सीएम धामी ने किया 'एशियन कैडेट कप इण्डिया-2025' का शुभारम्भ, बोले- 'यह काफी गर्व का विषय'
हल्द्वानी में फेंसिंग एसोसिएशन ऑफ इण्डिया के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने एशियन कैडेट कप इण्डिया-2025 का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि तलवारबाजी की कला प्राचीन भारत से सिखाई जा रही है। आधुनिक भारत में इसे प्रोत्साहन नहीं मिल पाया पर अब मिल रहा है। श्रीराम और उनके भाई ने गुरुकुल में तलवारबाजी का अध्ययन किया। उत्तराखंड में भी जल्द तलवारबाजी को बढ़ावा मिलेगा।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह काफी गर्व का विषय है कि पहली बार भारत में हो रही एशियन कैडेट कप स्पर्धा की मेजबानी देवभूमि को मिली है। उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत में प्राचीन युद्ध खेल तलवारबाजी की शुरूआत काफी देर से हुई है। अन्य खेलों की तुलना में फेंसिंग(तलवारबाजी) को उतना प्रोत्साहन नहीं मिल पाया।लेकिन कुछ वर्षों में फेंसिंग ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की है।
शुक्रवार को गौलापार स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय खेल परिसर के मानसखंड हाल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले एशियन कैडेट कप 2025 का भव्य रूप से शुभारंभ किया। इस दौरान फेंसिंग एसोसिएशन आफ इंडिया के महासचिव राजीव मेहता ने सीएम धामी को नटराज की प्रतिमा देकर सम्मानित किया। तलवारबाजी की इस अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में 17 देशों के 190 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं।
पहले दिन वूमेन इपी, मेन फायल व सेबर इवेंट खेले गए। इससे पूर्व खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए सीएम धामी ने कहा कि तलवारबाजी खेल में देश की पहली महिला ओलिंपियन व अर्जुन अवार्ड से सम्मानित सीए भवानी देवी के राष्ट्रमंडल व एशियाई खेलों में पदक लाने के बाद युवाओं का रुझान फेंसिंग की तरफ तेजी से बढ़ा है।आज युवा न केवल इस खेल में राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन कर रहे हैं बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी देश का नाम रोशन कर रहे हैं। निशानेबाजी, तिरंदाजी व भाला फेंक खेलों में पूरे विश्व में भारत का परचम लहरा रहा है।
मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में तलवारबाजी में भी हमारे युवा उत्कृष्ट प्रदर्शन करके देश का नाम रोशन करेंगे। पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में खेल संस्कृति को बढ़ावा मिल रहा है। राज्य में 517 करोड़ की लागत से विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रेक्चर का विकास किया है। इसका परिणाम है कि आज प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन का महत्वपूर्ण स्थान बन गया है। इसका उदाहरण एशियन कैडेट कप 2025 ही है।
चाहे रामायण हो या महाभारत प्राचीन काल से तलवारबाजी की कला अस्तित्व में
सीएम धामी ने कहा कि प्राचीन काल में शस्त्र शिक्षा अनिवार्य भाग हुआ करती थी। गुरुकुल में युवाओं को वेद पुराण शास्त्रों के अध्ययन के साथ ही आत्मरक्षा व समाज की रक्षा के लिए तलवार, गधा व धनुर्विधा जैसे युद्ध कला का प्रशिक्षण दिया जाता था। प्रभु श्री राम व उनके अनुज भाइयों ने गुरुकुल में न केवल शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त किया बल्कि शास्त्रों के संचालन व युद्ध कला का भी कठिन प्रशिक्षण प्राप्त किया।
महाभारत में कौरव व पांडवों दोनों ने धर्म नीति के साथ युद्ध कलाओं का प्रशिक्षण प्राप्त किया। तलवारबाजी की कला मानव सभ्यता के आरंभ से ही अस्तित्व में रही है।हमारे इतिहास में महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज, गुरु गोबिंद सिंह, रणजीत सिंह, लक्ष्मी बाई ने तलवारबाजी में कौशल हासिल किया था। चाहे पंजाब में गतका हो या केरल में कलारियापट्टू या फिर उत्तराखंड, राजस्थान व देश के अन्य क्षेत्रों में तलवारबाजी जैसे शस्त्र विद्या की गौरवशाली परंपराओं का महत्व है।
पंतनगर में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे का जल्द होगा शिलान्यास
पंतनगर में जल्द ही अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे का शिलान्यास किया जाएगा। इसके साथ ही रेल मंत्रालय से भी नई ट्रेनें चलाने का आग्रह किया है। आने वाले समय में खिलाड़ियों व पर्यटकों को प्रदेश में बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। हल्द्वानी में बढ़ती स्पोर्ट्स एक्टिविटी को देखते हुए यहां के कारोबारियों के लिए भी अहम नीति बनाई जाएगी। खिलाड़ियों व पर्यटकों के लिए यहां अच्छे और बड़े होटलों के निर्माण की आवश्यकता है।

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