Move to Jagran APP

World Cervical Cancer Day : दुनिया भर में महिलाओं की मौत का चौथा बड़ा कारण सर्वाइकल कैंसर, जानें इसके बारे में सबकुछ

दुनिया भर में महिलाओं की मौत का चौथा बड़ा कारण सर्वाइकल (गर्भाशय के मुंह) कैंसर हैं। जागरूकता व जांच के अभाव में यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 05 Feb 2020 09:31 AM (IST)Updated: Wed, 05 Feb 2020 09:31 AM (IST)
World Cervical Cancer Day : दुनिया भर में महिलाओं की मौत का चौथा बड़ा कारण सर्वाइकल कैंसर, जानें इसके बारे में सबकुछ
World Cervical Cancer Day : दुनिया भर में महिलाओं की मौत का चौथा बड़ा कारण सर्वाइकल कैंसर, जानें इसके बारे में सबकुछ

हल्द्वानी, जेएनएन : दुनिया भर में महिलाओं की मौत का चौथा बड़ा कारण सर्वाइकल (गर्भाशय के मुंह) कैंसर हैं। जागरूकता व जांच के अभाव में यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है। 2018 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में ही इस बीमारी से 60 हजार महिलाओं की मौत हुई। वहीं दुनिया में मौत का आंकड़ा तीन लाख 11 हजार पार कर गया। हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के वेबीनार में मंगलवार को एम्स नई दिल्ली की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की हेड डॉ. नीरजा भाटला ने कहा कि इस भयावह बीमारी की रोकथाम के लिए एचपीवी (ह्यूमन पैपीलोमा वायरस) वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है। साथ ही समय-समय पर स्क्रीनिंग भी आवश्यक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी बीमारी को पूरी तरह खत्म करने को 2030 तक का लक्ष्य रखा है।

loksabha election banner

क्‍या होता है सर्वाइकल कैंसर

सर्वाइकल कैंसर सर्विक्स की लाइनिंग, यानी यूटरस के निचले हिस्से को प्रभावित करता है। सर्विक्स की लाइनिंग में दो तरह की कोशिकाएं होती हैं- स्क्वैमस या फ्लैट कोशिकाएं और स्तंभ कोशिकाएं। गर्भाशय ग्रीवा के क्षेत्र में जहां एक सेल दूसरे प्रकार की सेल में परिवर्तित होती है, उसे स्क्वेमो-कॉलमर जंक्शन कहा जाता है। यह ऐसा क्षेत्र है, जहां कैंसर के विकास की सबसे अधिक संभावना रहती है। गर्भाशय-ग्रीवा का कैंसर धीरे-धीरे विकसित होता है और समय के साथ पूर्ण विकसित हो जाता है।

सर्वाइकल कैंसर होने का कारण

डॉ. नीरजा बताती हैं कि एचपीवी गर्भाशय की ग्रीवा को संक्रमित करता है। यह बीमारी असुरिक्षत यौन संबंध, कम उम्र में शारीरिक संबंध, यौन संक्रमण के अलावा व्यक्तिगत सफाई का ध्यान नहीं रखना के कारण भी होती है। डॉ. भाटला ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर रोकने के लिए एचपीवी वैक्सीन काफी कारगर है। यह पूरी तरह सेफ है। लड़कियों को नौ से 14 वर्ष के बीच में वैक्सीन लगाया जा सकता है। वैक्सीनेशन छह महीने में दो डोज दी जाती है।

रोकथाम के लिए अपनाएं ये तरीका

  • सबसे पहले एचीपीवी वैक्सीनेशन करवाएं।
  • स्क्रीनिंग व उपचार में लापरवाही न बरतें
  • सेक्स के बारे में सही जानकारी होना
  • सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, पैलिएटिव थेरेपी से इलाज

भारत में बनने वाली वैक्सीन का चल रहा ट्रायल

डॉ. नीरजा ने बताया कि भारत में भी सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीन बन रही है। यह वैक्सीन अभी ट्रायल फेज में है। तीसरे चरण का ट्रायल जल्द शुरू होने वाला है। इसके बाद देश में कम दरों पर वैक्सीन की बेहतर सुविधा महिलाओं को मिलने लगेगी।

कैंसर सर्वाइवर बोली, बीमारी से माइंड डायवर्ट करना जरूरी

कैंसर सर्वाइर संगीता ने अपने अनुभव शेयर करते हुए कहा कि बीमारी से उबरने में परिवार का पूरा सपोर्ट मिला। आज वह पूरी तरह सामान्य जिंदगी व्यतीत कर रही हैं। बीमारी के दौरान एक-दूसरे का सहयोग बहुत जरूरी है। यह सहयोग हर तरह का होता है। सबसे जरूरी है भावनात्मक मजबूती। बताने लगती हैं, बीमारी के दौरान माइंड को दूसरी जगह डायवर्ट रखें। नकारात्मक विचारों को पास न फटकने दें। अगर परिवार भी आपकी भावनाओं को समझता है तो आपको गंभीर बीमार से उबरने में अधिक मदद मिलेगी।

यह भी पढ़ें : चीन से लौटी मासूम की तबीयत बिगड़ी, स्वास्थ विभाग ने पुणे भेजा जांच सैंपल

यह भी पढ़ें : कैलास मानसरोवर यत्रियों को अब ऊँ पर्वत के दर्शन भी आसानी से होंगे, नावीढांग तक बनी सड़क


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.