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    Haldwani News : गरीब युवाओं के हुनर को तराश 'आत्मनिर्भरता' की तरफ बढ़ाएंगी महिलाएं

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Fri, 29 Apr 2022 11:02 AM (IST)

    दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के जरिये उन युवाओं को तलाशा जाता है जो गरीबी के कारण आठवीं दसवीं और 12वीं से आगे की पढ़ाई नहीं कर सकते। बीपीएल परि ...और पढ़ें

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    कौशल योजना के लिए महिला समूहों की मदद से ढूंढे जाएंगे लाभार्थी

    गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी : ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में संचालित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत अब महिला समूहों की सक्रिय महिलाओं का विशेष योगदान होगा। गांव में रहने वाले गरीब परिवार के युवाओं को योजना की जानकारी देने के साथ तकनीकी कोर्स का हिस्सा बन रोजगार हासिल करने के लिए महिलाएं प्रेरित करेंगी।

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    अफसरों के मुताबिक समूह की महिलाओं को पहली बार इस अभियान का हिस्सा बनाया गया है। क्योंकि स्थानीय होने के कारण गांव के लोगों से इनका जुड़ाव ज्यादा होता है। अभी तक हर ब्लाक में ग्राम प्रधान, बीडीसी मेंबर और अन्य जनप्रतिनिधियों के सहयोग से पात्रों का चयन किया जाता था।

    दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के जरिये उन युवाओं को तलाशा जाता है, जो गरीबी के कारण आठवीं, दसवीं और 12वीं से आगे की पढ़ाई नहीं कर सकते। बीपीएल परिवार के बच्चों का इसमें प्राथमिकता से चयन किया जाता है। इसके अलावा बीपीएल श्रेणी में न आने वाले लेकिन आर्थिक तौर पर कमजोर युवा भी इसके दायरे में आएंगे। इसके लिए गांव-गांव सर्वे किया जाएगा।

    ब्लाक अफसरों के मुताबिक महिला समूह की सक्रिय सदस्य इस अभियान में अहम भूमिका निभा सकती हैं। अपने गांव के लोगों के सामाजिक, आर्थिक व जातीय समीकरणों के बारे में उन्हें जानकारी भी होती है। महिला समूहों को इस अभियान से जोडऩे के लिए सहायक परियोजना निदेशक, जिला मिशन प्रबंधक की तरफ से आदेश जारी हो चुके हैं।

    गरीब परिवारों के बच्चे इस योजना का हिस्सा बनकर अपना भविष्य संवार सकते हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी करवाने के लिए महिला समूहों को भी सक्रिय किया गया है। ब्लाक की टीम भी गांवों में जाकर पात्रों को तलाशती है।

    हल्द्वानी ब्लाक की बीडीओ डा. निर्मला जोशी

    शासन से निर्धारित मानक

    अनुसूचित जाति के 56 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के 9 प्रतिशत, अल्पसंख्यक समाज के 18 और सामान्य वर्ग के 17 प्रतिशत बच्चों को इस योजना के दायरे में लिया जाएगा। 15 से 35 वर्ष की उम्र तक के युवाओं को लाभार्थी के तौर पर पात्र माना गया है। बीडीओ डा. निर्मला के मुताबिक अलग-अलग व्यावसायिक ट्रेड में कोर्स का समय अलग है। तीन माह से 12 माह तक के कोर्स इसमें शामिल हैं। होटल मैनेजमेंट, अकाउंटिंग व अन्य कोर्स निश्शुल्क कराए जाएंगे। पढ़ाई के दौरान शिक्षण संस्थान, रहने और खाने का भी कोई शुल्क नहीं देना पड़ता। कोर्स के बाद रोजगार दिलाने में भी मदद की जाती है।