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Sanskaarshala : बच्चों ने सीखे इंटरनेट मीडिया पर बहस के संस्कार, बोले- गलतियों से सबक लेकर आगे बढ़ने की जरूरत

sanskaarshala शुक्रवार को हल्द्वानी के इंस्प्रेशन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में इंटरनेट मीडिया पर बहस के संस्कार बताती दैनिक जागरण संस्कारशाला की कहानी पढ़ी गई। शिक्षिका निशा कांडपाल ने कक्षा 10 से लेकर 12वीं कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को कहानी पढ़ाई। संस्कारों के मायने बताए।

By ganesh pandeyEdited By: Rajesh VermaPublished: Fri, 23 Sep 2022 09:23 PM (IST)Updated: Fri, 23 Sep 2022 09:23 PM (IST)
Sanskaarshala : बच्चों ने सीखे इंटरनेट मीडिया पर बहस के संस्कार, बोले- गलतियों से सबक लेकर आगे बढ़ने की जरूरत
sanskaarshala : संस्कारशाला के तहत शुक्रवार को हल्द्वानी के इंस्प्रेशन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कहानी पढ़ी गई।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : sanskaarshala: स्कूल में भाषण प्रतियोगिता के बाद राखी कुछ परेशान व असहज थी। भाषण देते समय वह कुछ लड़खड़ा गई थी। खुद से ही परेशान राखी को नंदिनी ने चिढ़ाकर और चिढ़चिढ़ा बना दिया। तब पापा ने समझाया कि आपसी बातचीत या किसी डिबेट में कभी नाराज नहीं होना चाहिए। गलतियों से सबक लेकर ही तो आगे बढ़ा जाता है।

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डिबेट में पहला स्थान पाने वाली प्रियंका ने मंच से उतरकर अपनी प्रतिद्वंद्वी रही राखी के गले में मेडल डालकर उसके साथ सेल्फी ली। सेल्फी को फेसबुक पर डालकर प्रियंका ने लिखा- बेस्ट फ्रेंड, बेस्ट डिबेटर। राखी की नजर फेसबुक की इस पोस्ट पर पड़ी तो उसके उदास चेहरे पर मुस्कुराहट बिखरी थी। राखी को उसके पिता जो समझाना चाहते थे, प्रियंका ने उसका प्रत्यक्ष उदाहरण पेश किया था।

इंटरनेट मीडिया पर बहस के संस्कार बताती दैनिक जागरण संस्कारशाला की इस कहानी को हल्द्वानी के इंस्प्रेशन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ा गया। शिक्षिका निशा कांडपाल ने कक्षा 10 से लेकर 12वीं कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को कहानी पढ़ाई। संस्कारों के मायने बताए।

जिस तरह समाज तेजी से बदल रहा है, ऐसे में संस्कारों की बहुत अधिक जरूरत है। दैनिक जागरण का अभियान समाज को दिशा देने में अभूतपूर्व योगदान देने वाला है।

-निशा कांडपाल, शिक्षिका

बच्चों में अच्छी आदत विकसित करना, आसानी से अच्छी बातों को समझाने के लिए संस्कारशाला सराहनीय पहल है। निश्चित ही समाज में इसका प्रभाव दिखाई देगा।

-रोबिन आर्या, शिक्षक

राखी पर आधारित संस्कारशाला की कहानी इंटरनेट मीडिया पर बहस का अनुशासन समझाने वाली है। निश्चित रूप से हमें गलतियों से सीखकर आगे बढ़ने की जरूरत होती है।

-महक अधिकारी, छात्रा

दैनिक जागरण संस्कारशाला में प्रकाशित कहानियां रोचकता लिए होने के साथ सामाजिक सीख देने वाली होती हैं। कहानी को हम अपने परिवार व दोस्तों में सुनाते हैं।

-मिथला रावल, छात्रा


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