Move to Jagran APP

मुख्य सचिव ने कहा, 2020 में नहीं 2022 में पूरा होगा चारधाम ऑलवेदर रोड का काम nainital news

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह का कहना है कि 2020 तक चारधाम को जोडऩे वाली ऑलवेदर रोड का काम पूरा होना संभव नहीं है अलबत्ता 2022 में काम पूरा किया कर लिया जाएगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 09:22 AM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 09:22 AM (IST)
मुख्य सचिव ने कहा, 2020 में नहीं 2022 में पूरा होगा चारधाम ऑलवेदर रोड का काम nainital news
मुख्य सचिव ने कहा, 2020 में नहीं 2022 में पूरा होगा चारधाम ऑलवेदर रोड का काम nainital news

नैनीताल, जेएनएन : मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह का कहना है कि 2020 तक चारधाम को जोडऩे वाली ऑलवेदर रोड का काम पूरा होना संभव नहीं है, 2022 में इसका काम पूरा किया कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से पर्यावरण नुकसान कम करने के लिए दिए गए दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जाएगा। शासन का साफ मानना है कि पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो और सड़क का काम भी पूरा हो। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी कमेटी के सुझावों के आधार पर चारधाम सड़क के नए प्रोजेक्ट पर जल्द काम शुरू होंगे। उन्होंने कहा किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए किसानों को खेती के साथ ही डेयरी, मत्स्य पालन, बकरी-भेड़ पालन से जोड़ा जा रहा है।

loksabha election banner

सिडकुल घोटाले की जांच में तेजी

शनिवार को नैनीताल व भवाली पहुंचे मुख्य सचिव ने प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि सिडकुल घोटाले की जांच तेजी से की जा रही है। राजस्व वसूली बढ़े, इसके लिए ऊर्जा, कर, खनन समेत अन्य अहम महकमों की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने राज्य में आइएएस-पीसीएस के बीच किसी तरह टकराव से साफ इन्कार किया। साथ ही श्राइन बोर्ड के मामले में विवाद के सवाल को भी विधानसभा सत्र चलने का हवाला देते हुए टाल गए।

150 किलोमीटर बननी है ऑलवेदर सड़क

पिथौरागढ़ से टनकपुर तक 150 किलोमीटर लंबी सड़क को ऑल वेदर सड़क बनाए जाने का कार्य नवंबर 2017 में शुरू किया गया था। केंद्र सरकार की प्राथमिक सूची में शामिल इस महत्वपूर्ण कार्य को पूरा करने के लिए दो वर्ष का समय निर्धारित किया गया था। यानी 20 नवंबर 2019 को इसे पूरा हो जाना था, लेकिन सड़क का काम निर्धारित समय पूरा नहीं हो पाया है। सड़क पर अभी चट्टान कटिंग कर चौड़ीकरण करने के साथ ही डामरीकरण का काम बचा हुआ है। नाली निर्माण, कॉजवे जैसे तमाम काम भी अधूरे पड़े हुए हैं। विभाग 70 प्रतिशत तक काम पूरा कर लेने का दावा कर रहा है, लेकिन सड़क की हालत देखकर विभाग का दावा कमजोर नजर आ रहा है। ऐसे में पिथौरागढ़-टनकपुर के बीच आवागमन करने वाले यात्रियों को अभी सात माह तक और परेशानियां झेलनी होंगी।

गुरना में काटी जानी है 1200 मीटर चट्टानें

जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ से 15 किमी. दूर गुरना में अभी 1200 मीटर चट्टानों की कटिंग बाकी है। यह सबसे कठिन स्थल है। बेहद संकरी सड़क में चट्टानों की कटिंग और यातायात को सुचारु रख पाना विभाग के लिए बड़ी चुनौती होगा। चट्टान कटिंग के दौरान यातायात जारी रखने के लिए विभाग को वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी।

12 मीटर चौड़ी बन रही सड़क

150 किलोमीटर लंबी बारहमासी सड़क पर चार पैकेज के तहत नवंबर 2017 से काम शुरू हुआ था। इसके तहत 6 मीटर चौड़ी सड़क को दो गुना कर 12 मीटर चौड़ा किया जाना है।

ये हैं चार पैकेज

पहला पैकेज : टनकपुर-बेलखेत     

दूसरा पैकेज : बेलखेज-चंपावत                    

तीसरा पैकेज : चंपावत-च्यूरानी                    

चौथा पैकेज : च्यूरानी-पिथौरागढ़  

लग चुका है 7.66 करोड़ का जुर्माना

काम की धीमी गति और घटिया गुणवत्ता की वजह से काम करा रही एक कंपनी पर भारी-भरकम जुर्माना भी लग चुका है। दो पैकेज पर काम करा रही आरजीबी पर करीब एक माह पूर्व 7.66 करोड़ रुपये जुर्माना एनएच खंड लगा चुका है।                 

नैनीताल के बलियानाले का भी मुख्‍य सचिव ने किया निरीक्षण

नैनीताल : शहर के अस्तित्व के लिए अहम व भूगर्भीय दृष्टि से अतिसंवेदनशील बलियानाला ट्रीटमेंट को लेकर उच्चस्तरीय पहल तेज हो गई है। लगातार भूस्खलन व दरक रही पहाड़ी से बढ़ते खतरे को देखते हुए तथा जापानी विशेषज्ञों के सहयोग से ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन को लेकर शासन एक्टिव मोड में आ गया है। मुख्य सचिव ने साफ कहा है कि जायका विशेषज्ञों की ओर से तैयार ट्रीटमेंट प्लान के अध्ययन के आधार पर बलियानाला का स्थायी उपचार किया जाएगा। उन्होंने इस संबंध में तकनीकी जानकारियां भी मांगी हैं। शनिवार शाम को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने वित्त व आपदा प्रबंधन सचिव अमित नेगी, मंडलायुक्त राजीव रौतेला, डीएम सविन बंसल व अन्य अधिकारियों के साथ बलियानाला का व्यापक निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों के पुनर्वास का पुख्ता इंतजाम किया जाएगा। इस दौरान सीएस ने पहाड़ी के उपचार के लिए बनाए गए प्लान और मैप का भी अध्ययन किया। उन्होंने कहा कि नैनी झील और नगर के अस्तित्व को बचाने के लिए पहाड़ी का जल्द से जल्द स्थायी उपचार किया जाना जरूरी है। जायका द्वारा पहाड़ी के उपचार के तीन प्लान बनाए गए हैं।

यह भी पढ़ें : जल्द शुरू होगा इंडो-नेपाल बॉर्डर सीमांकन का सर्वे, सीमा विवाद से मिलेगी निजात

यह भी पढ़ें : हाई कोर्ट का अहम आदेश, अब अपनी बार एसोसिएशन के खिलाफ केस कर सकते हैं अधिवक्ता


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.