Move to Jagran APP

सीएम सहित 47 माननीयों ने नहीं दिया संपत्ति का ब्योरा, आरटीआइ से हुआ खुलासा

उत्तराखंड मेें भ्रष्टाचार नियंत्रण व पारदर्शिता को लेकर कितने ही दावे किए जा रहे हों लेकिन धरातल पर दावे हकीकत का रूप लेते दिखाई नहीं देते हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 06:37 PM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 11:53 AM (IST)
सीएम सहित 47 माननीयों ने नहीं दिया संपत्ति का ब्योरा, आरटीआइ से हुआ खुलासा
सीएम सहित 47 माननीयों ने नहीं दिया संपत्ति का ब्योरा, आरटीआइ से हुआ खुलासा

काशीपुर, जेएनएन : उत्तराखंड मेें भ्रष्टाचार नियंत्रण व पारदर्शिता को लेकर कितने ही दावे किए जा रहे हों, लेकिन धरातल पर दावे हकीकत का रूप लेते दिखाई नहीं देते हैं। भ्रष्टाचार व पारदर्शिता के लिए बने कानूनों का माननीय खुद ही पालन नहीं कर रहे हैं। 71 विधायकों में से सीएम सहित 47 विधायकों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा विधानसभा को नहीं दिया है। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी में इसका खुलासा हुआ है।

loksabha election banner

काशीपुर निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने विधानसभा के लोक सूचना अधिकारी सेे उत्तराखंड के मंत्रियों-विधायकों के संपत्ति विवरण संबंधी सूचना मांगी थी। इसके उत्तर मेें विधानसभा के लोक सूचना अधिकारी/वरिष्ठ शोध एवं सदर्भ अधिकारी मुकेश ङ्क्षसघल ने अपने पत्रांक 79 में 10 अक्टूबर 2019 को संपत्ति विवरण संबंधी सूचना उपलब्ध कराई। सूचना के अनुुसार इस बार विधायक बनने के बाद अपना दायित्व संपत्ति विवरण न देने वाले विधायकों की सूची में 47 विधायकों के नाम शामिल हैं।

इन्‍होंने नहीं दिया संपत्ति का ब्‍योरा

सूची में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल तथा महिला कल्याण राच्यमंत्री रेखा आर्य का नाम शामिल हैं। इसके अतिरिक्त नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश भी इस कड़ी में शामिल हैं। जबकि अन्य 42 विधायकों में राजकुमार, गोपाल सिंह रावत, सुरेंद्र सिंह नेगी, मनोज रावत, शक्तिलाल शाह, विनोद कंडारी, विजय सिंह पवार, प्रीतम सिंह, मुन्ना सिंह चौहान, सहदेव सिंह पुंडारी, हरबंस कपूर, आदेश चौहान, सुरेश राठौर, ममता राकेश, देशराज कर्णवाल, फुरकान अहमद, प्रदीप बत्रा, कुंवर प्रणव ङ्क्षसह चैंपियन, काजी मोहम्मद निजामुद्दीन, संजय गुप्ता, यतीश्वरानंद, ऋतुुु खंडूरी भूषण, मुकेश ङ्क्षसह कोली, दलीप सिंह रावत, हरीश सिंह, विशन सिंह चुफाल, मीना गंगोला, महेश सिंह नेगी, करन माहरा, गोविंद सिंह कुंजवाल, नवीन चंद्र दुम्का, राम सिंह कैड़ा, बंशीधर भगत, दीवान सिंह बिष्ट, राजकुमार ठुकराल, राजेश शुक्ला, सौैरभ बहुगुणा, प्रेम सिंह, पुष्कर सिंह धामी, जीआइजी मैैन व मुन्नी देवी शाह शामिल हैैं।

यह है नियम

नदीम ने बताया कि उप्र के मंत्री तथा विधायक (आस्तियों तथा दायित्वों का प्रकाशन) अधिनियम 1975 की धारा तीन के अनुसार मंत्रियों तथा विधायकों का नियुक्त या निर्वाचित होने के तीन माह के अंदर विधानसभा के सचिव को अपनी संपत्ति व दायित्वों का विवरण देने नियन है। इसके बाद धारा-4 के अनुसार हर वर्ष 30 जून तक पूर्व वर्ष की संपत्ति प्राप्ति व खर्च व दायित्वों का विवरण देना होता है। जिसे गजट में आम जनता की सूचना के लिए प्रकाशित किया जाना आवश्यक है। उत्तराखंड गठन से ही बड़ी संख्या में विधायक व मंत्री इस कानून का पालन नहीं कर रहे हैं। जबकि पारदर्शिता तथा भ्रष्टाचार नियंत्रण के लिए ऐसा किया जाना जनहित में आवश्यक है।

यह भी पढ़ें : हाई कोर्ट शिफ्टिंग मामले में हाई कोर्ट बार एसोसिएशन नहीं देगी सहमति

यह भी पढ़ें : भाजपा अपने प्रत्याशी रूपा संग डटी रही, सुमित्रा को कुछ पंचायत नेताओं का ही सहारा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.