एडीबी प्रोजेक्ट के घपलेबाज नहीं बचेंगे, जल संस्थान के जीएम की अध्यक्षता में बनी जांच कमेटी
सरोवर नगरी में करीब 80 करोड़ से अधिक के पेयजल प्रोजेक्ट की घपलेबाजी की वजह से आए दिन राइजिंग मेन लाइन फटने समेत अन्य तकनीकी खामियों के जिम्मेदार अब नहीं बचेंगे।
नैनीताल, जेएनएन : सरोवर नगरी में करीब 80 करोड़ से अधिक के पेयजल प्रोजेक्ट की घपलेबाजी की वजह से आए दिन राइजिंग मेन लाइन फटने समेत अन्य तकनीकी खामियों के जिम्मेदार अब नहीं बचेंगे। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद जल संस्थान के मुख्य महाप्रबंधक ने इस मामले में जीएम कुमाऊं की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित करते हुए एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री के सख्त रवैये के बाद प्रोजेक्ट क्रियान्वयन में प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से शामिल रहे अधिकारी-ठेकेदारों में खलबली मचना तय है।
दरअसल, मंगलवार को नैनीताल क्लब में जागरण के सवाल पर मुख्यमंत्री ने नैनीताल में करोड़ों के पेयजल प्रोजेक्ट में अब तक आठ बार राइजिंग मेन लाइन फटने, पाइपों की घटिया गुणवत्ता की जांच कर जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई का वकतव्य दिया था। जागरण ने प्रोजेक्ट क्रियान्वयन में अनियमितता को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जागरण में मुख्यमंत्री के जांच करने संबंधी बयान का संज्ञान लेते हुए सचिव पेयजल ने व्हाट्सएप के माध्यम से प्रकरण की जांच के निर्देश विभागाध्यक्ष व मुख्य महाप्रबंधक एचके पांडे को दिए हैं। सीजीएम ने सचिव के निर्देश पर महाप्रबंधक जल संस्थान नैनीताल डीके मिश्रा की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन कर दिया है, जिसमें अधीक्षण अभियंता एएस अंसारी, नैनीताल के अधिशासी अभियंता संतोष कुमार उपाध्याय, एडीबी के प्रोजेक्ट मैनेजर आरके रजवाड़, उत्तराखंड पेयजल निगम निर्माण शाखा के अधिशासी अभियंता जीएस तोमर को जांच कमेटी का सदस्य नामित किया गया है।
कमेटी से पूरे मामले की विस्तृत जांच कर एक सप्ताह में तथ्यों सहित जांच आख्या देने को कहा गया है। यहां बता दें कि नैनीताल में पिछले दिनों राइजिंग लाइन दो स्थान पर फटने की वजह से पांच दिन तक करीब दस हजार आबादी बूंद बूंद को तरस गई थी।
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