैं। दोनों स्थानों पर अस्सी-अस्सी मीटर के दो मोटर पुलों का निर्माण होना है। इस समय पुल निर्माण का कार्य ब्रिडकुल को दे दिया गया है। लोनिवि और पीएमजीएसवाइ ने अपना कार्य पूरा कर दिया है। सड़कें बनने से गंगोलीहाट, बेरीनाग के डेढ़ दर्जन से अधिक गांव तथा चंडिका घाट तक सड़क बनने से कनालीछीना के कई गांव सड़क से जुड़ चुके हैं।

    पुलों के अभाव में अभी भी पिथौरागढ़ से सिद्धपीठ हाट कालिका मंदिर, पाताल भुवनेश्वर गुफा और बेरीनाग, गंगोलीहाट से चंडिका घाट की दूरी नहीं घट पाई है। तीन आस्था केंद्रों का धार्मिक पर्यटन सर्किट का सपना भी अधूरा है। पुल निर्माण की मांग को लेकर पूर्व नपा अध्यक्ष एवं पूर्व कांग्रेस प्रदेश महामंत्री जगत सिंह खाती ने अपने भाटकोट स्थित आवास के बाहर सपरिवार धरना दिया।

    इस मौके पर उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी भेजा। ज्ञापन में उन्होंने सीएम से स्वीकृत दोनों पुलों की निविदाएं तत्काल लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पुल निर्माण के बाद ही धार्मिक पर्यटन सर्किट अस्तित्व में आएगा। तीन प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थलों तक भारी संख्या में पर्यटक आते हैं, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर प्रदान होंगे। शीघ्र पुलों की निविदाएं नहीं लगाने पर उन्होंने स्थानीय जनता को साथ लेकर धरना, प्रदर्शन की धमकी दी है।

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