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    हुमला के बाद चीन ने नेपाल के गोरखा जिले में भी किया कब्जा, पिलरों को किया ध्वस्त

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Tue, 22 Sep 2020 07:35 PM (IST)

    China captured nepal landउत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से चीन तक तैयार लिपुलेख-गर्बाधार सड़क निर्माण की आड़ में सीमा विवाद में उलझाकर चीन ने नेपाल पर ही नजर गड़ा दी है। सामरिक महत्व की उसकी जमीनों पर एक के बाद एक कब्जा करता जा रहा है।

    भारत से सीमा विवाद में उलझाकर चीन ने नेपाल पर ही नजर गड़ा दी है।

    हल्द्वानी, अभिषेक राजChina captured nepal land : उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से चीन तक तैयार लिपुलेख-गर्बाधार सड़क निर्माण की आड़ में सीमा विवाद में उलझाकर चीन ने नेपाल पर ही नजर गड़ा दी है। सामरिक महत्व की उसकी जमीनों पर एक के बाद एक कब्जा करता जा रहा है। कर्णाली प्रदेश के हुमला जिले के बाद चीन ने अब गोरखा जिले के रुई गांव सहित 13 स्थानों पर कब्जा जमा लिया है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार सीमा विस्तार में लगे चीन की नजर नेपाल पर गड़ गई है। इसमें माओवादी विचारधारा वाली नेपाल सरकार का भी अप्रत्यक्ष तौर पर मौन समर्थन है।

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    चीन ने यहां जमाया कब्जा

    भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार चीन ने गोरखा जिले के भागडेर खोला में आठ हेक्टेयर, हुमला जिले में करनाली नदी के पास चार हेक्टेयर, सिंजेन खोला के पास दो हेक्टेयर, रसुवा जिले में भूर्जुक खोला के पास एक हेक्टेयर, जंबू खोला के पास पांच हेक्टेयर क्षेत्र में कब्जा जमा लिया है।

     

    इन सीमावर्ती जिलों के पास बढ़ी गतिविधि

    भारत से सटे सुदूर पश्चिम नेपाल के दार्चुला, कंचनपुर, बैतड़ी, काकरभिट्टा, मधेश के नवलपरासी, रुपंदेही, कपिलवस्तु में चीन ट्रांजिट, लॉजिस्टिक सिस्टम, रेलवे, रोड और हवाई सेवाओं के क्षेत्र में आधारभूत संरचना का विकास कर रहा है। पॉवर ग्रिड बनाने और इंफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन सेवाओं को बेहतर करने में भी नेपाल की मदद कर रहा है।

     

    भारतीय सीमा तक पहुंचने की जुगत

    नेपाल के माध्यम से चीन भारत के उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार तक अपनी पहुंच बनाना चाहता है। इसी कोशिश के तहत चीन ने महाकाली कॉरिडोर में भरपूर पैसा लगाया है। यहां से वह उत्तराखंड के सामरिक महत्व वाले पिथौरागढ़ जिले तक आसानी से पहुंच सकता है।

     

    ओली सरकार पर साधा निशाना

    पूर्व उप प्रधानमंत्री नेपाल उपेंद्र यादव ने बताया कि नेपाल गणतंत्र राष्ट्र है। हम अपनी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम हैं, लेकिन जिस तरह से केपी ओली के नेतृत्व वाली सरकार चीनी अतिक्रमण पर चुप्पी साधे है वह गंभीर है। यह जांच का विषय है। नेपाल सद्भावना के अध्यक्ष पार्टी राजेंद्र महतो ने कहा कि नेपाल में अभी सब सही नहीं चल रहा। यहां जिस तरह से भारत विरोध का माहौल तैयार किया जा रहा है वह गलत है। भारत को भी संवेदनशील होना होगा। चीन के मामले में सरकार का स्टैंड सही नहीं है।