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    Christmas और New Year को लेकर कार्बेट और राजाजी पार्क में अलर्ट जारी, अधिकारी-कर्मचारियों के अवकाश रद

    By Jagran NewsEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Sun, 11 Dec 2022 10:23 AM (IST)

    Christmas New Year 2023 Celebration विभाग के अधिकारियों व फील्ड कर्मचारियों के अवकाश पांच जनवरी तक रद कर दिए गए हैं। कार्बेट की सुरक्षा टीम द्वारा होटलों व रिसोर्ट में वन्यजीव अपराध से संबंधित गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।

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    Christmas New Year 2023 Celebration : अधिकारियों व फील्ड कर्मचारियों के अवकाश पांच जनवरी तक रद कर दिए गए हैं।

    संवाद सूत्र, रामनगर(नैनीताल): Christmas New Year 2023 Celebration : क्रिसमस, थर्टी फर्स्ट तथा नए साल के आगमन की खुशी में मनाए जाने वाले जश्न को देखते हुए कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) और हरिद्वार स्थित राजाजी नेशनल पार्क प्रशासन ने वन्यजीवों की सुरक्षा के मद्देनजर अलर्ट जारी कर दिया है।

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    इसके साथ ही विभाग के अधिकारियों व फील्ड कर्मचारियों के अवकाश पांच जनवरी तक रद कर दिए गए हैं।

    अधिकारियों व कर्मचारियों का अवकाश रद्द करते हुए गश्त बढ़ा दी

    उत्तर प्रदेश से सटे कार्बेट टाइगर रिजर्व और राजाजी पार्क शिकारियों की घुसपैठ के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। पूर्व में शिकारी कार्बेट में घुसपैठ का प्रयास कर चुके हैं। ऐसे में कार्बेट व राजाजी पार्क प्रशासन ने अधिकारियों व कर्मचारियों का अवकाश रद्द करते हुए गश्त बढ़ा दी है।

    कार्बेट की सुरक्षा टीम द्वारा होटलों व रिसोर्ट में वन्यजीव अपराध से संबंधित गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। कार्बेट के निदेशक धीरज पांडे ने बताया कि विभागीय टीम द्वारा संवेदनशील क्षेत्रों में बैरियर आदि पर सघन तलाशी ली जाएगी। इसके लिए विभागीय कर्मियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

    कार्बेट के ईको सेंसिटिव जोन पर एनटीसीए ने मांगा जवाब

    कार्बेट टाइगर रिजर्व के ईको सेंसिटिव जोन के निर्धारण को लेकर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक से जवाब मांगा है। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डा समीर सिन्हा ने एनटीसीए का पत्र मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि इसका अध्ययन कर जल्द ही जवाब भेजा जाएगा।

    सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल ने हाल में एनटीसीए को पत्र भेजा था। इसमें कहा गया कि कार्बेट टाइगर रिजर्व के ईको सेंसिटिव जोन का निर्धारण कोर जोन से किया गया है, जबकि नियमानुसार यह बफर जोन की सीमा से होना चाहिए था।

    कहा गया कि मनमाने ढंग से ईको सेंसिटिव जोन का निर्धारण कर कुछ व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया गया है। साथ ही इससे वन्यजीवन में खलल पड़ना तय है। इस पर एनटीसीए ने तुरंत संज्ञान लिया। एनटीसीए के सहायक वन महानिरीक्षक हेमंत सिंह ने राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को पत्र भेजकर इस संबंध में शीघ्र जवाब भेजने को कहा है।