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    चम्पावत हादसे के पीड़ित परिवारों से मिले सीएम, दुर्घटना पर लगाम को उठाया बड़ा कदम

    Champawat Accident सीएम धामी ने परिजनों से कहा कि आचार संहिता हटते ही नई सरकार का गठन होगा और मृतक के परिजनों को हर संभव मदद की जाएगी। सरकार इस दुख की घड़ी में उनके साथ है। एसडीएम हिमांशु कफल्टिया को हर संभव मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

    By Prashant MishraEdited By: Updated: Wed, 23 Feb 2022 07:52 PM (IST)
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    सड़क हादसों को रोकने के लिए रात्रि में हो रही आवाजाही पर अंकुश लगाया जाएगा।

    जागरण संवाददाता, चम्पावत : सूखीढांग डांडा मीनार (एसडीएम) रोड पर सोमवार रात हुआ सड़क हादसे में मृत लोगों के परिजनों से बुधवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मुलाकात की। परिजनों को सांत्वना देेते हुए आश्वस्त किया कि सरकार इस दुख की घड़ी में उनके साथ है। आचार संहिता हटते ही सभी की मदद की जाएगी। उन्होंने प्रशासन को भी हर संभव मदद का आश्वासन दिया। सड़क हादसों को रोकने के लिए रात्रि में हो रही आवाजाही पर अंकुश लगाया जाएगा।

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    सीएम पुष्कर सिंह धामी व विधायक कैलाश गहतोड़ी बुधवार को जीआइसी ककनई में बने हेलीपैड पहुंचे। विधायक गहतोड़ी ने बताया कि मृतक परिवारों से मिलकर संवेदना व्यक्त की। सीएम धामी ने परिजनों से कहा कि आचार संहिता हटते ही नई सरकार का गठन होगा और मृतक के परिजनों को हर संभव मदद की जाएगी। सरकार इस दुख की घड़ी में उनके साथ है। मौके पर मौजूद एसडीएम हिमांशु कफल्टिया को मृतकों के परिजनों को हर संभव मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। करीब ढ़ाई घंटे रहने के बाद सीएम घटना में घायल प्रकाश राम से मिलने से सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी चले गए। इस दौरान कई क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। वहीं राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा ने भी मृतकों के घर पहुंचकर परिजनों से वार्ता की और अपनी संवेदन व्यक्त की। 

    सीएम ने भी झेली संचार सुविधा की कमी

    संचार क्रांति के युग में सूखीढांग क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में मोबाइल नेटवर्क नहीं होने से हजारों लोगों का संपर्क देश दुनिया से कटा हुआ है। लोगों को बात करने के लिए ऊंचाई वाले स्थानों पर जाना पड़ता है। सोमवार की रात डांडामीडार रोड पर हुई हृदय विदारक दुर्घटना के बाद मोबाइल नेटवर्क न होने का दर्द प्रशासन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी बखूबी झेला। 

    धुरा से लेकर मछियाड़ तक  15 से 20 किमी के दायरे में बीएसएनएल सहित किसी भी निजी दूर संचार कंपनी का टावर नहीं है। नेटवर्क नहीं होने से मथियाबांज, बुड़म, डांडा ककनई के लोग चौबीसों घंटे संचार सुविधा से वंचित रहते हैं। भीषण दुर्घटना में ककनई एवं डांडा के ग्रामीणों की मौत के बाद लोग एक दूसरे से संपर्क तक नहीं कर पाए। अगले दिन बचाव एवं राहत कार्य में जुटे प्रशासनिक अमले को भी संचार सुविधा न होने से परेशानी उठानी पड़ी।

    यही नहीं बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दुर्घटना में मारे गए लोगों के स्वजनों से मिलने पहुंचे। तब तक वे डांडा ककनई क्षेत्र में रहे देश दुनिया से कटे रहे। ब्यान धुरा मंदिर के पुजारी एवं सामाजिक कार्यकर्ता शंकर जोशी ने बताया कि क्षेत्र में संचार सुविधा नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पाते। बताया कि कई बार सांसद अजय टम्टा से क्षेत्र में संचार सेवा की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की जा चुकी है। लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। 

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